PATNA: एक बार फिर से पटना यूनिवर्सिटी में घाटे का बजट सर्वसम्मति से पारित हुआ। व्हीलर सिनेट हॉल में सिनेट बैठक में प्रो वीसी डॉ डॉली सिन्हा ने 539.24 करोड़ रुपए घाटे का बजट पेश किया। यह बीते वित्तीय वर्ष (2019-20) से 205.72 करोड़ रुपए अधिक है। वर्ष 2019-20 में 333.52 करोड़ रुपये घाटे का बजट था। यह सरकार से प्राप्त अनुदान को घटाकर ही है। नैक ग्रेडिंग को लेकर पीयू में कई विकास कार्यो पर राशि खर्च की गई जिसे दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में 24.15 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया, जो प्राप्त नहीं हुआ। उन्होंने बताया कि प्रस्तावित व्यय के विरुद्ध विश्वविद्यालय के सभी आंतरिक श्रोतों से अनुमानित आय 29.66 करोड़ घटाने के बाद 539.24 करोड़ रुपये घाटे का बजट पेश किया गया।

किस मद में कितना मिला

बजट अभिभाषण में बताया गया कि शिक्षकों के सातवां वेतनमान को लागू करने, डीए, म्यूनिसिपल टैक्स, इलेक्ट्रिसिटी बिल और अनुकंपा पर नियुक्ति आदि के लिए 104.70 करोड़ रु पए आवंटित है। एनपीएस, बकाया वेतन, अनुकंपा के आधार पर नॉन टीचिंग कर्मियों के लिए भुगतान तथा छात्राओं से एडमिशन फी नहीं लिये जाने आदि को मिलाकर प्रस्तावित बजट में 280.65 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। टीचिंग एवं नॉन टीचिंग कर्मियों के पेंशन आदि के लिए 4.72 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया। आईक्यूएसी के अंतर्गत बुनियादी सुविधाओं का अपग्रेडेशन, रिसर्च स्कॉलरों को अनुदान आदि के लिए 78.68 करोड़ का प्रावधान है।

बेहद शांतिपूर्ण रही बैठक

बैठक के बाद डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ एनके झा ने बताया कि यह बैठक बीते कई बैठकों की तुलना में बहुत शांतिपूर्ण रही और कई मुद्दों पर जमकर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी शिक्षकों एवं सिनेट के सदस्यों ने अपना योगदान किया है। हालांकि सिनेट हॉल के बाहर एआईएसएफ के सदस्यों ने विभिन्न मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया। हॉल के पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये थे।

सैंक्संड पोस्ट खाली नहीं रहेंगे

बैठक के दौरान एक सवाल का जबाव देते हुए पीयू वीसी डॉ रास बिहारी ने कहा कि जिन विभागों में शिक्षकों की कमी है और यदि व सैंक्संड पोस्ट है तो इसके लिए शिक्षकों की कोई कमी नहीं होगी। इस बाबत तत्काल शिक्षक नियुक्त किये जाएंगे। सिनेट मीटिंग में डॉ राजकुमार प्रसाद सिंह, डॉ खगेंद्र कुमार, डॉ रामवचन राय, डॉ आरएस आर्या, डॉ सुधाकर प्रसाद सिंह, डॉ दिलीप राम, डॉ खगेंद्र कुमार, डॉ मो। शरीफ, डॉ जावेद हयात, जीके पिल्लई, डॉ सुनीता राय सहित कॉलेजों के प्रिंसिपल एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।

वर्ष 2020 में होगा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन

पीयू वीसी डॉ रास बिहारी प्रसाद सिंह ने अभिभाषण के दौरान पटना यूनिवर्सिटी के साथ आठ यूनिवर्सिटी के साथ किये गए एमओयू का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज उच्च शिक्षा ग्लोबल हो रही है। इसमें पीयू पीछे नहीं है। इसी पहल के तहत विभिन्न यूनिवर्सिटी के साथ एकेडमिक एक्सचेंज प्रोग्राम पर सहमति हुई है। उन्होंने बताया कि वे इंडो एंड यूरोपियन एजुकेशन फाउंडेशन का तीसरा अंतराष्ट्रीय सम्मेलन मार्च, 2010 में पटना यूनिवर्सिटी में आयोजित किया जाएगा।

वीसी ने इन चुनौतियों का किया जिक्र

-पीयू के शिक्षक और छात्र रिसर्च और इनोवेशन पर करें काम।

-रुसा के द्वारा आवंटित 20 करोड रुपये का हो समुचित प्रयोग।

-छात्रों को क्लास रुम टीचिंग के साथ कांउसलिंग, प्लेसमेंट और ग्लोबल एक्सपोजर देना।

-पीयू को एनआईआरएफ की रैंकिंग के लिए तैयार होना।

-यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इनफारमेशन सिस्टम के तहत पारदर्शी प्रशासनिक कार्य।