- 2017-18 सत्र से शुरू हो सकता है कोर्स

PATNA : एलोपैथी दवा से बीमारी को दूर करने वाले डॉक्टर अब आयुर्वेद पद्धति से भी इलाज कर सकेंगे। नए सत्र से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले डॉक्टर आयुर्वेद में भी एमडी कर सकेंगे। इसे लेकर जल्द ही आईएमसीसी एक्ट में होने वाले बदलाव पर मुहर लग सकती है। आयुर्वेद में बैचलर ऑफ मेडिसिन एंड सर्जरी (बीएएमएस) के सिलेबस में आधुनिक पैथी का फ्0 परसेंट मिश्रण रहता है, जबकि एमबीबीएस के सिलेबस में आयुर्वेद की पढ़ाई नहीं होती है। आयुर्वेद की पढ़ाई संस्कृत और हिन्दी में होती है, जबकि एमबीबीएस की पढ़ाई अंग्रेजी में होती है।

सिलेबस तैयार करने का आदेश

जानकारों का कहना है कि एमबीबीएस डॉक्टरों के आयुर्वेद की शिक्षा हासिल करने के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, लेकिन लोगों के लिए फायदेमंद होगा। इसे लेकर पिछले दिनों बैठक भी हुई है। बताया जा रहा है कि एक्ट में होने वाले संसोधन पर जल्द मुहर लगेगी और आयुर्वेद में एमडी-एमएस करने के लिए सिलेबस तैयार करने को कहा गया है।

करीब ख्ब् हजार डॉक्टर रजिस्टर्ड

बिहार में एमबीबीएस डॉक्टरों की संख्या अधिक है। पूरे बिहार में करीब क्7 हजार एमबीबीएस डॉक्टर हैं। इसके अलावा 7 हजार बीएएमएस डॉक्टर हैं और आयुर्वेद में एमडी करने वाले डॉक्टरों की संख्या ख्7भ् है।

सिर्फ बीएचयू में थी सुविधा

बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने वाले एमबीबीएस के स्टूडेंट्स ही आयुर्वेद में एमडी या एमएस की तीन वर्ष की पढ़ाई होती है। यह बदलाव ख्0क्0 में किया गया था। जिसके बाद वहां पढ़ाई हो रही थी।

एक्ट में होगा बदलाव

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया बिल ख्0क्म् के तहत एमबीबीएस के डॉक्टर्स को आयुर्वेद में एमडी कराने को लेकर प्रस्ताव रखा गया है। सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन की एग्जीक्यूटिव की बैठक में आईएमसीसी-क्970 एक्ट में संसोधन को लेकर चर्चा की गई। जल्द ही एक्ट में होने वाले बदलाव पर मुहर लग सकती है।

नए सत्र से एमबीबीएस डॉक्टर्स आयुर्वेद में एमडी कर सकेंगे। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया एक्ट में बदलाव करने का प्रस्ताव है। नए पद्धति से एमडी करने को लेकर सिलेबस भी तैयार की जाएगी। नए सत्र से आयुर्वेद में एमडी कोर्स शुरू होगा।

- डॉ। राकेश पांडेय, राष्ट्रीय प्रवक्ता, आयुष मेडिकल एसोसिएशन