- इलाज से मना करने पर होगी अस्पताल पर कार्रवाई

- युवाओं की टीम बचा रही है पटना में लोगों की जान

PATNA@inex.co.in

PATNA (31 Jan): यदि आप बीमार हैं और अस्पताल में आपका इलाज करने से मना किया जा रहा है तो आप संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करा सकते हैं। हर व्यक्ति को ये अधिकार है कि वह कहीं भी किसी भी अस्पताल में प्राथमिक उपचार करा सके। उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन के अनुसार यदि कोई भी अस्पताल इलाज करने से मना करता है तो उसके खिलाफ जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई कर सकता है। आई नेक्स्ट आपको बताने जा रहा है कि अस्पताल में एडमिट होने वाले और उसे भर्ती कराने वाले व्यक्ति का क्या अधिकार है।

- हर अस्प्ताल को देना है फ‌र्स्ट एड

सरकारी हो या प्राइवेट सभी हास्पिटल को इलाज के लिए आने वाले मरीज को प्रथम उपचार देना है। किसी भी दशा में वह मरीज को इलाज से मना कर वापस नहीं कर सकता है। एक्ट के मुताबिक प्राइवेट अस्पतालों को भी यह निर्देश होता है कि वह मरीज को वापस नहीं कर सकता है। अगर वह बीमार व्यक्ति को पैसा या अन्य किसी कारण से वापस करता है तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई हो सकती है। यहां तक की प्राइवेट अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी मुश्किल में पड़ सकता है।

- बिना झिझक करें मदद, पुलिस नहीं करेगी कार्रवाई

अक्सर पुलिस के डर से लोग मरीज को अस्पताल तक नहीं ले जाते हैं। सबसे अधिक मामले दुर्घटना के होते हैं जिसमें लोग पुलिस की डर से मदद करने से दूर भागते हैं। यही कारण है कि पचास प्रतिशत से अधिक मामलों में घायलों की मौत समय से इलाज नहीं होने के कारण हो जाती है। लोग पुलिस के डर से सड़क पर पड़े घायलों की मदद नहीं करते हैं और वहां रुकने में भी डरते हैं। ऐसा नहीं है आप ऐसे लोगों की मदद करें पुलिस आपको ऐसे मामलों में परेशान नहीं करेगी। अगर पुलिस परेशान करती है तो आप अधिकारियों से शिकायत कर उसके खिलाफ कार्रवाई करा सकते हैं। उच्चतम न्यायालय की गाइड लाइन है कि सरकारी और प्राइवेट अस्पताल हर हाल में मरीज को प्राथमिक उपचार देगा।

- अस्पताल की मनमानी पर करें शिकायत

अगर अस्पताल इलाज में मनमानी करता है और दुर्घटना या अन्य मामले में मरीज को मना कर रहा है तो उसके खिलाफ आप शिकायत कर कार्रवाई कराने के लिए आगे आएं। आप सीएमओ के साथ जिला प्रशासन से शिकायत कर कार्रवाई करा सकते हैं। सीएमओ और जिलाधिकारी को शिकायत करने के बाद भी यदि कोई सुनवाई नहीं होती है तो पीडि़त न्यायालय का सहारा ले सकता है। वह उच्चतम न्यायालय के आदेश के हवाले से संबंधित अस्पताल के खिलाफ विधिक कार्रवाई करा सकता है। लोग जागरुक होंगे और कार्रवाई को आगे आएंगे तो अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लग जाएगा।

- इलाज व जांच के पहले लें जानकारी

मरीज जांच और इलाज कराने के पूर्व संबंधित मामले में पूरी जानकारी ले सकता है। अगर कोई अस्पताल इस मामले में मनमानी करता है तो उसके खिलाफ भी आप शिकायत कर सकते हैं। मेडिकल एक्ट में मरीजों को ये अधिकार दिया गया है कि वह इलाज और जांच से पहले पूरी जानकारी ले सकता है। ऐसा नहीं हो सकता है कि बिना मरीज की अनुमति के डॉक्टर कोई इलाज या जांच कर दे।

- एक नजर में जाने नियम

- कोई भी सरकारी प्राइवेट अस्प्ताल प्राथमिक उपचार से मना नहीं कर सकता है

- अस्पताल में व्यवस्था नहीं होने के बाद भी डॉक्टरों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर करना है

- अस्पताल को प्राथमिक उपचार के बाद स्पेशलिस्ट के पास रेफर करना है

- पीडि़त को अस्पताल तक पहुंचाने वाले को पूरा अधिकार है कि वह डॉक्टरों पर कार्रवाई करा सकता है

- कोई भी डॉक्टर इलाज से मना करता है तो पीडि़त तत्काल सीएमओ और डीएम को फोन कर सकता है

- कोई भी व्यक्ति किसी को भी इलाज के लिए मदद कर सकता है इसमें पुलिस बेवजह परेशान नहीं कर सकती है

- दुर्घटना से लेकर अन्य मामलों में पीडि़तों को अस्पताल पहुंचाना नैतिक जिम्मेदारी है और इसमें कोई डर नहीं होना चाहिए

- अधिकार है कि बीमार को अस्पताल भर्ती कराएं और अपने अधिकार का पालन कर उसे पूरी मदद दिलाएं

- डॉक्टरों की मनमानी के लिए सीएमओ और डीएम जबकि पुलिस की मनमानी पर एसएसपी से कर सकते हैं शिकायत

- प्रशासनिक तंत्र नहीं सुनता है तो आप न्यायालय में शिकायत कर जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई करा सकते हैं

- प्रत्यक मरीज को इमरजेंसी सेवा का पूरा अधिकार है और इसका वह पूरी तरह से इस्तेमाल कर सकता है

- सेवा समिति बनाकर बचा रहे जान

पटना के कुछ व्यापारियों ने मिलकर मां वैष्णो देवी सेवा समिति बनाया है जिसके माध्यम से वह लोगों की जान बचाने का काम करते हैं। सेवा समिति के मुकेश हिसारिया के मुताबिक अब तक वह कई जिंदगियां बचा चुके हैं। समिति में ढाई सौ से अधिक लोग हैं और सभी इस मुहिम पर नि:स्वार्थ भाव से काम करते हैं। अब तक दर्जनों एक्सीडेंटल के मामलों में पीडि़तों की जान बचाएं हैं और पुलिस किसी भी तरह से परेशान नहीं कर सकी है। इतना ही नहीं समिति का एक व्हाटसएप ग्रुप भी चलता है जिसमें किसी को भी खून की जरुरत हो मैनेज किया जाता है।

- घटना याद कर कांप जाती है रूह

पटना के ठाकुरवाड़ी रोड में चाट समोसा की दुकान करने वाले संतोष कुमार पिछले वर्ष होली में हुई घटना को सोच कर कांप उठते हैं। उनका कहना है कि दो बाइक की आमने सामने से भिड़त हो गई थी जिसमें एक महिला पुरुष गंभीर रुप से घायल हो गए थे। दोनों का खून बहा जा रहा था। मामला एक्सीडेंटल का था लेकिन पुलिस की परवाह किए बगैर आस पास के दुकानदारों ने मदद की और समय से उपचार कराकर दोनों की जान बचाई। उनका कहना है कि लोगों को इस मामले में बिना डरे मदद करना चाहिए जिससे अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके।