PATNA: शहर को साफ रखने की जिम्मेदारी संभालने वाले दो मजदूरों के लिए बुधवार की सुबह मौत लेकर आई। इनकम टैक्स चौराहे के पास चैम्बर में घुसकर सफाई का काम चल रहा था। एक मजदूर अंदर घुप्प अंधेरे में जहरीली गैस का शिकार हो गया। दूसरा उसे बचाने गया तो वह भी वहीं फंस गया। इस हादसे में दोनों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों के नाम दीपू चौधरी और जितेंद्र पासवान हैं। डेली वेज पर काम करने वाले इन मजदूरों को बचाने के लिए पुलिस ने काफी मशक्कत की, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। दो मौत के बाद नगर निगम की सफाई की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हुए हैं।

नगर निगम से ये सवाल

- नाले में उतरने वाले मजदूरों की सेफ्टी के लिए कोई इंतजाम क्यों नहीं?

- नाले में इंसान हाथ से सफाई कर रहे हैं? क्या यह अमानवीय नहीं है?

जांच कमेटी 7ख् घंटे में खोजेगी जवाब

- स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस फॉलो किया गया है कि नहीं?

- हादसे की वजह नाले में किसी कैमिकल या गैस है?

- ऐसे हादसे न हों इसके लिए क्या किया जा सकता है?

- हादसे की जिम्मेदारी किसकी बनती है?

परिवार को मुआवजा, जिम्मेदारों पर जांच

नगर निगम कमिश्नर अभिषेक सिंह ने पीडि़त परिवारों को एक-एक लाख रुपए का चेक मुआवजे के रूप में देने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा मजदूरों के अंतिम संस्कार का खर्च भी निगम ने ही उठाया। कमिश्नर ने जांच के आदेश देते हुए हादसे की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए।

हादसा काफी दुखद है। वे लोग सफाई में एक्सपर्ट थे और वर्षो से ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ था। एक कमेटी 7ख् घंटे के भीतर इस हादसे के सभी पक्षों पर रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के बाद जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो सकती है।

- अभिषेक सिंह, कमिश्नर, नगर निगम पटना