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PATNA : शहर तो शहर ग्रामीण क्षेत्र भी बढ़ती आबादी के कारण कंक्रीट के जंगल में बदलते जा रहे हैं। इससे वातावरण में जीवनदायिनी गैस ऑक्सीजन कम हो रहा है। यह समस्या आने वाले समय में और व्यापक होगा। इसी कन्सर्न को केन्द्र में रखते हुए क्लास एट के स्टूडेंट्स ने पानी में पौधे के विकास, वृद्धि और जल खपत पर प्रोजेक्ट वर्क किया है। कंकड़बाग के एक स्कूल के छात्रों ने तीन महीने में कई ऐसे तथ्य उजागर किया, जो स्मार्ट सिटी, मानव - पर्यावरण सह विकास और जल संरक्षण के लिए नजीर पेश करता है। आई नेक्स्ट ने इस प्रोजेक्ट को और करीब से समझने की कोशिश की। आप भी जानिए

भविष्य की सोच है प्रोजेक्ट

राजधानी पटना में आबादी तेजी से सघन होती जा रही है। ऐसे में घरों और संस्थानों की बिल्डिंग बन जाने के बाद शहरी क्षेत्र में ग्रीनरी घटती जा रही है। इसी को ध्यान में रखकर मिट्टी की बजाय पानी में पौधे उगाने पर जोर दिया जा रहा है। प्रोजेक्ट में शामिल स्टूडेंट मानस कुमार ने बताया कि फ्यूचर में इस संकल्पना को स्वीकार करना ही होगा। यह वातावरण में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने में भी सक्षम है। इस प्रोजेक्ट के दौरान नीम, क्रोटोन, टमाटर, मेरीगोल्ड, मनी प्लांट, डम्ब केन प्लांट सहित करीब क्0 से क्भ् प्रकार के पौधों पर यह प्रयोग किया गया है।

पानी की खपत में अंतर

प्रोजेक्ट स्टडी के दौरान जीयोपोनिक्स और हाइड्रोपोनिक्स के पौधे की वृद्धि के लिए पानी खपत में अंतर पर स्टडी किया गया। यह बात चौंकाने वाली है कि जहां जीयोपोनिक्स में एक पौधे पर पानी की खपत एक माह में औसतन ब्0 से ब्भ् लीटर है, वहीं हाइड्रोपोनिक्स में यह खपत मात्र एक लीटर है। इसके अलावा दोनों ही विधियों में हाइड्रोपोनिक्स के पौधे की ग्रोथ अपेक्षाकृत ज्यादा है।

हाल में श्रीकृष्ण साइंस सेंटर, पटना की ओर से आयोजित बिहार के पहले इनोवेशन फेस्ट में आठवीं क्लास के इन छात्रों के इस प्रोजेक्ट को काफी सराहा गया। इसके अलावा इन छात्रों ने वर्मीकल्चर तैयार करने और इसके लाभ के बारे में भी मॉडल सिस्टम तैयार किया। सामान्य तौर पर मिट्टी में उगने वाले पौधे को जीयोपोनिक्स कहा जाता है, जबकि पानी में पौधे लगाने की व्यवस्था को हाइड्रोपोनिक्स कहते हैं। हाइड्रोपोनिक्स में लिक्विड मैन्यूर का प्रयोग पौधे के लिए उपयोगी है। कई स्थानों पर गमले की बजाय पानी में ही शो प्लांट लगा कर उगाया जाता है।

जल खपत में अंतर

माह हाइड्रोपोनिक्स जीयोपोनिक्स

सितंबर, ख्0क्म् एक लीटर ब्भ् लीटर

अक्टूबर, ख्0क्म् एक लीटर ब्0 लीटर

नवंबर, ख्0क्म् एक लीटर ब्ख् लीटर

नीम के पौधे की वृद्धि

माह हाइड्रोपोनिक्स जीयोपोनिक्स

सितंबर, ख्0क्म् ख्7 सेंटीमीटर ख्भ् सेंटीमीटर

अक्टूबर, ख्0क्म् ख्9 सेंटीमीटर ख्म् सेंटीमीटर

नवंबर, ख्0क्म् ख्म् सेंटीमीटर ख्ब् सेंटीमीटर

प्रोजेक्ट में शामिल छात्र

4मानस कुमार 4रवि रौशन

4गौरव कुमार नंदन 4आदित्य राज