PATNA : बीएसएससी एग्जाम का पेपर लीक और सेटिंग के इस खेल में करोड़ों रुपए की कमाई की गई है। लेकिन कब, किसने और कितने कमाए हैं इसका कोई लेखा-जोखा किसी के पास अब तक नहीं है। लेकिन इस काली कमाई के बारे में पता लगाने के लिए एसआईटी ने कमर कस ली है। जिसकी शुरुआत करते हुए जेल में बंद एक-एक कर सभी आरोपितों के बैंक अकाउंट्स को खंगालने का काम एसआईटी शुरू कर चुकी है। क्योंकि यही एक जरिया है, जिससे पेपर लीक और सेटिंग के इस खेल की कलई खुलेगी। मालूम हो कि इस खेल में अब तक पूर्व चेयरमैन सुधीर कुमार व सेक्रेटरी परमेश्वर राम समेत कुल फ्ब् आरोपितों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है।

- अलग से लगाई गई एक यूनिट

हालांकि सभी आरोपितों का बैक अकाउंट्स का डिटेल्स खंगालना इतना आसान काम भी नहीं है। इसलिए एसआईटी ने अपनी एक यूनिट को सिर्फ इसी काम में लगाया है। जिसमें कई पुलिस अधिकारी शामिल हैं। ऐसे में उम्मीद है कि एक-एक कर सभी आरोपितों के बैंक अकाउंट के जरिए किए गए लेन-देन की डिटेल्स जल्द ही सबके सामने आ जाएगी।

- कार्रवाई के लिए और सबूत की जरूरत

दूसरी तरफ सुधीर कुमार के पिता राधा प्रसाद के खिलाफ एसआईटी अभी कार्रवाई नहीं करेगी। दरअसल, सुधीर के भांजे आशीष ने पूछताछ के दौरान नाना राधा प्रसाद का नाम लिया था और कहा था कि आंसर की उसे नाना से मिले थे। लेकिन ये बात अभी सिर्फ बयान पर ही आधारित है। एसआईटी को इस मामले में कोई न तो कोई ठोस सबूत मिले हैं और न कोई इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए दोनों में बातचीत होने का कोई लिंक मिला है। इसलिए एसआईटी ने साफ कर दिया है कि बगैर ठोस सबूत के राधा प्रसाद पर हाथ नहीं डालेगी। क्योंकि एसआईटी को कोर्ट में आशीष के अपने बयान से पलट जाने का भी डर सता रहा है।

- रिमांड के बाद जेल गया आशीष

इधर आशीष को एसआईटी ने पहले ख्ब् घंटे के लिए रिमांड पर लिया था। लेकिन पूछताछ के लिए इतना समय काफी नहीं था। जिसके बाद एसआईटी के दोबारा अपील पर कोर्ट ने रिमांड के लिए ख्ब् घंटे समय और बढ़ा दिया था। सोर्स की मानें तो इस दौरान पूछताछ में उसने उन्हीं बातों को दोहराया, जिसे वो गिरफ्तारी के दौरान बोल चुका था। वो अब भी उस बयान पर टिका है कि उसे नाना से ही आंसर की मिले थे। कुल ब्8 घंटे की रिमांड पूरी होने के बाद उसे वापस जेल भेज दिया गया।