-बिजली की नई दर एक अप्रैल से होगी प्रभावी

PATNA: प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ना तय है। बिहार इलेक्ट्रिसिटी रेग्यूलेटरी ऑथारिटी की जनसुनवाई की प्रक्रिया पूरी हो गई है। भारी विरोध के बाद भी बिजली की दरें बढ़ना तय है। नई दरें होली के बाद घोषित की जाएगी। ज्ञात हो कि तीन साल में बिजली की दरें नहीं बढ़ी है। उधर, बीआइए की ओर से रखे गए प्रस्ताव में दर बढ़ाना कहीं से भी उचित नहीं बताया गया है। विशेषतौर पर एचडी लाइन के यूजर पर मौजूदा दरें कहीं से भी उचित नहीं माना गया है। बीआइए के एनर्जी कमेटी के चेयरमैन संजय भरतिया ने कहा है कि बिजली की ओपन पर्चेजिंग करने से राज्य में बनने वाली बिजली से यह काफी कम दरों में उपलब्ध हो सकता है। लेकिन राज्य इस पॉलिसी पर विचार तक नहीं कर रही हे।

ये कारण बताया

बिजली कंपनियों के लगातार बढ़ रहे घाटे एवं अगले वित्तीय वर्ष के लिए मांग आधारित टैरिफ की ओर बढ़ने के कारण बिजली दरों में वृद्धि तय है। पॉवर होल्डिंग एवं अन्य संबंधित कंपनियों की स्थिति एक जैसी है। सभी घाटे में है। सरकार जो पैसे कंपनियों को देती है वह घाटे से उबरने में लग रहा है। इसलिए सब्सिडी का लाभ उपभोक्ताओं को नहीं मिल रहा है।

सुनवाई पूरी की गई

पिछले साल आयोग ने ख्क् मार्च को निर्णय सुनाया था। इस बार स्थिति अलग है। आयोग को पहले अपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी (एपटेल) के निर्देश पर अमल करते हुए चालू वित्तीय वर्ष की टैरिफ पर निर्णय सुनाना है। उसके बाद अगले वित्तीय वर्ष की टैरिफ का एलान करना है। पिछले साल बिजली दरों में किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई थी। बिजली कंपनियां इस निर्णय के खिलाफ एपटेल का दरवाजा खटखटाया था। एपटेल ने आयोग के आदेश को खारिज करते हुए फिर विचार करने का आदेश दिया था। आयोग ने सुनवाई पूरी कर ली है। सबसे पहले चालू वित्तीय वर्ष की टैरिफ पर फैसला आएगा। माना जा रहा है कि आयोग के फैसले को लागू करने में कंपनी को दिक्कत होगी। चालू वर्ष की टैरिफ को अगले वित्तीय वर्ष की टैरिफ में जोड़ा जा सकता है। इस तरह उपभोक्ताओं को अतिरिक्त बिजली दर के लिए तैयार रहना होगा। प्रस्ताव के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष के लिए बिजली दरों के विभिन्न श्रेणियों में म्.97 रुपए प्रति यूनिट से 9.भ्0 रुपए प्रति यूनिट होने की संभावना है।

जनसुनवाई के बाद सभी पक्षों पर विचार किया जा रहा है। इस बार काम अधिक है। फिर भी कोशिश है कि होली बाद इसपर फैसला लिया जाए।

-परमानंद सिंह, सचिव, बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग