पटना (ब्यूरो)। लंबे इंतजार के बाद आखिर वो दिन करीब आ ही गया जब राजधानी पटना और वैशाली जिले को जोड़े वाले 5.75 किलोमीटर लंबे महात्मा गांधी सेतु पर वाहन बिना रुकावट के दौड़ेंगे। आए दिन सेतु पर लगने वाले भीषण जाम में फंस कर यात्री घंटों परेशान नहीं होंगे। सेतु का सफर 15 से 20 मिनट में पूरा होगा। सेतु के पूर्वी लेन का निर्माण कार्य लगभग अंतिम चरण में है। मई 2022 के अंत में इस दूसरी लेन का शुभारंभ होने की उम्मीद है।

42 स्पैन की सड़क तैयार

विभागीय अभियंताओं ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 30 और 19 से राजधानी को उत्तर बिहार से जोडऩे वाले गांधी सेतु के 46 पाये में से पूर्वी लेन पर 42 स्पैन की सड़क तैयार हो चुकी है। 36 स्पैन की रेङ्क्षलग बन गई है। 21 स्पैन का मास्टिक हो चुका है। 30 स्पैन पर कोलतार बिछाया गया है। 35 स्पैन को आपस में जोड़ा जा चुका है। छह स्पैन की पेंङ्क्षटग कर ली गई है। पुल के पूरब और पश्चिमी किनारे पर ढाई मीटर चौड़े फुटपाथ का निर्माण कार्य जारी है।

जंगरोधी स्टील से बन रहा सेतु

विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सेतु की पूर्वी लेन का निर्माण कार्य दिन-रात जारी है। मई के अंतिम सप्ताह में इस लेन पर वाहन का परिचालन आरंभ हो जाएगा। जंगरोधी स्टील से तैयार किए गए आकर्षक सुपर स्ट्रक्चर वाले गांधी सेतु का सफल सुहावना और रोमांच भरा होगा।

जाम समस्या का होगा अंत

महात्मा गांधी सेतु की पश्चिमी लेन पर पटना और हाजीपुर के लिए सभी तरह के वाहनों का परिचालन जारी है। इस मार्ग पर किसी वाहन के खराब या दुर्घटनाग्रस्त होने, उसे क्रेन से हटाने तथा ओवरटेक के दौरान लगने वाले भीषण जाम में यात्रियों को दो से तीन घंटे तक जूझना पड़ता था। पूर्वी लेन के चालू होते ही इस मार्ग से हाजीपुर से पटना के लिए वाहनों का आगमन होगा और पश्चिमी मार्ग से पटना से हाजीपुर के लिए रवानगी। इन दोनों चौड़ी सड़क पर वाहनों का परिचालन बिना रुकावट होने से यात्रियों का समय के साथ ईंधन भी बचेगा। जाम के झाम और तनाव से अगले माह मुक्ति मिलने की पूरी उम्मीद है।