aanand.keshri@inext.co.in

PATNA CITY : महात्मा गांधी सेतु की हालत जर्जर होती जा रही है। सेतु पर वाहनों की बढ़ती संख्या से हर दिन लोगों को घंटों जाम झेलना पड़ता है। हालांकि सरकार ने गांधी सेतु के जीर्णोद्धार के लिए योजना तैयार की है, सेतु के सुपर स्ट्रक्चर को तोड़ा जाना है। इसलिए महात्मा गांधी सेतु पर वाहनों का दबाव कम करने और महाजाम से बचने के लिए सेतु के समानांतर पीपा पुल का निर्माण किया गया है, परंतु यह सुरक्षा की दृष्टि से बिल्कुल अनसेफ है। अभी पीपा पुल से केवल छोटे वाहनों का परिचालन हो रहा है। करीब दो किलोमीटर लंबे इस पुल को क्म्भ् पीपा जोड़ कर तैयार किया गया है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट आज आपको बताने जा रहा है कि क्यों अनसेफ है पीपा पुल, आइए जानते हैं

पुल पर लाइट की दरकार

पीपापुल की मदद से हाजीपुर के जरूआ, तेरसिया होते गायघाट आना आसान हो गया है। लेकिन, इसपर होने वाले हादसे और घटना के बारे में कोई रणनीति तय नहीं की गई है। इसका कारण तीन जिलों के बीच पुल का पड़ना है। वहीं पीपापुल पर अबतक लाइट नहीं लगी है। जिसके कारण रात में गाडि़यां नहीं चल रही हैं। लाइट लगने के बाद रात में पटना की ओर से छोटी गाडि़यां हाजीपुर की ओर जा सकेंगी।

हेडलाइट के सहारे वाहन

गायघाट स्थित पीपापुल पर शाम होने के बाद चारपहिया वाहनों की हेडलाइट के सहारे ही दोपहिया समेत अन्य छोटी गाडि़यों का परिचालन हो रहा है। पीपापुल पर अभी हाजीपुर से पटना आनेवाली गाडि़यों की संख्या ज्यादा है। सुबह छह बजे से लेकर देर शाम तक वाहन सरपट दौड़ रहे हैं। अधिकारियों ने बताया कि पीपापुल पर सोलर सिस्टम लाइट प्रस्तावित है, विभाग से अनुमति मिलने के बाद इस ओर कार्रवाई की जाएगी।

पीपापुल के चालू होने के बाद पॉल्यूशन काफी बढ़ गया है। वाहनों के चलने से उड़ने वाले धूल से एड?ल्यूएआई, ज्यूडिशियल अकादमी एवं गंगा स्नान को आने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है। गार्ड के द्वारा पानी बहा कर मिट्टी हटाने से रोड पर फिसलन काफी ज्यादा बढ़ गई है। यहां तक कि पैदल चलना भी मुश्किल हो गया।

लापरवाह बाइक सवार को चेतावनी

गायघाट से पीपा पुल पर प्रवेश करते बोर्ड लगा है कि पीपा पुल पर वाहन सावधानीपूर्वक चलाएं। इसके बावजूद भी वाहन चालकों द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही है। कई दोपहिया सवार के सिर पर हेलमेट नहीं होता और ट्रिपल लोडिंग तो आम बात है। लोगों को अपनी जान की बिल्कुल भी परवाह नहीं है।

ओपन है पुल की रेलिंग

दो पीपा पुल के ज्वॉइंट के पास रेलिंग में गैपिंग है। इससे हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। इसे कहीं प्लास्टिक की रस्सी से बांधा गया है, तो कहीं यूं ही छोड़ दिया गया है। पुल पर वाहनों की स्पीड को ख्0 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने का निर्देश दिया गया है पर टू, थ्री और फोर व्हीलर इस स्पीड लिमिट की अनदेखी कर तेज गति में वाहन को पुल से होकर चलाते हैं। इस वजह से पीपा पुल पर वाहन स्पीड में दौड़ने पर काफी आवाज और कंपन होती है।

दो पीपा के बीच गैपिंग से परेशानी

पीपा पुल पर दो पीपा के बीच रेलिंग खुला है। इसे प्लास्टिक की रस्सी से बांध कर घेरा गया है, जो कहीं से भी सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं है। ऐसे में होने वाले हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि तेज गति से वाहन के चलने पर पीपा पर बिछे लोही की चादर का नट-वोल्ट ढीला हो जाता है। इसे कुछ घंटे के अंतराल पर हमेशा रिपेयर और बेल्डिंग करना पड़ता है।

घटना होने पर जिम्मेदारी किसकी?

आपको यह जानकर हैरानी होगी की महात्मा गांधी सेतु पर वाहनों का दबाव कम करने के लिए बनाए गए पीपा पुल विवादों के घेरे में है। मामला यह है कि यदि पीपा पुल पर कभी कोई घटना होती है, तो इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी? इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि पीपा पुल तीन जिलों में आता है। पहला पटना, दूसरा सारण और तीसरा वैशाली। पुल का उत्तर और दक्षिण का हिस्सा वैशाली के क्षेत्र में आता है और बीच में गंगा का हिस्सा सारण में और आईडब्ल्यूएआई के पास पटना जिला में आता है। ऐसे में होने वाली दुर्घटना या हादसे पर कहां की पुलिस प्रशासन एक्टिव होगी, अभी तक यह तय नहीं हुआ है।

महात्मा गांधी सेतु के बदले अब पीपा पुल राहत दे रहा। अब जाम से मुक्ति मिली है। मैं अब जल्दी पटना पहुंच जाता हूं और काम कर वापस घर भी लौट आता हूं।

-प्रकाश कुमार, बिदुपुर

पीपा पुल पर वन-वे होने के कारण जाम नहीं मिलता। यहां कितनी स्पीड से बाइक ड्राइव करना है पता नहीं।

-प्रवेंद्र कुमार, मुजफ्फरपुर

पुल पर गतिसीमा के बोर्ड पर अभी तक तो नजर नहीं गई। वैसे अब बड़ा आसान हो गया पटना जाना।

-मो। जमशेद आलम, जंदाहा