पटना (ब्यूरो)। पटना सिटी अंचल के पत्थर की मस्जिद का मुहल्ला भी देखते-देखते डेंगू प्रभावित एरिया बन गया है। वार्ड 50 के इस मुहल्ले में दर्जन भर से अधिक लोग हर दिन डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। फॉगिंग के लिए नगर निगम के अधिकारियों से गुहार लगाकर थक गया। लाचार होकर खुद ही फॉगिंग मशीन खरीद ली और मुहल्ले में फॉगिंग करने लगे। दौलत इमाम ने अपनी पीड़ा सुनाते ये बातें कहीं। दौलत ने कहा कि फॉगिंग और ब्लीचिंग के छिड़काव के लिए अधिकारियों को कई बार कॉल किया। कोई सुनने को तैयार नहीं है। दौलत इमाम के साथ मुहल्ले के कई लोग जुड़ गये हैं। वे फॉगिंग करने में उनका साथ दे रहे हैं।

एक हफ्ते से चला रहे अभियान
फागिंग मशीन खरीद कर इसे वार्ड 50 के विभिन्न मुहल्लों में चलाने वाले दौलत इमाम ने बताया कि फागिंग के लिए दो मशीनें खरीदी हैं। इसमें एक ऑटो पर चलाते हैं और दूसरी हैंड हेल्ड यानि हाथ से लेकर चलायी जाती है। इसमें केवल ऑटो पर चलाने वाली मशीन की कीमत करीब 23 हजार है। इसके साथ ही और भी खर्च प्रतिदिन होता है। क्योंकि इसमें कीटनाशक और डीजल की खपत होती है। यह मशीन एक मिनट में एक लीटर डीजल की खपत करता है। एक दिन में कम से कम एक मुहल्ले को कवर किया जाता है। हर दिन इस पर करीब पांच हजार स्पये का खर्च आ रहा है।

इन इलाकों में चला अभियान
दौलत इमाम ने बताया कि वार्ड 50 के अंतर्गत कई मुहल्ले हैं। प्रयास यह है कि सभी मुहल्लों में फागिंग करा ली जाए। अब तक न्यू अजीमाबाद कॉलोनी, ओल्ड अजीमाबाद कॉलोनी, शारजाह कॉलोनी, नौघरवा, मंडई, मासूम गली, कर्बला, शेखटोली के इलाकों में फागिंग कराई गई है। पत्थर की मस्जिद और मुसल्लाहपुर हाट आदि क्षेत्रों में इसके लिए फागिंग कराई जाएगी।

घर-घर में डेंगू का कहर
जब डेंगू का प्रकोप इलाके में बढऩे लगा और फागिंग ही नहीं हो रही थी । मशीन खरीदने के अलावा कोई विकल्प नहीं दिख रहा था। दौलत इमाम ने बताया कि इस वार्ड में कई घरों में लोग डेंगू से पीडि़त है। एक घर में तीन-चार लोग एक साथ पीडि़त हैं। ाुद मेरा भाई कादिर इमाम भी अभी डेंगू पीडि़त है। उन्होंने बताया कि कई लोग फागिंग के काम में हाथ बटा रहे थे, वे भी पीडि़त हो गए हैं।
दौलत इमाम ने बताया कि ब्लीचिंग का छिड़काव भी कराया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने भी इस अभियान का समर्थन करते हुए कहा कि जो कॉलोनी के लिए अच्छा काम है, उसे जरूर होना चाहिए।