पटना ब्‍यूरो। मंगलवार की दोपहर अशोक राजपथ में जमकर छात्रों ने बवाल कांटा। मौके पर पुलिस ने पहुंचकर काफी मान मनौव्वल कर छात्रों को शांत कराया। दरअसल, पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज और पटना कॉलेज के हॉस्टल की बिजली काटने पर छात्र भड़क गए थे। नाराज छात्रों ने कॉलेज के क्लासरूम में ताले लगा दिए और प्राचार्य का घेराव किया। जिसके चलते पढ़ने आए बच्चे रोड पर खड़े हो गए। छात्रों का सीधा कहना है जबतक बिजली नहीं आयेगी गेट नहीं खुलेगा, पढ़ाई बंद रहेगी। हालांकि छात्रों के रोष को शांत करने के लिए बिजली विभाग की टीम ने वार्निंग देते हुए बिजली बहाल कर दी.क्योंकि छात्रों ने कह रखा था कि जबतक बिजली नहीं आएगी छात्रावास व कॉलेज के क्लास रूम में तालाबंदी जारी रहेगी।

डेवलपमेंट फीस के बाद भी मेंटनेंस नहीं
छात्रों का कहना था कि हाल ही में डेवलपमेंट फीस के तौर पर प्रत्येक छात्र से 2500 रुपये प्रति वर्ष कॉलेज मेंटनेंस के लिए लिया जाता है। जिससे कॉलेज के अन्य मेंटनेंस का कार्य भी किया जायेगा। लेकिन ऐसा अभी तक संभव नहीं हो सका है। दरअसल कॉलेज की न तो फीस से और न ही हॉस्टल से ही इतनी राशि आती है कि जिससे बिजली बिल चुकाया जा सके।

रातभर अंधेरे में रहे हॉस्टल के छात्र
पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान के पूर्वी अंचल ने सोमवार को ही बिजली कनेक्शन काट दिया था। बिजली काटे जाने की वजह से पटना विश्वविद्यालय के बीएन कॉलेज और पटना कॉलेज के हॉस्टल अंधेरे में डूब गए थे। रात भी अंधेरे में रहे छात्रों ने सुबह होते ही सड़क पर उतर आए। उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन से यथाशीघ्र बिजली आपूर्ति बहाल कराने की मांग की थी। छात्रों ने बीएन कॉलेज प्रशासन पर आरोप लगाया है कि छात्रों से कॉलेज प्रशासन हर तरह के शुल्क सालाना लेते है। बावजूद इसके हॉस्टलों में रहने वाले छात्रों को मूलभूत सुविधाओं के अभाव का सामना करना पड़ता है।

ट्रैफिक को करना पड़ा डायवर्ट
रोषित छात्रों को उग्र होते देख कॉलेज का गेट बंद कर दिया गया। इससे बड़ी संख्या में छात्रों का जमावड़ा कॉलेज गेट पर लग गया। इससे यातायात बाधित हो गई और जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। वहीं हंगामे की सूचना पर पीरबहोर और गांधी मैदान थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और यातायात बाधित जाम को छुड़ाने के प्रयास में जुटी। सड़क जाम की सूचना मिलते ही पटना सदर एसडीएम अलर्ट मुद्रा में आ गए। पेसू अभियंताओं ने विधि व्यवस्था का मामला बताकर बिजली कनेक्शन जोड़ने का आग्रह किया। वहीं पेसू अधिकारी भुगतान के बगैर बिजली कनेक्शन नहीं जोड़ने की जिद पर अड़ गए। अंत में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति आगे आए और उन्होंने 30 लाख रुपये जमा कराया।

आठ करोड़ से अधिक बिल बकाया
दूसरी ओर, बांकीपुर बिजली प्रमंडल के सहायक कार्यकारी अभियंता विमलेंदु शेखर ने बताया कि बीएन कॉलेज का 8 करोड़ से अधिक बिल बकाया थ्ज्ञा, जिसको करीब दो सालों से जमा करने के लिए बोला जा रहा था। इसको लेकर बीएन कॉलेज के प्राचार्य से जब कहा गया तो उन्होंने बिल चुकाने की जगह बिजली काट देने की बात कहीं थी। दूसरी ओर कॉलेज के प्राचार्य का कहना है कि छात्रावास पर दो करोड़ का बकाया है। इतनी राशि का भुगतान कॉलेज की ओर से करना संभव नहीं है।

पीयू ने जमा कराए 40 लाख
पटना विश्वविद्यालय ने बिजली विभाग द्वारा बिजली काटने का अल्टीमेटम दिए जाने के बाद बकाया की आंशिक राशि बिजली विभाग में सोमवार को जमा कर दी है। साथ ही शेष राशि को भी जल्द चुकाने को लेकर सरकार से फंड मांगा है। बताया गया कि विश्वविद्यालय के अतंर्गत आने वाले विभिन्न कालेजों की ओर से 40 लाख रुपये जमा कराए गए हैं। इसमें पटना कॉलेज की ओर से 15 लाख रुपये, पटना साइंस कॉलेज की ओर से 10 लाख रुपये एवं बीएन कॉलेज की ओर से पांच लाख रुपये जमा कराए गए हैं। मालूम हो कि विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले छात्रावासों पर साढ़े छह करोड़ रुपये का बिजली बिल बकाया है।

वीसी ने बुलाई अपातकालीन बैठक
छात्रों के आक्रामक रुख के बाद पटना विश्वविद्यालय के कुलपति केसी सिन्हा ने सभी प्रचार्यो की अपातकालीन बैठक बुलाई। बैठक में हास्टलों की बकाया राशि जमा करने पर विमर्श किया गया। पटना विद्युत आपूर्ति प्रतिष्ठान के बांकीपुर आपूर्ति प्रमंडल से तत्काल 30 लाख रुपये जमा कराने व शेष राशि जल्द जमा कराने की बात कही गई।

विवि भवन का नहीं कटता बिजली
बता दें कि सिर्फ दो हास्टल का बिजली कनेक्शन काटा गया था। पटना विश्वविद्यालय के सभी हास्टलों पर बिजली बिल बकाया है। कालेज के भवनों, प्राचार्य कार्यालयों और विश्वविद्यालय भवन का बिजली बिल अद्यतन रहता है। छात्रों ने पेसू अभियंताओं से संपर्क पर हास्टल का कनेक्शन जोड़ने का आग्रह किया। यह जानने का प्रयास भी किया कि कालेज का बिजली कनेक्शन क्यों नहीं काटा गया। अभियंताओं ने बताया कि कालेज और कार्यालयों का बिजली बिल जमा हो गया है। कार्यपालक अभियंता विजयालक्ष्मी ने बिजली कनेक्शन जोड़वा दिया तथा विश्वविद्यालय प्रशासन से एक माह के अंदर बकाया राशि जमा करने को कहा है।

वर्जन
चेतावनी के तौर पर दो कालेजों के दो हॉस्टल का कनेक्शन काटा गया गया था। पिछले पांच साल से पटना विश्वविद्यालय के हॉस्टलों का बकाया जारी है। विश्वविद्यालय कार्यालय हो या कॉलेज के प्राचार्य कार्यालय उसकी बिजली जमा होती रहती है लेकिन हॉस्टलों का जमा नहीं किया जाता है। वीसी ने मीटिंग और उनके आश्वासन के बाद एक माह का समय देते हुए बिजली चालू कर दिया गया है।
मनीषकांत, अधीक्षण अभियंता, बांकीपुर बिजली प्रमंडल