PATNA : 15 साल बाद मंगल एक बार फिर चंद्रग्रहण पर अपना रंग दिखाने के लिए तैयार हो रहा है। 27 जुलाई को वह पृथ्वी के सबसे नजदीक आकर साफ दिखेगा। यह स्थिति वर्ष 2003 में बनी थी। विद्वानों का मत है कि यह राशियों के अनुसार शुभ और अशुभ फल दायक होगा। क्योंकि इसका पूर्ण प्रभाव मंगल राशि से प्रभावित लोगों पर पड़ेगा। मत तो यह भी है कि अगर मंगल से प्रभावित लोग उपाय करें तो उनकी बाधाएं दूर हो सकती हैं।

लंबा होगा ग्रहण का समय

आषाढ़ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा 27 जुलाई को पूर्ण चंद्रग्रहण लग रहा है। यह देशभर में दिखाई देगा। इसे अंटार्कटिका, ऑस्ट्रेलिया को छोड़कर एशिया अफ्रीकी यूरोप दक्षिण अमेरिका के मध्य और पूर्वी भाग से देखा जा सकेगा। भारतीय मानक के अनुसार चंद्रग्रहण का स्पर्श प्रारंभ रात में 11.15 पर होगा। ग्रहण का मध्य समय 1.52 पर रहेगा तथा रात 3.49 बजे पर यह ग्रहण समाप्त हो जाएगा। रात 1 बजे से लेकर रात 2.45 तक यह खग्रास की अवस्था में रहेगा। जिससे पूरा चंद्रमा ढका रहेगा।

चंद्रग्रहण के दौरान बरतें सावधानियां

-ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि जिनका जन्म उत्तराषाढ़ा नक्षत्र या श्रवण नक्षत्र में हुआ है वह इस ग्रहण को न देखें।

-गर्भवती महिलाएं सावधानी बरतें।

-पीठ पर गाय के गोबर का हल्का लेप कर ले।

-चंद्रग्रहण के समय भोजन करने से बचना चाहिए।

-सुईं और नुकीली चीजों का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

-बालक, वृद्ध और रोगी शाम 5. 55 बजे तक भोजन ले सकते हैं।

-यदि असाध्य रोगी है तो डॉक्टर द्वारा बताए गए समय पर दवा लेते रहे।

-गर्भवती महिलाओं को ग्रहण नहीं देखना चाहिए।

इसलिए होता है पूर्ण चंद्रग्रहण

ज्योतिष विद्वानों का कहना है कि पूर्ण चंद्रग्रहण काफी लंबे अंतराल के बाद ही देखने को मिलता है। यह एक खगोलीय घटना है। चंद्रग्रहण तब देखने को मिलता है जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य एक ही सीध में आ जाते हैं। चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य जब एक ही रेखा में होते हैं। इस दौरान चंद्रमा पृथ्वी के पीछे गुजर रहा होता है तो उसके पर हमारे ग्रह यानी पृथ्वी की छाया पड़ती है। ऐसे में चंद्रमा दिखाई नहीं देता जिसे पूर्ण ग्रहण कहते हैं। चंद्रमा जब पृथ्वी की छाया से निकल रहा होता है तो यह हल्के लाल रंग का दिखता है जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में ?लड मून कहते हैं।

-15 साल बाद सबसे छोटा होगा चंाद

पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान मंगल ग्रह धरती के काफी करीब होगा। 27 जुलाई को चांद धरती से सबसे ज्यादा दूरी पर होगा, यानी सबसे छोटा चांद दिखाई देगा। इस चंद्रग्रहण की अवधि 1.43 घंटा होगी। इस दौरान चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा।

दान करना होता है फलदायक

-जिनके लिए शुभ नहीं है वह ग्रहण के समय भगवान शिव की आराधना कर अनुकूल प्रभाव बना सकते है।

-चंद्रग्रहण पर सभी को दान-पुण्य करना चाहिए इसका अधिक लाभ मिलता है।

-चंद्रग्रहण पर लोगों को सोने, चांदी और तांबे के नाग का काले तिल तांबे की प्लेट में रखकर दान करना शुभ माना जाता है।

इस बार का चंद्रग्रहण काफी खास है। 15 साल बाद विशेष योग से मंगल का काफी प्रभाव होगा और चंद्रमा काफी छोटा होगा और ग्रहण लंबा होगा।

डॉ श्रीपति त्रिपाठी, संस्थापक

मर्तण्डय ज्योतिष