PATNA: पिछले एक हफ्ते में तीन बच्चों ने आत्महत्या कर राजधानी के हर पैरेंट्स के रोंगटे खड़े दिए हैं। चंद दिनों पहले बेगूसराय के एक स्टूडेंट्स ने सिर्फ इसलिए खुदकुशी कर ली थी कि उसकी मां जी तोड़ मेहनत कर उसे पढ़ने के लिए पैसा भेजती थी लेकिन वह पढ़ नहीं पा रहा था। गुरुवार को भी दो खबरें ऐसी ही सामने आई हैं। मुजफ्फरपुर के एक छात्र ने भी पढ़ने में मन नही लगने के कारण फांसी लगाकर जान दे दी, तो दूसरी तरफ एक स्टूडेंट ने महज इसलिए जान दे दी कि वह कीमती मोबाइल की जिद किए बैठा था, जिसे फौजी पिता ने पूरा नहीं किया।

केस स्टडी क्

सॉरी पापा मैं आपके अरमानों को पूरा नहीं कर पाया। आप कहते हैं इसलिए पढ़ाई कर रहा हूं। लेकिन लाख कोशिश करने के बाद भी पढ़ने में एकदम मन नहीं लगता है। मैं आपका पैसा बर्बाद नहीं कर सकता हूं। दुनिया छोड़ने से पहले सौरव ने कुछ इस तरह की बातें अपने पापा के नाम सुसाइड नोट में लिखा है। बताया जाता है कि मुजफ्फरपुर के गायघाट का रहने वाला सौरव कुमार पटना के एक निजी संस्थान में इंजीनियरिंग की तैयारी करने एक महीने पहले ही आया था। कुम्हार गली में किराए के एक घर में रहकर पढ़ाई कर रहा था। दोपहर तक घर का दरवाजा नहीं खुला तो आस-पास के लोगों ने खटखटाया। लेकिन नहीं खुला। इस बीच पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस ने दरवाजा खोला तो देखा कि सौरव पंखे से झूल रहा था।

- कुछ दिनों से रह रहा था शांत

लॉज में रहने वाले आप-पास के लोगों का कहना है कि सौरव पिछले कई दिनों से शांत-शांत रहता था। कोचिंग पढ़ाई करने जाता था। वहां से आने के बाद कमरे को बंद हो जाता था।

कुम्हार गली के एक लॉज में सौरव कुमार ने पंखे से झूलकर आत्महत्या कर ली है। मौके से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। उसमें पढ़ाई में मन नहीं लगने की बात लिखी गई है।

- मनोज मोहन, एसएचओ, बुद्धा कॉलोनी थाना

केस स्टडी ख्

सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल उत्तम कुमार अपने परिवार के साथ बिहार सेक्टर आईजी कैम्प क्वाटर टाइप-ख् में रहते थे। उनका बेटा रितिक कुछ दिनों पहले ही पटना आया था। उत्तर कुमार का भी ट्रांसफर कुछ महीने पहले ही बिहार हुआ है। वह जहानाबाद के रहने वाले है। चंद दिनों पहले रितिक ने पिता से एक कीमती मोबाइल मांगा था, लेकिन पिता ने पढ़ाई में ध्यान लगाने की बात कह कर फोन देने से मना कर दिए। इसके बाद बुधवार की रात रितिक अपने कमरे में सोने चला गया। सुबह जब देर तक उसके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो सभी को शक हुआ। घरवाले दरवाजा खटखटाने लगे, लेकिन नहीं खुला। काफी देर बाद दरवाजा खोला गया। देखा कि रितिक पंखे से लटक रहा था। बताया जाता है कि रितिक ने कई जगहों से पढ़ाई की है। इसमें रोहणीपुरम, रांची के बाद पढ़ने के लिए पटना आया था। यहां वह एक निजी स्कूल में क्0वीं का छात्र था।

- फिर भी दुनिया देखेगी उसकी आंखें

उत्तम कुमार अपने बेटे की मौत से पूरी तरह टूट चुके हैं। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा अब दुनिया में नहीं रहा। लेकिन उसके शरीर का कोई भी हिस्सा किसी के काम आ जाए तो बेहद खुशी होगी। इन्ही बातों को लेकर आईजीआईएमएस प्रबंधन से बात की गई। यहां रितिक की आंखों को रखा गया है, जो किसी जरूरतमंद को दिया जाएगा।

हेड कांस्टेबल उत्तम कुमार के बेटे रितिक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसने कई जगहों पर रह कर पढ़ाई की है। अभी कुछ दिनों पहले ही पटना आया था और पढ़ाई कर रहा था।

- मृत्युंजय कुमार, एसएचओ, राजीव नगर थाना