उज्मा का हाथ किसी ने काटा नहीं

सीनियर एसपी मनु महाराज ने डीएसपी टाऊन मनोज तिवारी को जांच का जिम्मा दिया। छानबीन के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंची कि उज्मा का हाथ किसी ने काटा नहीं बल्कि ट्रेन से गिरने के दौरान वह जख्मी हो गई और इलाज के दौरान जान बचाने के लिए उसका हाथ काटा गया।

कारू ने बचाया था

दरभंगा से पटना अपने मां-पापा के साथ डीजीपी से मिलने आई थी उज्मा। इस दौरान उसके हाथ काट देने की बात सामने आते ही पुलिस के होश उड़ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए हेडक्वार्टर में बैठे सीनियर ऑफिसर्स दरभंगा पुलिस से लेकर पटना पुलिस तक से जानकारी लेने लगे। दोपहर तक पटना पुलिस उस शख्स को सामने लेकर आई जिसने उज्मा को ट्रेन से कटने से बचाया था। उसे पीएमसीएच में ले जाकर पहचान भी करवाई गई।

बयान गलत हुआ तो होगी कार्रवाई

कारू राम उस वक्त राजेन्द्र नगर टर्मिनल पर ही था। उसने बताया कि हल्ला होने पर लोगों ने ट्रेन को वैक्यूम किया तब जाकर बच्ची को निकाला गया। उसकी मां तो चिल्लाते-चिल्लाते वहीं बेहोश हो गई थी। बच्ची के हाथ पर दो जगह जख्म हो गए थे और खून बह रहा था। बाद में वे लोग रिक्शा से कहीं चले गए।

जीआरपी में एक सनहा भी दर्ज है

मनु महाराज ने बताया कि राजेन्द्र नगर जीआरपी में एक सनहा भी दर्ज है। उन्होंने कहा कि अगर गलत बयान देकर मामला दर्ज करवाया गया होगा तो उसपर कानूनी कार्रवाई होगी। वहीं दरभंगा से भी पुलिस की टीम पटना पहुंची थी। इन लोगों ने बताया कि जिस बॉबी खान पर आरोप लगा रहे हैं उसपर पहले भी सात केस उज्मा के पिता एनुल अंसारी ने कर रखा है। कई केस गलत साबित हुए हैं।