PATNA: पेपर लीक मामले में एसआईटी को रंजन और हरिओम की तलाश है। इन दोनों की तलाश में एसआईटी तेजी से जुट गई है। इन दोनों को पकड़ा जाना बेहद जरूरी है। एसआईटी को उम्मीद है कि इन दोनों के पकड़े जाने से कई और नए खुलासे सामने आने की उम्मीद है। दरअसल फरार रंजन और हरिओम गिरफ्तार कर जेल भेजे गए बिहार स्टाफ सलेक्शन कमिशन (बीएसएससी) के चेयरमैन और आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार के रिश्तेदार हैं। रंजन आरा का रहने वाला है और सुधीर कुमार के साढ़ू का बेटा है। ख्फ् जनवरी को जब सुधीर कुमार का भांजा आशीष क्वेश्चन पेपर और आंसर की लेने हजारीबाग गया था। उस वक्त रंजन और हरिओम मौजूद था।

- पिता से भी हो सकती है पूछताछ

गिरफ्तार भांजे आशीष ने एसआईटी के सामने अपने नाना व सुधीर कुमार के पिता राधा प्रसाद का नाम लिया था। एसआईटी को उसने बताया था कि नाना जी से ही उसे क्वेश्चन पेपर व आंसर की मिला था। आशीष तो अब जेल में है। लेकिन सोर्स की मानें तो जल्द ही एसआईटी सुधीर कुमार के पिता पर भी अपना शिकंजा कस सकती है। संभव है कि उनसे भी जल्द ही पूछताछ हो।

- झारखंड से दिल्ली तक छापेमारी

एसआईटी की अलग-अलग युनिट अब भी लगातार दूसरे स्टेट में घूम रही है। सोर्स की मानें जहां रंजन और हरिओम की तलाश झारखंड के शहरों में की जा रही हैं। वहीं ओएमआर सीट के मूल्यांकन का कांट्रैक्ट लेने वाली कंपनी के मालिक की तलाश दिल्ली में की जा रही है। ये शख्स भी लगातार अपना लोकेशन बदल रहा है। इसकी तलाश में एसआईटी की एक युनिट लगातर दिल्ली में कैंप कर रही है।

- पैरवी करने वालों की बन रही है लिस्ट

पेपर लीक मामले के शुरूआती दौड़ में चेयरमैन सुधीर कुमार ने कहा था कि उनके पास पैरवी करने वाले नेताओं व दूसरे लोगों के कॉल व एसएमएस आते थे। सोर्स की मानें तो सुधीर कुमार की ये बात एसआईटी के निशाने पर आ गई है। अपने चहेते कैंडिडेट्स के लिए कौन-कौन लोगों ने पैरवी की थी? इसके डिटेल्स खंगाले जा रहे हैं।

- मोबाइल से मिले कई सबूत

सोर्स बताते हैं कि सुधीर कुमार के मोबाइल से भी कई ठोस सबूत एसआईटी के हाथ लगे हैं। जिन लोगों ने उनके पास अपने चहेतों के लिए पैरवी की थी, उनके नाम और मोबाइल नंबर्स एसआईटी को मिल गए हैं। अब एक-एक कर सभी से पूछताछ किए जाने की संभावना है। सबसे बड़ा सवाल ये है कि पैरवी करने वालों ने आखिर किस आधार पर ये कदम उठाया था? कहीं पैरवी के एवज में उनके सामने किसी प्रकार की डिमांड तो नहीं की गई थी? अगर डिमांड की गई थी तो वो क्या है? कैश या और कुछ?

रंजन और हरिओम अभी फरार हैं। इनकी तलाश चल रही है। ओएमआर सीट का मूल्यांकन का जिम्मा लेने वाली कंपनी के मालिक को भी तलाशा जा रहा है। हमारी टीम पेपर लीक के मुद्दे पर ही काम कर रही है।

मनु महाराज, एसएसपी, पटना