पटना (ब्यूरो)। हाल के दिनों में जितनी भी दारोगा की परीक्षाएं हुई हैं उनमें सबसे कठिन प्रश्न इस बार के दारोगा परीक्षा में पूछा गया है। खास तौर पर सवालों के बदले हुए पैटर्न और निगेटिव मार्किंग के कारण परीक्षार्थियों ने बहुत सावधानी से प्रश्नों को हल किया। ये बातें प्रतियोगिता परीक्षा विशेषज्ञ गुरू डॉक्टर एम रहमान ने कही। उन्होंने बताया कि करेंट अफेयर्स के प्रश्न भी ऐसे थे, जिसके कारण परीक्षार्थियों को प्रश्नों का जवाब देने में अधिक समय लगा। जानकारी हो कि रविवार को बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग (बीपीएसएससी) द्वारा 2213 पदों के लिए प्रारंभिक परीक्षा राज्य के विभिन्न केन्द्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। इसमें दारोगा के 1,828 और सार्जेंट के 385 पदों के लिए परीक्षा हुई। परीक्षा दो सीटिंग में आयोजित की गई। इसमें पहली सीटिंग 10 से 12 जबकि दूसरी सीटिंग 2.30 से 4.30 बजे तक हुई। प्रति प्रश्न दो अंक जबकि गलत उत्तर देने पर 0.25 अंक निगेटिव मार्किंग था।

वर्ष 2019 व 20 से भी पूछे गए
एएन कालेज, बांकीपुर गल्र्स हाई स्कूल सहित पटना के 57 सेंटर्स पर परीक्षा हुई। परीक्षा देकर निकले अभ्यर्थियों ने बताया कि इस बार का प्रश्न देखकर लग रहा है कि इसका सीधा असर कटऑफ पर भी देखने को मिलेगा।

बदला हुआ था पैर्टन
आम तौर पर दारोगा की परीक्षा में इतिहास, भूगोल, राजव्यवस्था, विज्ञान आदि से प्रश्न पूछे जाते थे, लेकिन इस बार नई बात यह देखने को मिली कि समाज शास्त्र और विश्व इतिहास से भी प्रश्न पूछे गए थे। अगर समसामयिकी की बात करें तो 2019 और 2020 से भी प्रश्न पूछे गए थे। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रश्न इस बार सीधे न पूछते हुए घुमावदार रहा। जिसमें परीक्षार्थियों को अधिक समय लगा।

68 तक रहेगा कट ऑफ
परीक्षा विशेषज्ञ डॉ एम रहमान ने प्रश्नों के विश्लेषण के आधार पर बताया कि इस बार 200 अकों का एग्जाम हुआ। इसका कट ऑफ जनरल के लिए 65 से 68 अंक, ओबीसी 62 से 65, ईवीसी 59-62, एससी 52 से 54, एसटी 53 से 55 , ईडब्ल्यूएस 60 से 62 तथा महिला का कट ऑफ 40 से 45 अंक जाने का अनुमान है।

दुर्खिम के बारे में भी आए प्रश्न
इस बार का प्रश्न पत्र अपने आप में विशेष न केवल कठिन सवालों को लेकर रहा, बल्कि पहली बार समाजशास्त्र के प्रश्नों ने भी उलझाया, जो सिलेबस में नहीं थे। परीक्षा देकर सेंटर से निकले परीक्षार्थी अंजय कुमार और देवाशीष ठाकुर ने बताया कि फ्रांस के महान समाजशास्त्री दुर्खिम से जुड़े प्रश्न भी आए। इसके अलावा दर्शन शास्त्र के भी प्रश्न थे। कुल मिलाकर 80 प्रतिशत एनसीआरटी और 20 प्रतिशत समाजशास्त्र और दर्शन शास्त्र के प्रश्न रहे। हालांकि डॉ एम रहमान ने बताया कि इन बेसिक बुक्स का गहन अध्ययन से ही सफलता की शुरूआत होगी।

करेंट अफेयर करें मजबूत
जानकारी हो कि इस परीक्षा में क्वालिफाई करने वाले अब आगे मेंस यानि मुख्य परीक्षा में शामिल होंगे। मार्च, 2022 से पहले इसका रिजल्ट आने की उम्मीद है। डॉ एम रहमान ने बताया कि जिन परीक्षार्थियों को विश्वास है कि उनकी परीक्षा बेहतर गई है, वे अभी से बेसिक बुक्स, करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिए स्तरीय मैगनीज का अध्ययन करें। क्योंकि इस बार बदले पैटर्न के साथ परीक्षा हो रही है।

अफवाह उड़ती रही
एक बार फिर से इस परीक्षा के दौरान कुछ प्रश्न पत्र वायरल होने की बात उड़ाई गई। लेकिन इस संबंध में परीक्षा के आयोजकों की ओर से कोई पुष्टि नहीं हुई है। हालांकि इसके कारण परीक्षार्थी थोड़ी देर के लिए परेशान जरूर रहे।

कदाचार में नौ निष्कासित
प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में रविवार को दो पालियों में हुई दारोगा भर्ती परीक्षा के दौरान कदाचार के आरोप में कई जगहों से निष्कासन की सूचना मिली। बिहारशरीफ के चार केन्द्रों से पहली पाली में छह निष्कासित किए गए। 6392 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे। सासाराम के एबीआर फाउंडेशन स्कूल नेकरा केन्द्र से दूसरी पाली में ओएमआर की कॉर्बन कापी लेकर भाग रहे दो परीक्षार्थियों को निष्कासित करते हुए उनके विरुद्ध स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। 5211 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।
औरंगाबाद में परीक्षा की दूसरी पाली में रामलखन ङ्क्षसह यादव महाविद्यालय केंद्र पर एक परीक्षार्थी कदाचार करते पकड़ा गया। उसके पास से दो पेज में लिखी हुई उत्तर पुस्तिका बरामद की गई। 3792 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे।