चैत्र व कार्तिक छठ पर गायघाट एवं महावीर घाट पर अच्छी भीड़ जुटती है। अधिकांश श्रद्धालु घाट पर भीड़ को देखते हुए छोटी डेंगी व नाव की हेल्प से गंगा के बीच में चले गए। सूर्य को अघ्र्य देने के बाद सब लौट रहे थे। इसी दौरान नहाने के फेर में एक-एक कर चार युवक डूब गए। इनके डूबते ही हंगामा मच गया। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने आलमगंज थाने को सूचित कर गोताखोर को भेजने को कहा। इस दौरान उन युवकों के फैमिली मेंबर्स पानी में कूदने लगे, जिन्हें किसी तरह रोका गया।

चारों स्टूडेंट्स ही थे

डूबने वालों में एक संतोष कुमार हैं। इनके पिता चंद्रदेव सिंह, अगमकुआं थानांतर्गत भूतनाथ रोड स्थित शांति निकेतन कॉलोनी निवासी हैं। संतोष एनआईटी पटना में फाइनल ईयर के स्टूडेंट हैं। संतोष के पिता बिहार पुलिस में इंस्पेक्टर से रिटायर्ड हैं। दूसरा विक्रांत उर्फ गोलू, पिता विजय कुमार केसरी, कंकड़बाग थानांतर्गत इंदिरा नगर निवासी है। विजय पटना मार्केट के पास कपड़ा बेचते हैं।

दोनों नाइंथ के स्टूडेंट्स

तीसरा विकास उर्फ सूरज, पिता रंजीत कुमार रजक, पश्चिमी लक्ष्मीनगर के खेमनीचक का रहने वाला था। उसके साथ उसका दोस्त कुंदन, पिता रामनाथ गुप्ता भी गया था, जिसकी भी मौत हो गई। दोनों नाइंथ के स्टूडेंट्स हैं। विकास की मां ने छठ की थी। उसे एक छोटा भाई आकाश है। उधर, विक्रांत इकलौता बेटा था। उसकी दो बहनें सोनाली व प्रियांशु हैं। संतोष की मां ने भी छठ की थी।