Patna: मेरी पत्नी सुसाइड नहीं कर सकती। जैसे हालात थे उससे यही लगता है कि उसकी हत्या की गई है। वह अपना ट्रांसफर करवाने के लिए बेचैन थी। उसे शराब माफियाओं से कई बार धमकी मिली.
वह पटना आ रही थी। तैयारी हो गई थी आने से थोड़ी देर पहले वह कैसे सुसाइड कर सकती है। और तो और जो वहां के एविडेंस हैं वह भी इसी ओर इशारे करते हैं कि उसने सुसाइड नहीं किया। गम में डूबे रेणु के पति वैभव सिंह बार-बार यही बोल रहे थे.
डेढ़ महीने से थी परेशान
रेणु जहानाबाद में एक्साइज सुपरिटेंडेट थी। वैभव झारखण्ड के गोड्डा में बीडीओ कम सीओ हैं। उनकी फैमिली पटना के पटेल नगर पुष्कर अपार्टमेंट में रहती है। मां सरोज सिंह ने बताया कि चार बजे उनसे शाम में बात हुई वह बोली कि पटना आ रहे हैं। ससुर दयानंद सिंह का डॉक्टर से चेकअप करवाना था। उसके कुछ देर बाद वह कैसे सुसाइड कर सकती है। वैभव ने भी बताया कि उनसे भी 11 बजे फोन पर बात हुई। रेणु के डर का यह आलम था कि वह अपने आफिस के बाहर सैप के जवानों को रखती थी.
कहां गया ड्राइवर, कौन थे चार बाइकर्स
रेणु ने अपना ड्राइवर नया रखा था। एक महीने पहले ही आया मगर रेणु की मौत के बाद से ही उसका पता नहीं। वह जहानाबाद का ही रहने वाला था। वैभव ने बताया कि उसका नाम नहीं पता। उनका कहना था कि जहानाबाद में लोगों ने बताया कि जब रेणु आफिस से निकली तो उसका पीछा चार बाइकर्स ने किया था। वो कौन थे जो ऑफिस से घर तक आए थे। इसकी भी जांच होनी चाहिए। होम सेक्रेटरी से दुबारा पोस्टमार्टम के लिए रिक्वेस्ट किया गया है। वहां की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है.
वैभव के लिए किया था इंतजार
रेणु और वैभव ने लव मैरिज किया था। रेणु को पहले नौकरी लगी मगर वैभव का उसने इंतजार किया और दोनों के सेटल होने पर ही नवम्बर 2011 में शादी की, जबकि दोनों की पहचान 2005 से ही थी। इंटर कास्ट शादी घर वालों को मनाकर की। आंखों में आंसू लिये वैभव ने कहा कि एग्जाम के लिए नोट्स जुटाने के दौरान ही प्यार हुआ.
आने से थोड़ी देर पहले वह कैसे
वह पटना आ रही थी। तैयारी हो गई थी आने से थोड़ी देर पहले वह कैसे सुसाइड कर सकती है। और तो और जो वहां के एविडेंस हैं वह भी इसी ओर इशारे करते हैं कि उसने सुसाइड नहीं किया। गम में डूबे रेणु के पति वैभव सिंह बार-बार यही बोल रहे थे।
रेणु जहानाबाद में एक्साइज सुपरिटेंडेट थी। वैभव झारखण्ड के गोड्डा में बीडीओ कम सीओ हैं। उनकी फैमिली पटना के पटेल नगर पुष्कर अपार्टमेंट में रहती है। मां सरोज सिंह ने बताया कि चार बजे उनसे शाम में बात हुई वह बोली कि पटना आ रहे हैं। ससुर दयानंद सिंह का डॉक्टर से चेकअप करवाना था। उसके कुछ देर बाद वह कैसे सुसाइड कर सकती है। वैभव ने भी बताया कि उनसे भी 11 बजे फोन पर बात हुई। रेणु के डर का यह आलम था कि वह अपने आफिस के बाहर सैप के जवानों को रखती थी।
रेणु ने अपना ड्राइवर नया रखा था। एक महीने पहले ही आया मगर रेणु की मौत के बाद से ही उसका पता नहीं। वह जहानाबाद का ही रहने वाला था। वैभव ने बताया कि उसका नाम नहीं पता। उनका कहना था कि जहानाबाद में लोगों ने बताया कि जब रेणु आफिस से निकली तो उसका पीछा चार बाइकर्स ने किया था। वो कौन थे जो ऑफिस से घर तक आए थे। इसकी भी जांच होनी चाहिए। होम सेक्रेटरी से दुबारा पोस्टमार्टम के लिए रिक्वेस्ट किया गया है। वहां की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भरोसा नहीं है।
वैभव के लिए किया था इंतजार
रेणु और वैभव ने लव मैरिज किया था। रेणु को पहले नौकरी लगी मगर वैभव का उसने इंतजार किया और दोनों के सेटल होने पर ही नवम्बर 2011 में शादी की, जबकि दोनों की पहचान 2005 से ही थी। इंटर कास्ट शादी घर वालों को मनाकर की। आंखों में आंसू लिये वैभव ने कहा कि एग्जाम के लिए नोट्स जुटाने के दौरान ही प्यार हुआ.
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