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PATNA CITY: जिस उद्देश्य के साथ रिवर पुलिस थाना की स्थापना हुई थी, आज वह उससे भटक गया है। इसके पास न कोई काम है और न ही कोई सफलता दिख रही है.ये हम नहीं कह रहे हैं बल्कि हालात कह रहे हैं। क्योंकि जिस तरह से आए दिन गंगा में हादसे हो रहे हैं। नाव के जरिए नशा या आ‌र्म्स के सामान के तस्करी की बात की जाती है, यदि यह थाना एक्टिव होता तो अपनी उपयोगिता साबित कर सकता था। लेकिन आलम यह है कि थाना होने का सिर्फ अहसास करा रहा है। वर्तमान स्थिति है कि रीवर पेट्रोलिंग के बजाए उपलब्ध दो सेक्शन बल को बैंक और ट्रैफिक कंट्रोल में लगाया जाता है। वहीं उपलब्ध संसाधन भी दम तोड़ रहा है।

सीएम ने किया था उद्घाटन

सीएम नीतीश कुमार ने फतुहा थाना एरिया के तहत मौजीपुर में रीवर थाना का उदघाटन भ् मई, ख्0क्क् को किया था। वर्तमान में भवन तो ठीक है। लेकिन कमरे में लगी खिड़की का कांच टूटा है। दो चापानल में से एक खराब है। यहां एकमात्र एसएचओ के रूप में एसआई वल्डजीत कुमार हैं। दो सेक्शन होमगार्ड के जवान हैं, लेकिन एक जवान को एनएच फ्0 पर ट्रैफिक कंट्रोल एवं एक जवान को बैंक ड्यूटी में फतुहा एसडीपीओ के आदेश से लगाया जाता है।

संसाधन भी खराब

थाना में मौजूद लाइफ जैकेट, दो ट्यूब, हेलमेट, भाला की स्थिति भी बुरी है। कुछ संसाधन का पता ही नहीं है तो कुछ दम तोड़ रहे हैं। दो ड्रैगन लाइट में से एक खराब है। कंप्यूटर भी बंद है। प्रिंटर एसडीपीओ के यहां गया था। जब खराब हुआ तो लाकर यहां रख दिया गया। बड़ा साउंडलेस जेनरेटर भी फतुहा एसडीपीओ के यहां चला गया। एक छोटा पोर्टेबल जेनसेट है जो पेट्रोल से चलता है, मगर आवंटन नहीं होने से बेकार पड़ा है।

एरिया एवं स्ट्रेंथ की जानकारी नहीं

सूत्रों की मानें तो एसएचओ वल्ड जीत कुमार को नदी का क्षेत्रफल भी पता नहीं है। वैसे कहते हैं कि त्रिवेणी घाट के मस्ताना घाट से जेठुली के बीच तक का एरिया है। यहां एफआईआर नहीं होता है। अब तक सिर्फ भ्0 छोटे बोरे में गांजा पकड़ा गया था। बोरा तो है मगर गांजा का पता नहीं है। मामला फतुहा थाना में दर्ज है।

ये कैसा नंबर है

एनएच फ्0 पर रीवर थाना का बोर्ड लगा है, उसमें नंबर के रूप में 9ब्फ्क्08क्ब्ब्7 दर्ज है। मगर यह थाना के पास नहीं है। इस पर डायल करने पर घंटी बजती है फिर कट जाता है। ऐसे में एसएचओ निजी सेल से काम चलाते हैं।

पीपा पुल है बाधक

नदी में गश्ती करने के लिए एक मोटरचालित नौका है। इसके लिए माह में भ्0 लीटर डीजल मिलता है। दो नाविक रविन्द्र और सत्येंद्र नाविक के तौर पर थाना में अस्थाई रूप से जुड़े हैं। लेकिन कच्ची दरगाह में बने पीपा पुल के कारण नाव गश्ती के दौरान पूरब में दमराही घाट, पत्थर घाट, कच्ची घाट, चिमनी घाट, खाजेकलां घाट, गायघाट की ओर नहीं जा पाता है।

जितना संसाधन है, उसी में काम चल रहा है। सीमा छोटा होने और नदी एवं उसका किनारा वैशाली जिला में होना भी कानून-व्यवस्था में बाधक है।

वल्ड जीत कुमार, एसएचओ, रिवर थाना