पटना (ब्यूरो)। पटना पुलिस ने चोरी और लूट की वारदात को अंजाम देने वाले इंटर स्टेट गैंग का खुलासा किया है। यह गैंग कई बड़ी वारदात को अंजाम दे चुका है। इनकी योजना छठ पूजा के बाद बड़ी घटना को करने की थी। एसएसपी उपेंद्र कुमार शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस को लूट की बड़ी वारदात को सुलझाने में कामयाबी मिली है। एसएसपी ने बताया कि पुलिस को पहली सफलता लोट़्स ट्री प्राइवेट लिमिटेड में पिछले माह में हुई 50 लाख रुपए की लूट मामले में मिली। सूचना के अगमकुआं थाना क्षेत्र में गत 25 अक्टूबर को लूट की घटना को तब अंजाम दिया गया था जब सम्राट पेट्रोल पंप के पास स्थित पंजाब नेशनल बैंक में जमा करने के लिए ले जाए जा रहे 50 लाख रुपए को अपराधियों द्वारा लूट लिया गया था। लूट के दौरान अपराधियों द्वारा व्यापारी पर फायर भी किया गया था हालांकि वह मिसफायर हो गया था। लूट को लेकर अगमकुआं थाने में मामला दर्ज कराया गया था। घटना की गंभीरता को ध्यान में रखकर एसएसपी ने अपराधियों की गिरफ्तारी तथा लूटी गई राशि की बरामदगी के लिए सिटी एसपी ईस्ट के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया। टीम में एसडीपीओ पटना सिटी, कदमकुआं थानाध्यक्ष व अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे।

कार से हुए थे फरार
एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस को यह अंदाजा हो गया था कि इस घटना को पेशेवर अपराधियों द्वारा अंजाम दिया गया है। क्योंकि घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी घटना में प्रयोग किए गए वाहनों को छोड़कर टाटा इंडिगो कार से फरार हो गए थे। जांच के क्रम में ही पुलिस को सूचना मिली कि गया जिले के कुछ पेशेवर अपराधियों की गतिविधि कुछ माह से राजधानी के जीरो माइल व इसके आसपास के इलाकों में देखी जा रही है। इसी क्रम में यह भी सूचना मिली कि किसी बड़े घटना को अंजाम देने के लिए गैंग पटना में एक्टिव है। सूचना के अनुसार पुलिस ने ट्रांसपोर्ट नगर के पास घेराबंदी कर एक कार को रोका। जिसमें पांच लोग आकाश कुमार, विकास कुमार व नीतिश, पंकज कुमार, कुंदन व विक्की सवार थे। तलाशी के क्रम में इनके पास से दो देसी पिस्टल, तीन मैगजीन व 20 राउंड जिंदा कारतूस बरामद किए गए।

पूछताछ में सामने आई सच्चाई
एसएसपी ने बताया कि पुलिस की पूछताछ में यह सामने आया कि पकड़ाया गया विकास उर्फ नीतिश पेशेवर अपराधी है और वह कई साल पहले शेखपुरा जिले के रिमांड होम से फरार हुआ था। इस पर अन्य मामले में भी कांड दर्ज हैं। जबकि पंकज एक चर्चित अपहरण कांड में उड़ीसा व बिहार के जेल में दस वर्ष तक बंद रहा पेशेवर अपराधी है।

रहते थे किराए के मकान में
एसएसपी ने बताया कि पूछताछ में इन्होंने खुलासा किया कि अगमकुआं लूट कांड को इन लोगों द्वारा ही अंजाम दिया गया था। विकास कुमार उर्फ नीतिश रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत चमनचक में किराए के मकान में रहता था। जहां उसे यह सूचना मिली कि एक व्यवसायिक प्रतिष्ठान से मोटी रकम प्रतिदिन बैंक में जमा होने जाता है। जिसके बाद इसने अपने गिरोह के साथ लूट कांड की योजना बनाई और अंजाम दिया। लूटी गई रकम का उपयोग नीतिश ने उधारी चुकाने, जमीन के कारोबार में लगाने तथा अय्याशी करने में किया।

छत्तीसगढ़ के गैंग से जुड़े तार
एसएसपी ने बताया कि पूछताछ के क्रम में इन्होंने खुलासा किया कि यह गिरोह छत्तीसगढ़ के गिरोह से जुड़ा हुआ है। घटना में शामिल एक अन्य अभियुक्त इस गिरोह को ऑपरेट करता है। यह अभियुक्त गया के खिजरसराय थाना के बेलवा गांव के निवासी उपेंद्र सिंह उर्फ काबरा का पुत्र है। अभियुक्त दो बार जेल से भागा हुआ अपराधी है तथा वर्तमान में छत्तीसगढ़ जेल में दस वर्षों की सजा काट रहा है। इनकी निशानदेही पर दो लाख रूपये बरामद किए गए। अभियुक्तों के पास से पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एक टाटा इंडिगो कार व दो बाइक को भी बरामद किया है।

कई राज्यों में नेटवर्क
एसएसपी ने बताया कि इस गिरोह ने छत्तीसगढ़, ओडिशा व झारखंड में कई घटनाओं को अंजाम दिया है। इनके तार यूपी व हरियाणा के अपराधियों से भी जुड़े हुए हैं। छठ पूजा के बाद इनकी योजना किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की थी। अभियुक्त विकास के ऊपर विभिन्न जिलों के थाने में पांच केस दर्ज हैं। उन्होंने बताया कि घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है तथा सभी के बैंक खातों की जानकारी ली जा रही है, जिसके बाद खातों को फ्रीज किया जाएगा। दूसरे जिलों में इन सभी के द्वारा किए गए आपराधिक मामलों की भी जानकारी ली जा रही है।

इनकी हुई गिरफ्तारी
- आकाश कुमार, थाना बेऊर, पटना
- विकास कुमार उर्फ नीतिश, गया
- पंकज सिंह, गया
- कुंदन कुमार, अतरी, गया
- विक्की कुमार, अतरी, गया