- डीएन दास लेन में बीते 4 महीने से लोगों का आना-जाना मुश्किल

- इमरजेंसी में लोग घर से अस्पताल नहीं पहुंच सकेंगे, कई जगह लगाई गुहार, सुनने को नहीं कोई तैयार

PATNA : राजधानी पटना में एक ऐसा इलाका है जहां बीते 4 महीनों से लोग हाउस अरेस्ट की जिंदगी जी रहे हैं है। यहां के स्थानीय लोगों का घर से निकलना दूभर हो गया है। टू व्हीलर तक घरों तक पहुंचना मुश्किल है जबकि करीब हर घर में फोरव्हीलर लोगों के पास है। यदि कोई इमरजेंसी हुई तो लोग घरों में ही तड़पते रहे जाएंगे लेकिन अस्पताल नहीं पहुंच सकेंगे। यह मामला है डीएन दास लेन और उसके आसपास रहने वाले कालोनियों का। दरअसल करीब 6 महीने पहले यहां नए नाला निर्माण के लिए काम शुरू हुआ। शुरुआत में लंगर टोली चौराहा से बंगाली अखाड़ा होते हुए डीएन दास लेन की पूरी सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे छोड़ दिए गए। 3 महीने बाद काम शुरू हुआ वह भी बेहद धीमी गति से। अभी भी स्थिति करीब वही है। नालों को जोड़ने के लिए बड़े-बड़े चेंबर खुले छोड़ दिए गए हैं। नाला बनाने के लिए सड़क इतना तोड़ा गया है गाडि़यों का आवागमन नहीं हो सकता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कोरोना महामारी शुरू होने से काफी पहले से काम शुरू कर दिया गया लेकिन सड़क तोड़ने के बाद पूरे रास्ते को राम- भरोसे छोड़ देने से यहां के निवासी कहीं नहीं जा सकते हैं। खास तौर पर यदि किसी को इलाज की सख्त जरूरत हो तो वह व्यक्ति घर पर ही दम तोड़ देगा। लेकिन अस्पताल नहीं जा सकेगा।

निगम ने नहीं दिया टेंडर

डीएन दास लेन में बारिश के पानी की निकासी योजना के लिए ड्रेन पाइप बिछाने के लिए सड़क को बेतरतीब तरीके से तोड़ दिया गया और यह काम कब तक पूरा होगा इसके बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इस समस्या से परेशान होकर जब स्थानीय निवासी एवं एडवोकेट रविंद्र प्रसाद ने इसकी शिकायत नगर निगम के कार्यपालक अभियंता सुधाकर सिंह से की तो उन्होंने निर्माण कार्य चल रहे पूरे एरिया का निरीक्षण किया और बताया कि नगर निगम की ओर से इस काम का टेंडर नहीं दिया गया है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि वार्ड 42 के वार्ड पार्षद और उनसे जुड़े ठेकेदार की मिलीभगत से यह काम हो रहा है।

शिकायत सुन भूल गए

डीएन दास लेन के निवासी एवं एडवोकेट रविंद्र प्रसाद ने इसकी शिकायत स्थानीय विधायक अरुण कुमार सिन्हा, वार्ड कमिश्नर कैलाश यादव और निगम कमिश्नर से भी की। रविंद्र प्रसाद ने बताया कि शिकायत किए एक महीना से अधिक समय बीत चुका है। लेकिन न नाला निर्माण कार्य की प्रगति हो रही है और इसे कोई सुनने वाला भी नहीं है

। स्थानीय विधायक भी इस मामले पर ध्यान नहीं दे रहे। वही स्थानीय निवासी एवं समाजसेवी विनोद मेहता ने बताया कि इस मनमाने निर्माण कार्य की शिकायत पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी सहित सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों से भी की गई लेकिन इस मामले पर सभी ने चुप्पी साध ली है।

कहीं से भी आना जाना मुश्किल

बारी पथ होते हुए अबूलास लेन, अमरूदी गली और मछुआ टोली मेन रोड से डीएन दास लेन की सड़क में आने का रास्ता है। लेकिन डीएन दास लेन में सड़क बेतरतीब तरीके से पूरा तोड़ दिए जाने से कहीं से भी टू व्हीलर या फोर व्हीलर से आना संभव नहीं है। इस इलाके में अधिकांश लोग दो-तीन दशकों से रह रहे हैं। अधिकांश बुजुर्ग लोग हैं जिन्हें दवा और इलाज की सख्त जरूरत रहती है। ऐसे में अब उनके स्थिति और दयनीय हो गई है। एडवोकेट रविंद्र प्रसाद ने बताया कि इस मोहल्ले में बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व पदाधिकारी एमपी अधिकारी, एएन सिन्हा इंस्टिट्यूट के पूर्व डायरेक्टर प्रोसेसर युवराज देव प्रसाद सहित कई प्रबुद्ध लोग रहते हैं लेकिन इलाज के लिए वे डॉक्टरों से फोन पर केवल बात कर पाते हैं।

नल जल योजना ध्वस्त

इस पूरे इलाके में 2 साल पहले नल जल योजना के तहत पानी की पाइप और हर घर में नल की व्यवस्था की गई। लेकिन नाले के कंस्ट्रक्शन के दौरान सभी पुराने पानी पाइप के कनेक्शन को तोड़ दिया गया है और हर घर जल नल योजना में लगी प्लास्टिक पाइप में भी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है .रविंद्र प्रसाद ने कहा कि इस इलाके में हर व्यक्ति सिर्फ इतना ही चाहता है की इस नाला का निर्माण कार्य ठीक से हो और जल्दी पूरा किया जाए। ऐसा नहीं होने की वजह से सभी मुश्किल में है ।

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वायस

पूरे डीएन दास लेन में मनमाने तरीके से ड्रेन पाइप बिछाने का काम किया जा रहा है। जबकि यहां कभी भी जलजमाव नहीं होता और इसे पुराने ड्रेनेज में ही जोड़ा जा रहा है, जो गलत है।

रविंद्र प्रसाद एडवोकेट

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शहर के प्रतिनिधियों चाहे वह कोई भी हो पूरे मामले को जानने के बावजूद भी हस्तक्षेप नहीं करना चाहते हैं जबकि वह खुद देख चुके हैं कि पूरे इलाके में गलत तरीके से काम हो रहा है।

विनोद मेहता समाजसेवी

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यहां सभी यही चाहते हैं कि नाला का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए। ताकि यहां सभी लोग जो हाउस अरेस्ट की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। उससे राहत मिले।

- प्रोफेसर युवराज देव प्रसाद

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इस इलाके में नाला निर्माण कार्य कई दिनों से चल रहा है। अब तक दो बार नाला के चेंबर में बाइक सवार के गिरने की हादसे भी हो चुके हैं। लेकिन मनमाने निर्माण पर कार्रवाई नहीं हुई।

ललित कुमार स्थानीय निवासी

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