कॉलेज के स्टूडेंट भी चपेट में

यह रेड शहर के कई एरिया में हुई। यही नहीं इसमें हर तरह के जगह शामिल रहे। ब्यूटी पार्लर, रेस्टोरेंट, अपार्टमेंट और रेसिडेंशियल। पटना सिटी के रेस्टोरेंट में तो रेड कर पुलिस ने एक साथ 58 लड़के और लड़कियों को पकड़ा। सेक्स बाजार के जाल में कॉलेज के स्टूडेंट भी फंसते जा रहे हैं। पुलिस ने पिछले दिनों दो ऐसी जगहों पर रेड की जहां से कम उम्र के बच्चे पकड़े गए। कॉलेज जाने वाली लड़कियां अपने दोस्तों की संगत में सेक्स कारोबार में फंस चुकी है।

कुछ 11वीं और 12वीं क्लास की थी

इन लड़कियों को जब महिला थाने से फैमिली वालों को सुपुर्द किया जा रहा था तब पता चला कि कितनी लड़कियां कॉलेज की थीं। 16 जुलाई को हेमप्लाजा के गुलमोहर रेस्टोरेंट में ऐसी ही कई लड़कियां पकड़ी गईं। इसके अलावा आलमगंज से पकड़ी गई लड़कियों में कुछ 11वीं और 12वीं क्लास की थी, जो वहां आकर इस धंधे में फंस चुकी थी। किसी न किसी के चक्कर में पड़कर ये वहां तक पहुंची थी, जहां सेक्स के बाजार की तरह हर चीज मौजूद थी। इन जगहों पर इन्हें आपत्तिजनक हालत में पकड़ा गया था।

वर्षों से जिस्फरोशी का धंधा चल रहा

आलमगंज थाना एरिया के गायघाट में वर्षों से जिस्फरोशी का धंधा चल रहा है। गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु बनने के बाद पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए एक ग्रीन बेल्ट बनाया गया जिसे अशोक वन का नाम दिया गया था। धीरे-धीरे यहां लगे पौधे बड़े हुए और कटते चले गए। यहां अवैध रूप से झोपडिय़ां आबाद होने लगीं। इन्हीं में से कुछ झोपडिय़ों में जिस्मफरोशी का धंधा शुरू हो गया। आज भी शाम ढलने के साथ ही गंगा पार से सेक्स वर्कर्स आती हैं और अर्ली मार्निंग लौट जाती हैं।

अशोक वन की पहचान समाप्त

अशोक वन पूरी तरह समाप्त हो गया। यहां महिला रिमांड होम, बाल रिमांड होम, अंबेदकर रेसिडेंशियल हाई स्कूल, ज्यूडिशियल ट्रेनिंग एकेडमी आदि बन गए। इसके बाद भी झोपडिय़ां व अन्य कच्चा-पक्का निर्माण कायम हैं। वहीं गायघाट के सराउंडिंग एरिया में भी जिस्फरोशी का धंधा चलता है। चर्चा तो यहां तक है कि 15-20 वर्ष पूर्व महिला रिमांड होम से गल्र्स को बाहर लोगों को खुश करने व धंधा कराने के लिए भेजा जाता था। अब भी यहां पर सेक्स वर्कर घूमती हैं और कस्टमर खोजती हैं।

मोबाइल ने किया काम आसान

सेलफोन ने काम को और आसान कर दिया है। अब सेक्स वर्कर अपने कस्टमर को सेल नंबर दे देती हैं। दोनों में बातें होती हैं और तय टाइम दोनों वहां पहुंच जाते हैं। पुलिस का भी कोई लफड़ा नहीं होता है। गायघाट में झोपडिय़ों की संख्या कम होने व पब्लिक एक्टिविटीज अधिक होने से धंधे को ब्रेक लगना शुरू हो गया। इसका काम आसान किया रेस्टोरेंट संचालकों ने। पहले सेक्स वर्करों ने ही रेस्टोरेंट में पैठ जमाई और कस्टमर को लेकर पहुंचने लगी। इसमें फायदा देखने के बाद ही रेस्टोरेंट संचालकों ने कपल के लिए केबिन कल्चर शुरू किया।

