- यूजीसी ने जारी किया टोल फ्री नंबर, स्टूडेंट्स 1800-180-5522 पर कर सकते हैं रैगिंग की कंप्लेन

- यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को दिखाई जाएगी एंटी रैगिंग फिल्म

- यूनिवर्सिटी व कॉलेज लेवल पर गठित होगी जांच कमेटी

PATNA : यूजीसी ने एंटी रैगिंग नियमावली जारी करते हुए इसके प्रति यूनिवर्सिटी को हार्ड एंड फास्ट रवैया अपनाने को कहा है। यूजीसी के निर्देशानुसार स्टेट की तमाम यूनिवर्सिटी व कालेजों को न्यू सेशन स्टार्ट होने से पहले जांच टीम गठित करनी होगी जो रैगिंग जैसी घटनाओं पर नजर रखेगी। नियमावली में सभी संस्थानों में इसका प्रचार-प्रसार करने पर जोर दिया गया है।

कॉलेज को भी करना होगा प्रयास

यूजीसी की गाइड लाइन का फायदा तभी है जब कॉलेज इसे गंभीरता से ले। हालांकि रैगिंग को लेकर कई यूनिवर्सिटी ने प्रयास शुरू कर दिए है। यूनिवर्सिटी ने स्टूडेंट्स और कॉलेज से जुड़े सभी स्टाफ के लिए बीच-बीच में काउंसेलिंग सेशन की शुरुआत की है। इसके जरिए स्टूडेंट्स अपनी बात रख पाते हैं। कैंपस में सिक्योरिटी के लिए सुरक्षा कर्मी की संख्या में इजाफा किया गया है।

वायलेशन रोकने में कारगर

कैंपस में स्टूडेंट्स के खिलाफ वायलेशन को रोकने और टीचर्स में संवेदनशीलता को बढ़ाने के लिए यूजीसी ने सभी टीचर्स को हैंडबुक अपने पास रखने का आदेश दिया है। आयोग का कहना है कि टीचर्स में संवेदनशीलता की कमी के कारण ही ईवटीजिंग की घटनाएं दोबारा होती हैं और जांच भी समय पर पूरी नहीं हो पाती है।

इन बिंदुओं का रखना होगा ख्याल

- कैंपस में बैनर-पोस्टर, झंडा लगाए जाएंगे जिससे स्टूडेंट्स प्रेरित हो और रैगिंग से दूर रहें।

- संबंधित अधिकारियों के नाम और उनके टेलीफोन नंबर सार्वजनिक किए जाएं ताकि स्टूडेंट्स रैगिंग की कंप्लेन उनसे कर सकें।

- एडमिशन से पहले स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स का शपथ पत्र लिया जाना चाहिए।

- रैगिंग पर कंट्रोल के लिए यदि अन्य किसी अभियान को उपयुक्त समझा जाए तो इंस्टीट्यूट को उसे स्टार्ट करना चाहिए।

- इंस्टीट्यूट यूजीसी की वेबसाइट से डीवीडी युक्त फिल्म अपलोड करे और सेशन शुरू होने से पहले स्टूडेंट्स के बीच इसका प्रदर्शन करे।

- एंटी रैगिंग रूल को लागू करने में यदि लापरवाही बरती जाती है तो सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

- सिलेबस में सेक्स रेशियो से रिलेटेड क्रैश कोर्स चलाए जाएं।

- कैंपस में सेक्स आधारित हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंट की नीति अपनाई जाए।

- कैंपस में सेक्स ह्रासमेंट से निपटने के लिए एक पुस्तिका के रूप में दिशा-निर्देश तैयार किए जाएं।

- पूरे वीक काउंसेलिंग सेल की अरेंजमेंट की जाए

- महिलाओं के लिए कंप्लेन सेल का गठन किया।

- संस्थान में ज्यादा से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड, बेहतर लाइट की व्यवस्था की जाए।

हो सकती है कार्रवाई

- जांच में लापरवाही बरतने पर एफिलिएशन पर हो सकता है खतरा।

- इंस्टीट्यूट की अनुदान राशि रोकी जा सकती है।

- संस्थान के अधिकारी पर हो सकती है कार्रवाई।

- संस्थान से बाहर किए जा सकते हैं स्टूडेंट्स।

- स्टूडेंट्स पर आपराधिक मुकदमा दर्ज हो सकता है।

- लग सकती है स्टूडेंट्स की डिग्री पर रोक।

गाइडलाइन का पालन नहीं

- क्0 परसेंट संस्थानों में ही सीसीटीवी की व्यवस्था की गई है।

- ब् परसेंट शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट्स के लिए हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत की गई है।

- 8.फ् परसेंट संस्थानों में ही कंप्लेन बॉक्स लगया गया है।

- क्0.9 परसेंट ग‌र्ल्स कॉलेजों में ही रात में पुलिस पेट्रोलिंग की व्यवस्था है।

- क्8.भ् परसेंट कॉलेजों में ही लेडीज सिक्योरिटी स्टाफ की व्यवस्था है।