- वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का हुआ था जन्म

- भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना की

PATNA : राजधानी समेत जिले भर में आज बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाएगा, ये त्योहार हर साल माघ मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। ऐसी मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा ने मनुष्य की रचना तो कर दी लेकिन वो अपने सर्जना से वे संतुष्ट नहीं थे। उन्हें लगता था कि मेरे सर्जना में कुछ कमी रह गई है, जिसके कारण चारों ओर मौन छाया रहता है। विष्णु जी से सलाह लेकर ब्रह्मा ने अपने कमण्डल से जल छिड़का। पृथ्वी पर जलकण बिखरते ही उसमें कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति का प्राकट्य हुआ। यह प्राकट्य एक चतुर्भुजी सुंदर स्त्री का था, जिसके एक हाथ में वीणा तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जब ब्रह्मा ने उनसे वीणा बजाने का अनुरोध किया तो वीणा बजते ही पूरे संसार में एक मधुर ध्वनि फैल गई। उस ध्वनि से संसार के जीव-जन्तुओं को वाणी प्राप्त हो गई। तब ब्रह्मा जी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा।

और आप सही निर्णय लेने में सफल होंगे

मां सरस्वती विद्या और बुद्धि प्रदान करती हैं। बसंत पंचमी के दिन इनकी उत्पत्ति हुई थी, इसलिए बसन्त पंचमी के दिन इनका जन्मदिन मनाया जाता है। मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा की जाती है और विद्या और बुद्धि का वरदान मांगा जाता है। मां सरस्वती का संबंध बुद्धि से है, ज्ञान से है। यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है, यदि आपके जीवन में निराशा का भाव बहुत बढ़ गया है, तो बंसत पंचमी के दिन मां सरस्वती का पूजन अवश्य करें। मां के आशीर्वाद से आपका ज्ञान बढ़ेगा और आप जीवन में सही निर्णय लेने में सफल होंगे।

पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह 7:क्7 बजे से क्0:0ब् बजे तक

सुबह क्क्:ख्8 बजे से क्ख्:भ्0 बजे तक

विधि विधान से करें पूजा

बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा विधि विधान से की जाती है, मां सरस्वती, ज्ञान-विज्ञान, कला, संगीत और शिल्प की देवी हैं अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए और जीवन में नया उत्साह प्राप्त करने के लिए, बसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती की उपासना पूरे देश में की जाती है, स्कूलों में सरस्वती पूजा का आयोजन किया जाता है।

मां सरस्वती की पूजा विधि

सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें, मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें, मां सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करें। मां सरस्वती का ध्यान करें। मां सरस्वती की आरती करें, मिसरी, दूध, दही, तुलसी, शहद मिलाकर पंचामृत का प्रसाद बनाकर मां को भोग लगाएं। हलवा या केसर युक्त खीर का प्रसाद अर्पित करें। सभी को प्रसाद बांटें।

सजा बाजार स्कूल-कॉलेजों में बहार

बसंत पंचमी को होनेवाली सरस्वती पूजा को लेकर राजधानी में बाजार, स्कूल- कॉलेज और मुहल्लों में काफी चहल-पहल है। विद्या की देवी मां शारदा की पूजा के लिए विद्याíथयों में सबसे ज्यादा उत्साह देखने को मिल रहा है। प्रतिमा सजाने का काम अंतिम चरण में है। पूजा के लिए विश्वविद्यालय, कॉलेज, स्कूल, मुहल्ले आदि जगहों में उत्साह देखा जा रहा है।

अज्ञानता और अंधकार को दूर करने के लिए, जीवन में नया उत्साह प्राप्त करने के लिए आज देश में लोग खासकर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स मां सरस्वती की उपासना करेंगे। बसंती पंचमी का शुभ मुहुर्त बुधवार को सुबह 07 :क्7 बजे से सुबह क्0:0ब् बजे तक है।

- पं। अखिलेश्वर झा, पटना

मीन राशी में चंद्रमा है। मीन लग्न में मां सरस्वती की पूजा करना काफी फलदायी होता है। मां सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल, आम का मंजर अर्पित कर मां सरस्वती का ध्यान करें।

- आचार्य विनोद झा वैदिक, पटना