- जाप कार्यकर्ताओं ने फाड़ डाला भाजपा का बैनर और पोस्टर

- वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस कर रही मुकदमा दर्ज करने की तैयारी

PATNA :

कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की ओर से मंगलवार को भारत बंद का आह्वान किया गया था। जिसका राजधानी पटना में मिलाजुला असर दिखाई दिया। दुकानें बंद रही तो वहीं वाहनों का संचालन भी न के बराबर रहा। इस दौरान राजधानी के कई हिस्सों में राजनीतिक दलों के अलावा अन्य लोगों ने प्रर्दशन भी किया। हालांकि शाम चार बजे तक स्थिति सामान्य हो गई। वहीं पुलिस फोर्स भी पूरी तरह से मुस्तैद रही।

डाकबंगला रहा मुख्य केंद्र बिन्दु

राजधानी का डाकबंगला चौराहा प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बिन्दु रहा। यहां पर कांग्रेस, जाप, राजद के अलावा वाम दलों से जुडे़ कार्यकर्ता प्रदर्शन करते रहे। जाप के कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा मचाया। चौराहे पर जो भी वाहन आ रहे थे, उन्हें रोककर उनके ऊपर चढ़कर प्रदर्शन और नारेबाजी करते रहे।

सभी दलों ने अपने अपने तरीके से किया प्रदर्शन

डाकबंगला चौराहा के साथ ही इनकम टैक्स गोलंबर पर राजद और जाप समर्थकों ने अपने-अपने तरीके से प्रदर्शन किया। जदयू-भाजपा के पोस्टर-बैनर फाड़े गए और पीएम मोदी-सीएम नीतीश की तस्वीरों को जलाया गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस से बहस भी हुई। दोपहर 1 बजे के बाद डाकबंगला चौराहा और आसपास के इलाकों में ट्रैफिक सामान्य हो पाया।

राजनीतिक दल दिखे अधिक सक्रिय

राजधानी पटना में किसानों के समर्थन में राजनीति दलों ने जमकर प्रदर्शन किया। आरजेडी, जाप और कांग्रेस के समर्थकों ने जेडीयू और भाजपा के होर्डिग व बैनरों पर जमकर गुस्सा उतारा। कहीं पर उनमें आग लगा दी गई तो कहीं पर उन्हें फाड़ दिया गया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई।

आवागमन में रही परेशानी

बंद की जानकारी होने से लोग घरों से कम ही निकले, लेकिन सुबह 9 से 12 के बीच जो लोग जरूरी काम से निकले उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई नौकरी पेशा और बीमार को परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि राजनीतिक दलों की ओर से विरोध प्रदर्शन के दौरान इस बात का जरूर ध्यान रखा गया कि एंबुलेंस और बीमार को आने जाने में कोई दिक्कत न हो, लेकिन डाकबंगला और इनकम टैक्स चौराहे पर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

पीएमसीएच तक पहुंचने में लगा एक घंटा

बोरिंग रोड निवासी रामवीर ने बताया कि अस्पताल आना जरूरी था, मां के पेट मे अचानक से दर्द हुआ इस कारण आना पड़ा। उन्होंने बताया कि पीएमसीएच तक आने में एक घंटा लग गया। घर से निकले तो कोई साधन ही नहीं मिला। किसी तरह से वह अस्पताल पहुंचे। वहीं अस्पताल के डॉक्टर और अन्य स्टाफ को भी अस्पताल आने में काफी समस्या हुई। कई डॉक्टर अस्पताल लेट से पहुंचे। महेश नगर निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि उसे जानकारी थी कि आज भारत बंद का आहवान किया गया, इसी लिए जल्दी अस्पताल पहुंच गया था, लेकिन चर्म रोग विभाग के डॉक्टर काफी देरी से पहुंचे। लेट पहुंचने का कारण जाम में फंसा होना बताया गया। ऐसे ही मेडिसिन विभाग में कई डॉक्टर देरी से पहुंचे। डॉक्टरों के साथ ही अन्य स्टाफ भी देरी से पहुंचा।

फुटेज के आधार पर पुलिस कर रही है कार्रवाई

पुलिस प्रशासन ने भारत बंद के दौरान हुए प्रदर्शन की वीडियोग्राफी कराई है। हंगामा, तोड़फोड़ करने वालों के अलावा कोरोना गाइड लाइन का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन फुटेज के आधार मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई करेगा।

40 मजिस्ट्रेट किए गए थे तैनात

भारत बंद के दौरान राजधानी में 40 मजिस्ट्रेट तैनात किए गए थे। इसके अलावा पुलिस को हर चौराहे से लेकर हर स्तर पर मुस्तैद किया गया था, ताकि प्रदर्शन कारियों पर नजर रहे।

बंद का यहां अधिक असर

गांधी सेतु व पीपा पुल जाने को दोपहर तक खड़े रहे वाहन

कृषि सुधार बिल के विरोध में भारत बंद के आह्वान की हिमायत करते हुए सड़क पर उतरे विभिन्न किसान एवं राजनीतिक संगठनों से जुड़े लोगों ने हाजीपुर क्षेत्र में गांधी सेतु पर सुबह से ही वाहनों का परिचालन ठप कर दिया। वैशाली के तेरसिया घाट से पीपा पुल पर वाहनों का प्रवेश रोक दिए जाने से पटना स्थित भद्रघाट से प्रवेश किए वाहनों की कतार पीपा पुल से लेकर अशोक राजपथ तक लगी रही। दोपहर बाद इन दोनों मार्गों पर वाहनों का परिचालन शुरू हुआ। सेतु पर परिचालन बंद किए जाने से गाडि़यों की कतार एनएच-30 पर पश्चिम में बस पड़ाव से लेकर पूरब में टोल प्लाजा के आगे तक लग गयी। इन वाहनों की गति सामान्य होने में कई घंटे लग गए। जाम में गाडि़यों के बीच कई एंबुलेंस भी फंसी रही। मरीज के साथ वाहनों पर सवार यात्री परेशान होते रहे। गांधी सेतु और पीपा पुल पर पटना की ओर से कोई भी बंद समर्थक नहीं पहुंचे। इधर, बंद को लेकर केवल जरूरी काम के लिए ही लोग घरों से निकले। अशोक राजपथ, सुदर्शन पथ, कुम्हरार कंकड़बाग रोड पर वाहनों की संख्या कम दिखी।

खुले रहे बैंक और बाजार पर नहीं दिखे ग्राहक

भारत बंद का राजधानी में मंगलवार को मिलाजुला असर रहा। बैंक सहित प्रमुख बाजार भी खुले रहे, लेकिन ग्राहकों की संख्या काफी कम दिखी। बिहार प्रोविंसियल बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के उप महासचिव संजय तिवारी ने कहा कि ग्राहक 50 फीसद कम आए। ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव डीएन त्रिवेदी ने कहा कि ग्राहकों के कम पहुंचने से एक हजार करोड़ रुपये का लेनदेन कम हुआ। किसान आंदोलन को कई बैंक यूनियनों ने अपना नैतिक समर्थन दिया है।