PATNA: खेतों तक बिजली पहुंचाने के सभी कार्य दिसंबर ख्0क्8 तक पूरे हो जाएंगे। इसके लिए अलग से क्0 एमवीए पावर क्षमता के फ् सौ पावर सब स्टेशन और क्क् सौ कृषि फीडर बनाने की प्रक्रिया चल रही है। निर्माण एजेंसी को एक माह में प्रक्रिया पूरी करने का कार्यादेश दिया गया है। इसके बाद कनेक्शन के लिए सर्वे शुरू होगा। नए वित्तीय वर्ष से किसानों को कृषि के लिए अलग से कनेक्शन मिलने लगेगा। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण विद्युतीकरण ज्योति योजना के तहत खेतों तक बिजली पहुंचाने में 7 हजार नौ सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे। अलग कृषि फीडर बनाने पर पांच हजार आठ सौ करोड़ की लागत आएगी। साथ ही आधारभूत संरचना में करीब दो हजार करोड़ खर्च होंगे।

उत्तर बिहार में क्7फ् पावर सब स्टेशन

फ‌र्स्ट ईयर में छह लाख किसानों को कृषि के लिए अलग से कनेक्शन दिया जाएगा। उत्तर बिहार में क्7फ् पावर सब स्टेशन और शेष दक्षिण बिहार में बनने हैं। करीब क्क् सौ नए फीडरों के निर्माण के अलावा पहले से खेतों तक जाने वाले फीडरों के जर्जर तारों को भी बदलने की जरूरत पड़ेगी। जब तक नए फीडरों का निर्माण नहीं हो जाता तब तक पुराने से ही खेतों को बिजली मिलती रहेगी।

किसानों को मिलेगी सस्ती बिजली

अलग कृषि फीडर से गांवों में विद्युत आपूर्ति में सुधार होगा। कृषि कार्य के लिए बिजली की कमी नहीं होगी। भरपूर और गुणवत्ता वाली बिजली मिलेगी। पीक आवर में लोड में कमी आएगी। मीटर के मुताबिक खपत पर आधारित बिजली बिल से संबंधित शिकायतों में कमी आएगी। बिजली चालित पंपसेट से सिंचाई करना आसान और सस्ता होगा। कृषि के लिए आपूर्ति का समय निश्चित किया जाएगा। सिचाई के लिए मौसम और खर्चीले डीजल पंपसेट पर किसानों की निर्भरता कम होगी।

टेंडर हो चुका है। अन्य प्रक्रिया पूरी की जा रही है। तीन सौ पावर सब स्टेशन बनाने हैं। अगले महीने तक कृषि कनेक्शन के लिए सर्वे शुरू हो जाएगा।

-आर लक्ष्मणन, डायरेक्टर, बिहार स्टेट पावर होल्िडग कंपनी