PATNA : अब प्राइवेट स्कूल मनमानी फीस नहीं वसूल सकते। वे जैसी सुविधाएं देंगे वैसी ही फीस ले सकते हैं। फीस कितनी होगी उसकी भी एक लिमिट तय की जा रह है। हर प्राइवेट स्कूल सरकार के घेरे में होगा। उससे बाहर जाकर कोई भी फीस तय नहीं कर सकता। शिक्षा व्यवस्था को बदलने वाले कानून का प्रारूप तैयार हो चुका है। कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सरकार ने स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने की कवायद शुरू कर दी है। 5 राज्यों के अध्ययन के बाद सरकार कानून बनाकर प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण से एडमिशन तक में हस्तक्षेप करने के अधिकार प्राप्त करने जा रही है।

जो नहीं मानेगा कानून उसकी जाएगी मान्यता

-कमेटी प्राइवेट स्कूलों की आधारभूत संरचना से लेकर छात्रों की दी जाने वाली सुविधाओं तक का अध्ययन करेगी।

-हर स्कूल में देखा जाएगा कि एक कक्षा में बच्चों की संख्या कितनी है।

-उनके बैठने के लिए क्या सुविधा है।

-पढ़ाने वाले मास्टर की योग्यता क्या है।

-स्कूल निजी भवन में चल रहा है या फिर किराए के भवन में।

-इसी आधार पर स्कूलों को ग्रेड में बांटा जाएगा।

-जिलास्तर पर पर जांच और ग्रेडिंग का निर्धारण होने के बाद स्कूलों में फीस निर्धारित की जाएगी। जांच में दोषी पाए गए स्कूलों पर सरकार एक्शन लेगी।

-स्कूलों की मान्यता रद करने के लिए सरकार स्वतंत्र होगी।

प्राइवेट स्कूलों में फीस नियंत्रण को लेकर पूर्व मंत्री अशोक चौधरी के कार्यकाल में कमेटी गठित की गई थी। अब सरकार ने कमेटी की रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद स्कूलों पर नियंत्रण की तैयारी कर ली है। सभी पहलुओं का अध्ययन कर उन्हें कानून के दायरे में लाएंगे।

कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, शिक्षा मंत्री, बिहार