PATNA : जब अपने ही लोग आंखें मूंद लेंगे तो अंधेरा ही होगा। कुछ ऐसा ही अंधेरा बिहार के हजारों पॉलिटेक्निक छात्रों के सामने छाया हुआ है। जेई पद पर नियुक्ति के लिए बिहार में बीटेक के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता देने और बड़ी संख्या में पॉलिटेक्निक छात्रों को इससे वंचित रखने के कारण बड़ी संख्या में बेरोजगारी की समस्या सामने आ गई है। इसी मामले को लेकर बीते ख्0 दिनों से डिप्लोमा होल्डर छात्र बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के बैनर तले गर्दनीबाग में धरना दे रहे हैं। इसमें बीते छह दिनों से आमरण अनशनकारी छात्रों की मेडिकल स्थिति दयनीय हो गई है। रविवार की देर रात इन्हें पीएमसीएच से हटाकर गर्दनीबाग हॉस्पिटल में भर्ती कर दिया गया। जहां इनकी हालत गंभीर हो गई है।

इनकी जान खतरे में

रमेश कुमार, अनीश कुमार, नवीन कुमार, पवन कुमार और पंकज रजक ा- ये वो नाम हैं जो कि गर्दनीबाग हॉस्पिटल में नाजुक स्थिति में हैं। पहले इन सभी का इलाज पीएमसीएच में चल रहा था, लेकिन रविवार की देर रात इन सभी को गर्दनीबाग हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया.बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के अध्यक्ष अनुभव राज ने कहा कि यह घटना शर्मसार करने वाली है कि छात्रों का अहित हो रहा है। यदि सरकार पॉलिटेक्निक कॉलेज चला रही है, तो छात्रों के भविष्य के साथ क्यों खिलवाड़ किया जा रहा है।

हर साल छात्र हो रहे बेरोजगार

चुनावी सभा और तकनीकी शिक्षा की बात जब-जब होती रही है। हर जिले में पॉलिटेक्निक कॉलेजा खोलने की बात की जाती है। जानकारी हो कि प्रदेश में केवल सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों से करीब दस हजार छात्र हर साल पास आउट होते हैं। इसी प्रकार से प्राइवेट कालेजों से भी हजारों छाज्ञ पास-आउट होते हैं। लेकिन सरकार की लापरवाह व्यवस्था के आगे इन छात्रों का भविष्य अंधकार में चला गया है। जब -जब नियुक्ति का मौका आता है, सरकार भी उदासीन हो जाती है, डिप्लोमा होल्डर के सामने रोजी- रोटी का संकट मंडरा रहा है।

बार-बार छात्र कर रहे आंदोलन

डिप्लोमा होल्डर छात्रों की नियुक्ति के मामले में दयनीय दशा आज की बात नहीं है। इससे पहले भी छात्रों ने जमकर अनशन, प्रदर्शन किया था। लेकिन तब आश्वासन दिया गया था कि जेई की नियुक्ति में उन्हें समान रूप से अवसर दिया जाएगा। लेकिन यह बात सिर्फ हवा- हवाई साबित हुई। तब भी छात्रों ने अनशन, प्रदर्शन, धरना आदि में पार्टिसिपेट किया था।

रोजी-रोटी ने दिखाया यह दिन

आज छात्रों को अफसोस है कि सामान्य बातों को भी सरकार के प्रतिनिधि सुनते हैं। लेकिन बात जब डिप्लोमा होल्डर की आती है, तब सरकार भी चुप्पी साध लेती है। बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के प्रदेश प्रवक्ता आशुतोष कुमार ने कहा कि संकट सिर्फ नौकरी का नहीं, वजूद का भी है। जहां बीटेक वालों के लिए कई अवसर होते हैं, वहीं डिप्लोमा होल्डरों के सामने जेई की नौकरी छोड़ कोई और अवसर नहीं है। लेकिन इस पद के लिए भी बीटेक को प्राथमिकता देकर सरकार अन्य छात्रों की अनदेखी कर रही है। इसके विरोध में आंदोलन तेज किया जाएगा।

तो आत्मदाह कर लेंगे

बिहार पॉलिटेक्निक छात्र संघ के अध्यक्ष अनुभव राज ने कहा कि स्थिति गंभीर हो गई है। इसके मद्देनजर पूर्व घोषित अ‌र्द्ध नग्न होने का कार्यक्रम रद्द कर इसे अगले दिन यानि ख्भ् जनवरी के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसके बाद ख्7 जनवरी को पूर्ण नंगा हो जाएंगे और ख्8 जनवरी को आत्मदाह का कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि सरकार मांगे सुनने को तैयार नहीं है। इसके बावजूद भी सरकार को जगाने के लिए हमलोग मरते दम तक प्रयास करेंगे।

क्या है नियम

पूरे देश में जूनियर इंजीनियर जेई की नियुक्ति के लिए पॉलिटेक्निक कॉलेज से पास आउट डिप्लोमा होल्डर को प्राथमिकता दी जाती है। लेकिन बिहार में कोई ठोस नीति नहीं है। बल्कि जेई की परीक्षा में लिखित तौर पर बीटेक के कैंडिडेट्स को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे छात्र बेरोजगार हो रहे हैं।

राज्य भर में फ्ख् राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज

- हर साल राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज से 9म्00 छात्र पास आउट होते हैं

- फ्ख् प्राइवेट कॉलेजों से हर साल तकरीबन क्9 हजार छात्र पास आउट होते हैं।

- ख्008 से अब तक तीन बार जूनियर इंजीनयर जेई के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आया था। लेकिन इसमें बार-बार बीटेक के छात्रों को मौका दिया गया। डिप्लोमा होल्डर छात्रों को नजरअंदाज किया गया।

- जेई नियुक्ति घोटाले को लेकर पिछले ख्0 दिनों से छात्र आंदोलनरत हैं।

- ख्0 दिनों के बाद भी सरकार का कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं आया।

ये छात्र हैं एडमिट

रमेश कुमार, बांका

अनीश कुमार, नालंदा

नवीन कुमार निराला, पटना घोसवारी

पवन कुमार, गया

पंकज कुमार, जमुई