पटना (ब्यूरो)। राजीव नगर गैस गोदाम रोड हो या बाबा चौक चौराहा या राजेन्द्र नगर नाला संकुचित सड़क और ओपन नाले की वजह से राहगीर यहां चोटिल हो रहे है। खुले नाले दिन हो या रात पटना जैसे व्यस्तम ट्रैफिक वाले शहर के लिए खतरनाक हैं। नाले किनारे बने सड़क
की कम चौड़ाई होने के चलते वाहन चालक रात क्या दिन में भी नाले में
गिरकर चोटिल हो रहे हैं। ये कोई एक दो वाहन स्वामियों का मामला नहीं है। बल्कि हर दूसरे दिन पर खुले नाले में गिरने की घटना सामने आ रही है।
इसकी शिकायत दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास पिछले कई दिनों मिल रही थी। हकीकत जानने के लिए हमारी टीम ने पड़ताल किया तो पता चला कि संकुचित सड़क और ओपन नाले की वजह से लोग चोटिल हो रहे हैं। पढि़ए विस्तृत रिपोर्ट

इंजन में चला गया पानी
एक तरफ शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए नालों की ढकने की बात कही जा रही है। दूसरी तरफ राजीव नगर नाले के दूसरे भाग में सड़क की चौड़ाई कम होने की वजह से वाहन स्वामी आए दिन नाले में गिरकर चोटिल हो रहे हैं। मंगलवार को भी आशियाना दीघा जा रहे एक वाहन चालक गिरकर चोटिल हो गया उसे आनन फानन स्थानीय
लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया मगर बाइक नाले में गिरने की वजह से इंजन में पानी चला गया जिस वजह से पूरी तरह से बंद हो गया । नाले के दोनो तरफ बाउंड्री करने की बात कही गई थी जो अब तक नहीं हुआ है।

नाले ढकने की बात हवा- हवाई
पटना को स्मार्ट बनाने के लिए बाबा चौक के पास से निकलने वाले नाले को ढकने के लिए सरकार की ओर से पिछले कई सालों से प्रयास की जा रही है। मंत्री से लेकर स्थानीय विधायक तक नाले को ढकने और बाउंड्री वाल करने की घोषणा कर चुके हैं। मगर ढकना तो दूर की बात है बाउंड्रीवाल भी अभी तक नहीं हुआ है। सड़क की हालत ये है कि 30 फीट की सड़क 15 फीट बनकर रह गई है। बताते चलें कि इस इलाके में एक लाख से अधिक स्टूडेंट्स उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए रह रहे हैं। कोचिंग के लिए निकलते समय अक्सर बाइक से गिरकर नाले में चले जाते हैं। सरकार अगर नाले के उपर स्लैब ढालने की काम जल्द से जल्द नहीं की तो कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है ।

स्लैब लगाने से दुर्गंध की समस्या से मिलेगी निजात
अपने पटना में कुछ तो खासियत है। वरना ऐसे ही राज्य भर के स्टूडेंट्स पढऩे के लिए यहां नहीं आते। जल भराव से निपटने के लिए नगर निगम ने नाले की सफाई तो शुरू कर दी। राजेन्द्र नगर स्थित नाले स्लैब से ढकने की बात कही गई थी मगर कागजों में दबकर रह गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि नाले के उपर स्लैब लगने से न सिर्फ नाले से निगलने वाली दुर्गंध कम हो जाएगी बल्कि इलाके में रहने वाले स्टूडेंट्स जो आय दिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं इस समस्या से भी निजात मिल जाएगा। इस संबंध में पटना की मेयर सीता साहू ने बताया कि नगर निगम का नालो को सुरक्षित रखने का प्रस्ताव है लेकिन फंड की कमी की वजह से नाले के बाउंड्री का काम नहीं हो पा रहा है।