ARA: आखिरकार भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की हत्या का मुख्य आरोपी हरेश मिश्र कोलकाता के उत्तरपाड़ा इलाके से दबोच लिया गया। उसे इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की बदौलत पकड़ा गया। वह दस माह से पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ था। एसटीएफ ने सोमवार को न्यायालय में हरेश और उसके भाई धनंजय को पेश किया है। आदेश मिलने पर दोनों को भोजपुर पुलिस आरा लाएगी। भोजपुर पुलिस की एक टीम कोलकाता गई है।

बनारस तक गई थी पुलिस

मालूम हो कि क्ख् फरवरी को भाजपा नेता विशेश्वर ओझा की सोनवर्षा गांव के समीप हथियारबंद अपराधियों ने अंधाधुंध फाय¨रग कर हत्या कर दी थी। मुख्य आरोपी हरेश और ब्रजेश की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस बनारस से लेकर कोलकाता तक छापेमारी करती रही, पर हाथ नहीं लगे। इसके बाद राज्य सरकार ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए भ्0-भ्0 हजार का इनाम भी घोषित किया था।

पल-पल की लेता था जानकारी

आइजी ऑपरेशन कुंदन कृष्णन ने बताया कि हरेश के सभी करीबी लोगों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर रखे गए थे। हत्याकांड के बाद हरेश के थोड़े-थोड़े अंतराल पर शाहपुर के दियारा तथा भोजपुर-बक्सर के सीमावर्ती क्षेत्र में देखे जाने की सूचना मिलती रहती थी, परंतु पुलिस के पहुंचने के पहले ही वह फरार हो जाता था। इसके अलावा हरेश पुलिस अपने सूत्रों से पुलिस गतिविधियों की पल-पल की जानकारी लेता रहता था। एसटीएफ के सक्रिय होने पर हरेश दूरदराज रहने वाले रिश्तेदारों व दोस्तों के यहां रहकर यहां के हालात पर नजर रख रहा था। आखिर में मोबाइल नंबर ट्रैपिंग से पुलिस को उसका सुराग मिल गया।

ब्रजेश अभी फरार :

ओझा के भतीजे राजनाथ ओझा ने हरेश मिश्र एवं ब्रजेश मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी में कुल सात लोगों जिनमें बुआ उर्फ हरेंद्र सिंह, टुन्नी मिश्र, उमाकांत मिश्र, वसंत मिश्र तथा पप्पू सिंह शामिल थे, को नामजद किया था। पुलिस ने हत्या के दिन ही बुआ सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद चार आरोपियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। हरेश की गिरफ्तारी के बाद अब केवल ब्रजेश मिश्र ही फरार है।