PATNA : इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एम्स दिल्ली के साथ न्यायालय की गाइड लाइन को दरकिनार कर डॉक्टरों को पदोन्नति दे दी गई है। अनुभव और रिजर्वेशन कोटे के लिए बनाए गए नियम को नजर अंदाज करने के मामलों की जांच-पड़ताल कराई जाए तो कई अफसर इसके घेरे में आ सकते हैं।

क्या है गाइड लाइन

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स दिल्ली के नियमों को फालो करता है। बात एम्स दिल्ली के गाइड लाइन 1/2014 स्नष्ट की करें तो नियम है जनरल सीट पर एसी-एसटी का अपॉइंटमेंट नहीं हो सकता है। इतना ही नहीं रिजर्व श्रेणी के लोगों को विशेष परिस्थिति में एम्स दिल्ली के नियमों के अनुसार एक साल का ही रिलेक्शेसन दिया जा सकता है वह भी एससी-एसटी कोटे पर। जनरल कोटा में कोई छूट नहीं है और इसमें एससी और एसटी के उम्मीदवारों को कंडीशन रिलैक्श कर अपॉइंट नहीं किया जा सकता है।

डॉ विभूति ने हेल्थ मिनिस्टर से की कंप्लेन

मामला तब चर्चा में आया जब जनरल सर्जरी के डॉक्टर विभूति भूषण ने हेल्थ मिनिस्टर से लेकर डायरेक्टर तक शिकायत की और प्रमोशन में चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया। आरोप के बाद एक डॉक्टर का प्रमोशन तो रद्द कर दिया गया लेकिन अन्य के मामले में कोई जांच-पड़ताल नहीं की गई है। आईजीआईएमएस सूत्रों के अनुसार शिकायत के बाद एक डॉक्टर का प्रमोशन रोक दिया गया है। अन्य डॉक्टरों को हाल में हुई बोर्ड की बैठक के बाद प्रमोशन दे दिया गया है। सूत्रों का ये भी कहना है कि प्रोफेसर बनने के लिए क्ब् साल का अनुभव चाहिए लेकिन इसमें भी बड़ा खेल किया गया है।

मीटिंग में हूं, बाद में बात करूंगा

इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में नियुक्तिऔर प्रमोशन में की गई मनमानी को लेकर जब संस्थान के डॉयरेक्टर एनआर विश्वास से बात की गई तो उन्होंने मीटिंग की बात कहकर मामले को टाल दिया। उन्होंने पूरी बात सुनी और डॉ विभूति की शिकायत सुनते ही कहा कि मीटिंग के बाद कोई बात होगी।

ऐसे किया गया है खेल

रिजर्वेशन कोटे के डॉक्टरों को जनरल सीट पर तीन से चार साल का रिलेक्शसेसन देकर अपॉइंट के साथ प्रमोशन दे दिया गया है। ये नियमों के विरुद्ध है। संस्थान के चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए ऐसा किया गया है। इसमें जीआई सर्जरी और मेडिसिन विभाग के डॉक्टर सहित कई लोगों को नियम विरुद्ध लाभ दिया गया है। सूत्रों का कहना है कि एक डॉक्टर के पास सुपर स्पेशिलिटी एमसीएच की डिग्री भी नहीं है। ऐसे में सवाल ये है कि उन्हें लाभ किन परिस्थितियों में दिया गया है।