PATNA : नोटबंदी से खोखला हुए नक्सलियों के खात्मे के लिए अब 'अंतर्जिला अभियान' चलाने की तैयारी है। हाल ही में जमुई में हुई आला अफसरों की बैठक ऑपरेशन का प्लान बना है। पहले चरण में बिहार के चार नक्सल प्रभावित जिलों जमुई, बांका, मुंगेर व लखीसराय के नक्सलियों को टॉरगेट पर रखा गया है।

- राज्य में चलेगा एंटी नक्सल ऑपरेशन

अधिकारियों का कहना है कि राज्य के सभी नक्सल प्रभावित जिलों में लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जाएगा। इस अभियान को सुरक्षा बलों ने विशेष तौर पर लिया है। वह प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) की आर्थिक हैसियत के साथ उनकी और शक्तियों को क्षीण करने के लिए जुट गए हैं।

- ये होगा ऑपरेशन का लक्ष्य

- फोर्स के निशाने पर होगी नक्सलियों द्वारा वसूली गई करोड़ों की लेवी

- नक्सलियों के पास मौजूद अत्याधुनिक हथियार, विस्फोटक, संचारतंत्र भी निशाने पर होगा

- पुलिस फोर्स के निशाने पर वह सफेदपोश होंगे जो नक्सलियों के साथ सहानुभूति रखने वाले है

- सीआरपीएफ की बड़ी मुहिम

सीआरपीएफ बिहार सेक्टर के आइजी अरुण कुमार ने जमुई में एक उच्चस्तरीय बैठक की थी इसमें सीआरपीएफ मुजफ्फरपुर के रेंज डीआइजी एम दिनाकरण, सीआरपीएफ के क्फ्क् व ख्क्भ् बटालियन के कमांडेंट, ख्07 कोबरा बटालियन के अधिकारी व बिहार के नक्सल प्रभावित चारों जिलों के एसपी के साथ प्लान बना था।

- नोटबंदी से पंगु बने नक्सली

सीआरपीएफ के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो नोटबंदी से नक्सलियों की कमर टूट गई है। उनके लिए नए व अत्याधुनिक हथियारों व विस्फोटकों की खरीद मुश्किल हो गई है। इतना ही नहीं, नक्सलियों को अपने कैडर के वेतन भुगतान में भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सुरक्षा बलों का आकलन है कि यह सही समय है जब नक्सली आंदोलन को जड़ से समाप्त करने के लिए उनकी मांदों पर ही हमला बोला जाए। इस एंटी नक्सल ऑपरेशन में बिहार पुलिस के साथ झारखंड पुलिस व दोनों राज्यों की खुफिया एजेंसियों को भी शामिल किया गया है।