आज उसकी सिर्फ यादें हैं

इसके बाद वह एक साल भी जिंदा ना रह सकी और आज उसकी सिर्फ यादें हैं। एक होनहार की असामयिक मौत से सबको झकझोर दिया है। एक ओर पटना में पिता, भाई-बहन और फैमिली के दूसरे लोग इंसाफ की आस लगाए बैठे हैं तो एक मुहिम सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर भी शुरू हो गई है। 'जस्टिस फॉर डॉ। वर्णिका पांडेय' पेज के जरिए उसे इंसाफ दिलाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

चार दिनों में जुड़े 1800 लोग

वर्णिका को जस्टिस दिलाने की मांग को लेकर 17 अगस्त को फेसबुक पर पेज क्रिएट किया गया है। इसमें वो लोग भी जुड़े हैं जो वर्णिका को पर्सनली जानते रहे हैं लेकिन मैक्सिमम लोग वैसे हैं जिन्हें वर्णिका के बारे में उसकी मौत के बाद पता चला है। लेकिन वर्णिका की कहानी जान हर शख्स यही डिमांड कर रहा है कि 'जस्टिस फॉर वर्णिका'। दूसरे कई इश्यूज पर सोशल मीडिया के पॉजिटिव रोल की हिस्ट्री के कारण लोग लगातार इस पर जुड़ रहे हैं।

Atul Mishra

This issue must be discussed at national level, otherwise there is no use of talking about woman empowrment and woman education। why are we educating our daughters if this type of brutal act, they are going to face in future.its an very important social issue that must be ackonowledged by our women organisations and our government।

Rashmi Ranjan

Can't beleive.Really sad n feeling hopeless for our future in dis societyif dis can happen to such a lovely n brilliant girl it can happen to nybdy.may her soul rest in peacen i support for her justice:(:(

Saman Musanna

May she rests in peace n her culprits face the worst possible punishmentslet not the justice be delayed n denied!!

Ankita Raman

Its shattering! very very sadshe was the best in every waywe all looked upto herthis shouldnt hv happendi support all who r working to get her justicemay she rest in peace।

Pandey Vishal

In my view, there is nothing more vicious and outrageous than the abuse, exploitation and harm of the most vulnerable members of our society specially against Women। I firmly believe that our nation's laws and resources need to reflect the seriousness of these terrible crimes।

Beingme Neela

Start an online petition on Chang.org। Petition should addressed to the President of India or National comm for women।

पारस को फांसी देने की मांग

जस्टिस दिलाने की मांग को लेकर वर्णिका के वेलविशर्स की फेसबुक मुहिम में उसके पति पारस खन्ना को फांसी देने की मांग की जा रही है। बुधवार को सुबह विशाल पांडेय ने इस पेज पर पारस की फोटो पब्लिश करने की बात कही जिससे फरार पारस को पकड़ा जा सके। फोटो पब्लिश भी हो चुकी है। वहीं लॉ प्रोफेशनल विजयंत सिन्हा पारस को फांसी देने की डिमांड कर रहे हैं। विजयंत का कहना है कि यह rarest of the rare मामला है। जबकि विवेक कुमार पांडेय पारस को जेल भेजने की मांग कर रहे हैं।

हथकड़ी पहनोगे पारस खन्ना

प्रियजीत (मोहित) के हाथ में आज राखी नहीं बंधी। भाई के जन्म से ही राखी बांधती आ रही डॉ। वर्णिका पांडेय 13 अगस्त को एम्स, दिल्ली में फांसी पर झूलती मिली थी। 29 जुलाई को पटना से जाते वक्त वर्णिका ने प्रियजीत से प्रॉमिस किया था कि वह 21 अगस्त को पुणे आकर राखी बांधेगी। लेकिन ऐसा हो न सका। पुरानी तस्वीर में बहन वर्णिका के साथ खिलखिला रहा प्रियजीत अब ताउम्र राखी के दिन ऐसे मुस्कुरा न सकेगा। कहां वर्णिका पुणे जाकर राखी बांधने वाली थी, उल्टे प्रियजीत को बहन की मौत का इंसाफ मांगने को पढ़ाई छोड़ पटना वापिस होना पड़ा है। नौ दिन बीत गए, दिल्ली पुलिस मौत के कसूरवारों के खिलाफ अभी तक कुछ नहीं कर सकी है। हां, पिछले तीन दिनों के अभियान और इंसाफ मांगने को हजारों की संख्या में हुए एसएमएस के बाद तंद्रा तोड़ देने की स्थिति जरूर आ पहुंची है। अब बात आगे की। कहा जा रहा है कि तंद्रा तोडऩे में लगी दिल्ली पुलिस का अहसास वर्णिका की फांसी के आरोपी माने जा रहे पति डा। पारस खन्ना को भी हो गया है। वह एम्स की ड्यूटी से फरार है। पता नहीं, किस बिल में जा छुपा है। जम्मू के घर 72/7, त्रिकूटा नगर से भी सभी गायब हैं.साभार :- ज्ञानेश्वर वात्सयायन के फेसबुक वाल से.