पटना (ब्यूरो)। विश्वदाय धरोहर महाबोधि मंदिर में शनिवार को वियतनामी बौद्ध श्रद्धालुओं के दल ने पूजा-अर्चना की। दल के सदस्यों ने मंदिर के गर्भगृह में पूजा के बाद पवित्र बोधिवृक्ष की छांव में सामूहिक रूप से ध्यान-साधना किया। महाबोधि मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के केयरटेकर भंते दीनानंद ने बताया कि लगभग तीन सौ की संख्या में वियतनामी बौद्ध श्रद्धालुओं के दल ने मंदिर में पूजा की। एयरपोर्ट निदेशक बंगजीत साहा ने बताया कि शुक्रवार को वियतनाम के हनोई से दो चार्टर विमान से 300 श्रद्धालु गया एयरपोर्ट पर उतरे। यहां से वाहन से बोधगया गए। यात्रियों को वापस ले जाने के लिए पुन: चार्टर विमान गया आएगा।
पांच सौ बौद्ध भिक्षुओं के बीच आज होगा कठिन चीवरदान
बौद्ध भिक्षुओं का त्रैमासिक वर्षावास काल समाप्त हो गया। तीन माह तक वर्षावास काल व्यतीत करने वाले भिक्षु एक ही स्थान पर रहकर पूजा-अर्चना और ध्यान साधना में समय व्यतीत किए हैं। इसके बाद बौद्ध भिक्षु के लिए श्रद्धालुओं द्वारा कठिन चीवरदान समारोह का आयोजन किया जाता है। 16 अक्टूबर को महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधि वृक्ष की छांव में इसकी शुरुआत होगी। इस वर्ष समारोह के मुख्य दानदाता लाओस पीडीआर के श्रद्धालु होंगे। वह लगभग पांच सौ भिक्षुओं के बीच चीवरदान के साथ संघ दान यानी भोजन दान करेंगे। यह कार्यक्रम मंदिर में पूजा के बाद कालचक्र मैदान में होगा। बीटीएमसी द्वारा कठिन चीवरदान समारोह के बाद एक-एक कर बोधगया स्थित विभिन्न बौद्ध मोनास्ट्री में इसका आयोजन समारोह पूर्वक किया जाएगा। इससे पूर्व शनिवार को लाओस पीडीआर से आए दानदाताओं के दल ने वट लाव इंटरनेशनल मोनास्ट्री में प्रभारी भंते सांइसाना बोथवोंग के नेतृत्व में पूजा-अर्चना की।