सेतु पर धूप में छटपटाते रहे लोग

- 20 घंटे लगा रहा जाम

- फतुहा-बख्तियारपुर जाने वाली गाडि़यों की रूट बदलने में हुई परेशानी

- जाम हटाने में ट्रैफिक पुलिस नाकाम

PATNA CITY: गर्मी और कड़ी धूप के बीच बुधवार को महात्मा गांधी सेतु पर भीषण जाम लगा। जाम ने ऐसा विकराल रूप लिया कि एनएच-फ्0 भी इससे अछूता नहीं रहा। सेतु और एनएच-फ्0 पर करीब ख्0 घंटे तक जाम लगा रहा। बड़ी गाडि़यों की जाम ने ऐसा फंसाया कि बेचारे टू व्हीलर वालों को भी निकलना मुश्किल हो गया। जाम हटाने में ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के पसीने छूट गए। घंटों बाद भी जाम हटाने में ट्रैफिक पुलिस विफल रही। सेतु और एनएच-फ्0 पर गाडि़यों की लंबी कतारें लगी रही। दरअसल, महात्मा गांधी सेतु पर पाया नंबर फ्8 से ब्म् के बीच वन-वे है। दूसरी ओर जीरो माइल में एनएच-फ्0 पर फ्लाई ओवर बन रहा है। इस वजह से सेतु की ओर जाने और उधर से आने वालों को परेशानी हो रही है।

बीच सेतु पर रख दिया सामान

पाया नंबर फ्ख् के पास सेतु पर पिचिंग किया जाना है। बालू, गिट्टी सहित पिचिंग का सामान बीच सेतु पर रखा है। मंगलवार की रात से ही सेतु पर जाम लगने लगा। सेतु पर गाडि़यों की रफ्तार थमने लगी। एक-एक कर छोटी-बड़ी गाडि़यां खड़ी होती गई और जाम का काफिला बढ़ता गया।

फंसे कई एंबुलेंस

मंगलवार की रात से बुधवार की शाम तक जाम में कई एंबुलेंस फंसे रहे। पीएमसीएच और एनएमसीएच सहित दूसरे बड़े प्राइवेट हॉस्पीटलों में आने वाले कई एंबुलेंस घंटों फंसे रहे। एंबुलेंस हाजीपुर, फतुहा से पटना आ रहे थे। पेशेंट और अटेंडेंट को काफी परेशानी हुई।

दुबके रहे पैसेंजर

सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, छपरा, सिवान, हाजीपुर, नवादा, बिहारशरीफ सहित दूसरे स्थानों से पटना आने वाली जीप, ऑटो और बसें जाम में घंटों खड़ी रही। गाडि़यों में बैठे पैसेंजर्स गर्मी और कड़ी धूप की मार झेल रहे थे। इनकी हिम्मत गाड़ी से उतरने की नहीं हुई। जाम में लोग प्यासे बैठे रहे पर धूप का सामना करने नहीं उतरे।

नहीं बदल सके रूट

फतुहा और बख्तियारपुर के रास्ते आने-जाने वाली बसें रूट नहीं बदली। जगनपुरा, संपतचक रूट पर भी गाडि़यों का प्रेशर बढ़ा और जाम लग गया। सिंगल रोड होने से कई गाडि़यां जल्दी निकलने के चक्कर में फंस गई। पब्लिक को समय व्यर्थ गुजारना पड़ा।

फेल हुए सारे तंत्र

जाम से बिहार गवर्नमेंट और पटना ट्रैफिक पुलिस की हालत खास्ता हो गई। इनके सारे तंत्र और व्यवस्थाएं फेल हो गई है। जाम से निजात पाने के लिए न तो स्टेट गवर्नमेंट कुछ ठोस कदम उठा रही है और न ही पटना ट्रैफिक पुलिस कुछ कर पा रही है। सिर्फ बातें होती हैं और फाइल तैयार की जाती है, पर काम कुछ नहीं होता है।

::::