अधिक नहीं है खर्च

रेस्टोरेंट में सेक्स वर्कर के आने पर कस्टमर से पांच सौ रुपए लिए जाते हैं। एक सेक्स वर्कर ने बताया कि वह 500 रुपए लेती है लेकिन उसे सिर्फ 200 मिलते हैं। 300 रुपए रेस्टोरेंट वाले ले लेते हैं। उसने बताया कि रेस्टोरेंट वाले लोकल पुलिस व दबंगों को कमीशन देने के नाम पर ये रुपए लेते हैं। उसने बताया कि इस धंधे में सेक्स वर्कर्स के रूप में 18 से 35 वर्ष के बीच की शामिल होती है। एज जितनी अधिक होगी राशि उतनी घटती जाएगी।

दोस्त की दगा ने जिस्म के बाजार में धकेला

रीमा (बदला) को उसकी दोस्त ने ही धोखा दिया। वह उसे पटना में नौकरी दिलवाने के नाम पर लाई थी। कुछ दिनों तक अपने साथ रखा और एक दिन उसे ब्यूटी पार्लर में बैठा दिया। वह कुछ जानती नहीं थी, बस उसे ग्राहकों को इंटरटेन करना था। पहले तो वह नहीं समझ सकी, लेकिन एक बार इस दलदल में फंसी तो फिर निकल न सकी और डूबती ही चली गई। एक बार पुलिस ने जब रेड की तो वह भी पकड़ ली गई। उस समय उसकी दास्तान सुनकर पुलिस भी सोच में पड़ गई।

फादर की पिटाई से थी दुखी

रीमा हाजीपुर की रहने वाली है। उसका पिता उसपर छोटी-छोटी बात को लेकर गुस्सा करता, मारता पीटता। हर दिन की इस जिल्लत से वह परेशान हो गई थी। गांव की ही उससे उम्र में थोड़ी बड़ी मगर दोस्त की तरह रहने वाली रानी जब पटना से लौटी तो उससे अपने दिल की बात बताई। रानी पहले से ही पटना के ब्यूटी पार्लर में काम कर रही थी। रानी ने उसकी उस परेशानी का फायदा उठाया और उसे पटना लेकर चली आई। कुछ दिन तो साथ रखा और एक दिन उसे ब्यूटी पार्लर के उस सेक्स बाजार में बैठा दिया जहां से उसका लौटना मुश्किल था। वह फंस गई। अब वह घर जाना चाहती थी। उसकी वह दोस्त भी उसे वहां छोड़कर चली गई। रीमा जब पकड़ी गई तो उसे समझ में आया कि अब वह इस दलदल से निकल सकती है। उसने पुलिस से घर वालों के पास पहुंचाने में मदद मांगी।

पिछले तीन महीने में हुई रेड  

5 मई : पत्रकार नगर  थाना - महात्मागांधी नगर, दीपक कुमार के मकान में - 6 लड़के और 7 लड़कियां हिरासत में।

11 मई : कोतवाली थाना - रीगल ब्यूटी पार्लर, कुमार टॉवर- 5 लड़के और 4 लड़कियां हिरासत में।

20 मई : गांधी मैदान थाना - गगन अपार्टमेंट- 3 लड़के और 5 लड़कियां हिरासत में।

8 जुलाई : कोतवाली थाना - सीजर, रिलैक्स, स्पार्क ब्यूटी पार्लर में रेड -7 लड़के और 6 लड़कियां हिरासत में।

10 जुलाई : एसके पुरी - मां भगवती कॉम्प्लेक्स,  रॉक्सी मेन्स पार्लर- 4 लड़के और 6 लड़कियां हिरासत में।

16 जुलाई : कोतवाली थाना - हेमप्लाजा के गुलमोहर रेस्टोरेंट -13 लड़के और 14 लड़कियां हिरासत में।

25 जुलाई : रामकृष्ण नगर थाना - डॉ रामानंद सिंह के मकान में - 4 लड़के और 6 लड़कियां हिरासत में।

30 जुलाई : आलमगंज थाना - शीतल और शुभम रेस्टोरेंट में - 32 लड़के और 26 लड़कियां हिरासत में।