पटना(ब्यूरो)। सनातन परंपरा में प्रत्येक दिन किसी न किसी पर्व या व्रत के लिए होता है। सितंबर में इस साल कई बड़े पर्व आयोजित होंगे। महीने की शुरुआत में जहां जन्माष्टमी है वहीं भाद्रपद चातुर्मास के चार पवित्र महीनों का दूसरा मास है होगा। 29 सितंबर को भाद्रपद स्नान-दान की पूर्णिमा को समाप्त होगा। 5 सितंबर को स्टूडेंट शिक्षक दिवस के रूप में मनाएंगे। इस मंथ के कृष्ण पक्ष में प्रतिपदा तिथि का क्षय और अमावस्या तिथि दो दिन होने से कुल 30 दिन का माह होगा। इस मंथ सनातन धर्मावलंबियों के कई अहम व्रत व त्योहार मनाएंगे जाएंगे। इसे लेकर आज दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में पढि़ए विशेष रिपोर्ट

भाद्रपद में होंगे कई व्रत-त्योहार
आचार्य राकेश झा ने बताया कि एक सितंबर शुक्रवार से शुरू हुए भाद्रपद मास में सनातन धर्मावलंबियों के कई अहम व्रत-त्योहार होंगे। जिसमें श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जया एकादशी, कुशी अमावस्या, विश्वकर्मा पूजा, हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, चौरचन, ऋषि पंचमी, राधाष्टमी, कर्माधर्मा एकादशी, अनंत चतुर्दशी व अगस्त्य मुनि तर्पण आदि शामिल है। भाद्रपद मास से कर्म व बुद्धि के संतुलन तथा साधना से जीवन में सफलता पाने का मैसेज भी मिलता है।

6-7 सितंबर को जन्माष्टमी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष के अर्धरात्रि व्यापिनी अष्टमी तिथि एवं रोहिणी नक्षत्र में 6 सितंबर को गृहस्थजन योगेश्वर श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके अलावा इस दिन रवियोग, जयंती योग, सिद्ध योग व सर्वार्थ सिद्धि योग का सुयोग बन रहा है। वहीं साधु-संतों एवं वैष्णवजन की जन्माष्टमी सात सितंबर गुरुवार को मनाई जाएगी।

14 को कुशी अमावस्या
भाद्रपद कृष्ण अमावस्या 14 सितंबर को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र एवं साध्य योग में कुशी अमावस्या मनाई जायेगी। इस अमावस्या को देव कार्य, पितृ कार्य, तर्पण, पिंड दान के अलावे वर्षभर धार्मिक कृत्य में उपयोग हेतु कुश उखाड़ा जाएगा। इस दिवस को लोग हिन्दी दिवस के तौर पर मनाएंगे। इससे पहले 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाएगा।

18 को हरितालिका तीज
भाद्रपद शुक्ल तृतीया 18 सितंबर सोमवार को हरितालिका तीज है। जिसमें चित्रा नक्षत्र एवं ऐन्द्र योग में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के साथ सौभाग्य में वृद्धि व कुंवारी कन्या अपने भावी सुखी दांपत्य जीवन के लिए शिव-पार्वती की पूजा-अर्चना कर पौराणिक कथाओं का श्रवण करेंगी। इस व्रत में महिलाएं पूरे दिन उपवास कर सोलह श्रृंगार करने के बाद पार्थिवेश्वर महादेव व माता गौरी की पूजा करेंगी।

गणेश चतुर्थी व चौरचन
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी में 18 सितंबर को चित्रा व स्वाति नक्षत्र के युग्म संयोग में विघ्नहर्ता भगवान गणेश का दस दिनों का उत्सव आरंभ हो जाएगा। जो भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी यानि अनंत चतुर्दशी को पूर्वभाद्र नक्षत्र में संपन्न होगा। मिथिलांचल का लोक पर्व चौरचन भी इसी दिन संध्या बेला में मनाया जाएगा। गणेशोत्सव का त्योहार महाराष्ट्र और गुजरात में धूमधाम से मनाया जाता है।

कर्मा-धर्मा एकादशी
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष के एकादशी को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व श्रवण योग के साथ सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग के पुण्यकारी संयोग में 25 सितंबर सोमवार को कर्मा-धर्मा एकादशी का पर्व मनाया जाएगा।

अगस्त मुनि तर्पण
भाद्रपद पूर्णिमा 29 सितंबर शुक्रवार को उत्तरभाद्रपद नक्षत्र व वृद्धि योग में मनाया जाएगा। इसी दिन देव व ऋषि-मुनियों का तर्पण काश के फूल, सुपारी, खीरा व द्रव्य से किया जाएगा। जिसमें अगस्त्य मुनि का तर्पण प्रमुखता से किया जाता है। मान्यता है कि इनके नाम के उच्चारण से ही आने वाली विपदा खत्म हो जाती है।