- महाशिवरात्रि पर दस वर्ष बाद बन रहा है विशेष संयोग

- शिव की उपासना से प्रसन्न होंगे हर देवी देवता

- शिवरात्रि में नहीं है भद्रा का योग, करें मांगलिक कार्यो की शुरुआत

PATNA : शंकर पार्वती के विवाह के दिन के रूप में महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस वर्ष इस खास दिन पर ऐसा संयोग बन रहा है जो हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाने वाला होगा। बस श्रद्धा से भगवान शिव को जलाभिषेक किया जाए। ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि लगभग क्0 वर्ष बाद ऐसा संयोग बन रहा है जो लोगों को समृद्धि दिलाने के साथ साथ हर मुश्किलों से दूर करेगा।

- ऐसे बन रहा संयोग

पटना के ज्योतिष विद्वान हिमांशु मिश्रा का कहना है कि इस बार भद्रा को महाशिवरात्रि पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इससे पूजा करने वालों को काफी अच्छा अवसर मिल रहा है। पूजा अनुष्ठान कर लोग अपनी मुश्किलों को दूर कर सकते हैं। शुक्रवार को पड़ रही महाशिवरात्रि पर सुबह से लेकर शाम तक पूजा का समय है। सुबह में भगवान शंकर को जलाभिषेक के साथ दूध और अन्य सामग्री चढ़ाएं जिससे मनोवांछित फल की प्राप्ति हो।

- उपासना से प्रसन्न होते हैं शिव

भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवरात्रि को विशेष माना जाता है। ज्योतिष विद्वान आचार्य योगेश पांडेय का कहना है कि इस दिन भगवान शंकर माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस तिथि पर जो भी शिव की उपासना करता है उसकी साी मनोकामना पूरी होती है। इस वर्ष जो संयोग बन रहा है वह कम ही बनता है। ऐसे में लोगों को पूजा अर्चना कर मनोवांछित फल प्राप्त करना चाहिए।

- महाशिवरात्रि पर ऐसे करें उपासना

आचार्य योगेश का कहना है कि शिवरात्रि पर सुबह भगवान शिव का ध्यान कर स्नान करें, भोलेनाथ का नाम लेकर दिन गुजारने का संकल्प करें, पास के मंदिर या शिवालय में जाकर शिव परिवार की पूजा करें, ऊं नम: शिवाय का जाप करें, वैदिक विधि विधान से रूद्राभिषेक करें, फूल, अरवा चावल, गाय का कच्चा दूध, मधु, चंदन, बेल पत्ता, गन्ने का रस, धान का पत्ता, धतूर का फल और फूल एकत्रित कर भगवान शिव को चढ़ाएं, अंत में शुद्ध जल और गंगा जल चढ़ाकर पूजा और आरती करें।

शिव का अर्थ है कल्याण

सूर्य पूजा समिति, पटना के अध्यक्ष हिमांशु मिश्रा ने बताया कि शिव का अर्थ कल्याण होता है। अपना और सभी का कल्याण हो इसके लिए महादेव के नाम पर रात्रि जागरण करना चाहिए। बिना प्राण प्रतिष्ठा किए घर में शिवलिंग की स्थापना के लिए शिवरात्रि सुंदर समय है। प्राण प्रतिष्ठा से घर शिवालय हो जाएगा।

- विवाह के लिए है सही समय

शंकर और पार्वती के विवाह का दिन है 'शिवरात्रि'। इस दिन किसी धार्मिक स्थल पर विवाह करना काफी उत्तम माना जाता है। सुखी दांपत्य जीवन, हर प्रकार की मंगल प्राप्ति के लिए शिवरात्रि वरदान है। इस बार भद्रा का योग भी नहीं है। शुक्रवार की ब्रह्ममुहुर्त से शनिवार की ब्रह्ममुहुर्त तक व्रत और पूजा का शुभ समय है।

निकलेगी शिव बारात

शिवरात्रि के दिन शहर के कई शिवालय से शिव बारात निकाली जायेगी। शिवलिंग का अलौकिक श्रृंगार होगा। राजधानी के कई शिवालयों से इस दिन गाजे-बाजे के साथ शिव बारात निकाली जाएगी। पटना सहित आस पास के क्षेत्रों में स्थित के शिवालयों में शिव बारात निकालने को लेकर युद्ध स्तर तैयारी चल रही है।