पटना (ब्यूरो)। वहीं पर्यटकों को भी यह क्षेत्र काफी आकर्षित करेगी। ग्वाभा मैन के नाम से ख्याति पा चुके सत्येंद्र गौतम मांझी गया जिले के इमलिया चक गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने फल्गु नदी के बीच बने टापू पर करीब 25 एकड़ एरिया में अमरूद के पेड़ लगाकर उसे ग्रीन पट्टी में बदल चुके हैं। सीएम नीतीश कुमार भी गौतम की इस बात के लिए तारीफ कर चुके हैं। सीएम के कहने पर ही उन्होंने जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी। पटना के गंगा पथ पर घुमने आए सत्येंद्र गौतम ने बताया कि यह जगह बेहद ही आकर्षक है। यहां की मिट्टी भी फल्गु के एरिया से ज्यादा उपजाऊ है। लेकिन पेड़ पौधा नहीं रहने की वजह से बिलकुल वीरान लगता है। सत्येंद्र गौतम ने बताया कि राज्य सरकार ने ग्रामीण एरिया में जन जीवन हरियाली मिशन की शुरूआत की है। जिसमें पूराने जल स्त्रोतों का जीर्णोद्धार करना व वन क्षेत्र को बढ़ाना है। इसका असर भी हुआ है। पिछले तीन साल में राज्य में करोड़ों पौधा लगाया गया है। सत्येंद्र के अनुसार जेपी सेतु से लेकर गाय घाट तक एरिया को ग्रीन पट्टी अगर बना दिया जाए। तो पटना फिर से पाटलीपुत्र का गौरव को पा सकता है।

कौन हैं सत्येंद्र गौतम मांझी

गया जिले के इमलियाचक गांव के रहने वाले हैं। सत्येंद्र ने बताया कि उनका मूल गांव टिकारी के रामगढ़ में था। लेकिन उनके परिवार ने रोजगार के लिए वहां से माइग्रेट करके इमलियाचक चला आया था। गरीबी के बाद भी उन्होंने एमए तक की पढ़ाई पूरी की है। सत्येंद्र के पिता एक दिहाड़ी मजदूर हुआ करते थे। सत्येंद्र ने बताया कि फल्गु नदी के बीचों बीच बने टापू को हरा भरा करने के बाद स्थानीय प्रशासन का भी इस ओर ध्यान गया। जिसके बाद नदी के बीचों बीच इन टापूओं पर मनरेगा से भी पौधा लगाया गया था।

दशरथ मांझी को मानते हैं मेंटर

माउंटेन मैन दशरथ मांझी को सत्येंद्र अपना मेंटर और गुरू मानते हैं। उन्होंने बताया कि दशरथ मांझी उनके दूर के रिश्तेदार हुआ करते थे। वे एक बार उनके गांव में आए थे। पर्यावरण के लिए काम करने की प्रेरणा उन्हें से मिली थी। वे दशरथ मांझी विचार मंच के संयोजक भी है।

55 दिनों की पदयात्रा कर मिले थे राष्ट्रपति से

माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न सम्मान की मांग को लेकर अपने सहयोगियों के साथ 55 दिनों की पैदल यात्रा कर दिल्ली पहुंचे थे। वहां उन्होंने राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मु से मिलकर दशरथ मांझी को भारत रत्न सम्मान दिलाने की मांग की थी। इसके अलावे उन्होंने गृह मंत्री अमीत शाह से मिलकर भी यही मांग रखी थी।