-कोरोना से निपटने में बड़ी लापरवाही, एम्स पटना के जनरल वार्ड में भर्ती किया गया था कोरोना का पेशेंट

PATNA: कोरोना से पटना में हुई पहली मौत के बाद से इस महामारी के इलाज की व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। जहां एक ओर कोरोना से जिसकी मौत हुई है वह किडनी का भी पेशेंट था और बताया जा रहा है कि वह एम्स पटना के जनरल वार्ड में एडमिट था। जबकि वार्ड में और भी कई पेशेंट थे। जानकारी हो कि यह आम वायरस की तुलना में करीब 100 गुणा तेजी से इनफेक्शन फैलाता है। ऐसे में इसका असर बहुत घातक हो सकता है।

जांच में देरी से बढ़ा खतरा

कोरोना जांच रिपोर्ट में समय लगने और जिसकी मौत हुई उसकी पटना में आने से पहले कोरोना की जांच ही नहीं हुई थी। उसके होम टाउन मुंगेर में जांच की कोई व्यवस्था ही नहीं है। मामला यह भी है कि मृतक के परिजन उसके इलाज के लिए कई मुंगेर और पटना में भी जगह-जगह भटकते रहे।

पटना से मुंगेर तक दहशत

जानकारी के मुताबिक कोरोना से हुई डेथ पेशेंट कतर में काम करता था और वह पहले से ही किडनी का पेशेंट भी था। लेकिन जब तक कोरोना पेशेंट के रिलेटिव उसे लेकर मुंगेर से पटना तक भटकते रहे, उन्हें या आस-पास किसी को पता ही नहीं था कि वह कोरोना का भी पेशेंट था। ऐसे में उसकी मौत के बाद से मुंगेर से लेकर पटना तक

दहशत का माहौल है। क्योंकि डेथ किये पेशेंट के साथ रहने वाले परिजन के साथ अन्य कई लोग इनफेक्टेड हो सकते हैं। साथ ही उसके डेथ के बाद से जो भी उसके क्रिमेशन में शामिल हुए होंगे, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं।

ज्यादा उम्र वालों पर खतरा

एम्स में किडनी वाले पेशेंट की कोरोना से मौत से इस बात की भी पुष्टि

होती है कि ज्यादा एज वालों केा इस बीमारी का खतरा होता है। कोरोना से इनफेक्शन के मामले पर सीनियर फिजिशियन डॉ राजीव रंजन ने कहा कि यूं तो कम उम्र वाले को इसका खतरा कम होता है। लेकिन इस केस में मामला एज नहीं बीमारी है। क्योंकि एज के हिसाब से इसके इनफेक्शन का रेट प्रति हजार में मात्र दो है। लेकिन जिन्हें किडनी, लीवर आदि की बीमारी हो, वे जल्दी इनफेक्ट होते हैं।

अब सभी की होगी जांच

मुंगेर के एक पेशेंट, जिसकी कोरोना से मौत होने की पुष्टि आरएमआरआई की रिपोर्ट में की गई है। इस रिपोर्ट के आने के बाद से मामला बेहद संवेदनशील हो गया है। इस मामले पर पटना के सिविल सर्जन डॉ आर के चौधरी ने कहा कि इस मामले से और नए मामले बढ़ने का खतरा हो सकता है। इसलिए पेशेंट के मौजूद सभी रिलेटिव और उनके संपर्क में आने लोगों और पेंशेंट की जांच कराई जाएगी।

फ्लू कार्नर में होगी जांच

कोरोना से संबंधित लक्षण की जांच के लिए एम्स पटना में अलग से एक फ्लू कार्नर होगा। यहां कोरोना के संदिग्ध पेशेंट की जांच होगी। एम्स सूत्रों ने बताया कि जांच के आधार पर इस पेशेंट को कैटेगराइज किया जाएगा कि किसे कहां रखना है। जैसे आइसोलेशन वाले अलग, पॉजिटिव केस वाले अलग और जिन्हें मात्र होम आइसोंलेशन रखना है, उन्हें भी अलग रखा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि कोरोना के पेशेंट को एम्स ओपीडी की छठे फ्लोर पर रखा जाएगा। एम्स में पटना के पहले डेथ केसेज आने के बाद से डॉक्टरों में भी भय का माहौल बन गया है। जहां इटली में बहुत सावधानी बरते जाने के बाद भी करीब 2500 इनफेक्ट हो गये थे। ऐसे में कोरोना के ट्रीटमेंट में शामिल सभी मेडिकल स्टाफ के बीच भी एक डर का माहौल बन गया है।