पटना(ब्यूरो)। जयप्रकाश विश्वविद्यालय के लिए यह बड़ी विडंबना है कि यहां कोई शिक्षक पदाधिकारी बनना नहीं चाह रहे है। कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक का पद छोड़ दिया जाए तो अन्य पदों पर शिक्षकों (कुलपति के स्तर से नियुक्ति) की नियुक्ति करने के बाद भी वे काम नहीं करना चाह रहे हैं। कुलपति के स्तर पर नियुक्ति होने के बाद शिक्षक बीमारी एवं व्यक्तिगत कारणों का बहाना बन कर इस्तीफा दे दे रहे हैं। इसके कारण विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू), कुलानुशासन(प्रोक्टर) का पद वर्षों से खाली है।

एक शिक्षक पर कई पदों की है जिम्मेदारी
यहां स्थिति यह है कि एक शिक्षक को दो -तीन पदाधिकारियों का पद दिया गया है। वर्तमान में कुलसचिव डॉ। मोहम्मद सरफराज अहमद विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी पदाधिकारी, दूरस्थ शिक्षा के निदेशक भी है। इतना ही नहीं एनएसएस समन्वयक डॉ। हरिश्चंद्र के जिम्मे सीसीडीसी एवं जनसंपर्क पदाधिकारी का भी दायित्व है। परीक्षा नियंत्रक डॉ.अनिल कुमार ङ्क्षसह सामाजिक विज्ञान संकाय के संकाय अध्यक्ष भी हैं। डॉ। धनंजय आजाद आइटी आफिसर के अलावा संयुक्त परीक्षा नियंत्रक है। ऐसे में हम अनुमान लगा सकते हैं कि इन लोगों पर काम का कितना बोझ होगा। इन सभी पर दो- तीन महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेवारी है। इसके अलावा भी कई पद खाली हैं। विश्वविद्यालय पदाधिकारियों की इतनी कमी है कि ज्वाइंट रजिस्टार, सांस्कृतिक पदाधिकारी आदि के पद पर कोई नहीं है।

15 अप्रैल तक ही मांगा गया था आवेदन
जयप्रकाश विश्वविद्यालय में पांच पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था। कुलपति प्रोफेसर फारुक अली के निर्देश पर कुलसचिव डॉ। मोहम्मद सरफराज अहमद ने सूचना प्रकाशित किया था। यह सूचना स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष एवं छपरा, सिवान एवं गोपालगंज के सभी अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य को भेजा भी गया था। इसमें विश्वविद्यालय में छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू), कुलानुशासन(प्रोक्टर), महाविद्यालय निरीक्षक (इंस्पेक्टर आफ कालेज/कला एवं वाणिज्य), महाविद्यालय निरीक्षक (विज्ञान) एवं परिसंपदा पदाधिकारी (स्टेट आफिसर)का पद खाली है। इसमें अध्यक्ष छात्र कल्याण के लिए अहर्ता विश्वविद्यालय प्रोफेसर/ रीडर/ प्राचार्य एवं कुलानुशासन, महाविद्यालय निरीक्षक (कला एवं वाणिज्य) परिश्रम पता पदाधिकारी के लिए अहर्ता रीडर है। इस पद च्े लिए इच्छुक आवेदक को अपना बायोडाटा, प्रमाण पत्र की स्वअभिप्रमाणित छाया प्रति, सेवा अवधि के विवरण सहित अपने आवेदन को संबंधित विभागाध्यक्ष/ प्राचार्य से सत्यापित कराकर 15 अप्रैल 23 तक कुलसचिव के कार्यालय में चार अपराह्न तक जमा करना था। इसमें सिर्फ सिवान के एक अध्यापक ने आवेदन किया हैं। इनके द्वारा सभी पदों के लिए आवेदन किया गया है। जेपी विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक के बहाली के लिए दो बार विज्ञापन प्रकाशित किया गया था, लेकिन समन्वयक की नियुक्ति नहीं हो सकी थी।