परवरिश राजनीतिक माहौल में
तेज तर्रार और बहुमुखी प्रतिभी की धनी इंदिरा गांधी का जन्म इलाहाबाद में हुआ था। वह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की इकलौती बेटी थीं। इनके दादा का नाम मोतीलाल नेहरू था। नेहरू ख़ानदान में जन्म लेने वाली इंदिरा की परवरिश राजनीतिक माहौल में हुई थी।
शिक्षा के बेहतर इंतजाम
एक शानदार महल और बड़े खानदान में जन्म लेने वाली इंदिरा का जीवन काफी उतार चढ़ाव वाला रहा। उनकी शिक्षा काफी कठिन माहौल में हुई। घर पर दिन रात राजनीतिक हस्ितयों का आना जाना बना रहता था, लेकिन बाद में घर पर उनकी रुचि को देखते हुए शिक्षा के बेहतर इंतजाम हुए।
राजनीति में पूरी तरह उतरीं
इंदिरा भी राजनीति में काफी रूचि लेती थी। इस दौरान उन्होंने 1942 में अपनी जिंदगी को लेकर बड़े फैसले लिए। उन्होंने पारसी युवक फ़ीरोज़ गांधी से विवाह रचाया। इंदिरा को संजय गांधी और राजीव गांधी के रूप में दो बेटे हुए। ऐसे में पति की असमायिक मृत्यु के बाद उन्हें राजनीति में पूरी तरह से उतरना पड़ा
पहली प्रधानमंत्री बनीं
इंदिरा गांधी लगातार तीन बार (1966-1977) में भारत की प्रधानमंत्री बनी। इसके बाद और फिर चौथी बार (1980-84) भारत की प्रधानमंत्री बनी। इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री के बनी थी। इन्हें जनता का बेहद प्यार मिला था।
देशहित में लिए बड़े फैसले
1967 के आम चुनावों से इंदिरा गांधी ने प्रिवीपर्स खत्म करने का संकल्प लिया था। 1969 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के 14 निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण कर दिया। इंदिरा के प्रयास से ही विश्व मानचित्र में एक नये देश बांग्लादेश का उदय हुआ।
आपातकाल लगा दिया
इंदिरा गांधी ने 1975 में आपातकाल लगा दिया था। इसका जनता ने विरोध किया था। 1977 में इमरजेंसी हटा ली गई और आम चुनाव हुए जिसमें इंदिरा गांधी की अभूतपूर्व हार हुई। हालांकि इसके बाद 1980 में फिर से इंदिरा गांधी ने जबर्दस्त वापसी की।
शीषर्क के दस्तावेज में
हाल ही में सीआईए ने दावा किया है कि 8 सितंबर 1981 के ‘पाकिस्तान में परमाणु विकास पर भारत की प्रतिक्रिया’ शीषर्क के दस्तावेज में यह बात सामने आई है कि इंदिरा पाक की परमाणु क्षमता को कम करने के प्रयास में थीं। जब अमेरिका पाक को लड़ाकू विमान एफ 16 बेचने के अंतिम चरण में था।
खुलासे से लोग चौकें
यह भी दावा किया कि मई में भारत ने 40 किलोटन परमाणु परीक्षण के लिए तैयारियां पूरी कर ली थीं। भारत को पाकिस्तान के संभावित परीक्षण के करीब एक सप्ताह बाद डिवाइस में विस्फोट करना था। सीआईए के इन खुलासे एक आयरन लेडी को लेकर पूरी दुनिया चौक गई।
गोली मारकर हत्या
1984 में स्वर्ण मन्दिर पर हमला हुआ था। ऐसे सिख समुदाय में गुस्से की आग धधक रही थी। जिसके चलते करीब 5 महीने बाद 31 अक्टूबर 1984 को उनके दो सिक्ख अंगरक्षकों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी।
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