काबुल (रॉयटर्स)। अफगानिस्तान में मंगलवार को दो बड़े आत्मघाती बम विस्फोट किए गए हैं। एक धमाके में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की चुनावी रैली को निशाना बनाया गया है। वहीं, दूसरे हमला अमेरिकी दूतावास के पास हुआ है। पुलिस ने बताया कि अमेरिकी दूतावास के पास हुए धमाके में कम से कम छह लोगों की जान चली गई है। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता नसरत रहीमी ने कहा, 'हम यह पता लगा रहे हैं कि यह आत्मघाती हमला था या बम किसी वाहन फिट किया गया था।' बता दें कि अमेरिकी दूतावास के पास हुए धमाके से कुछ ही घंटों पहले काबुल के परवान शहर में राष्ट्रपति अशरफ गनी की चुनावी रैली को निशाना बनाया गया था। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि इस हमले में 24 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 31 लोग घायल हैं।

विस्फोट के दौरान राष्ट्रपति भी थे वहां मौजूद

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि गनी भी विस्फोट के दौरान घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन वह सुरक्षित हैं। फिलहाल, किसी ने भी इन दोनों हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है। बताया जा रहा है कि मरने वालों में महिलाएं और बच्चों की संख्या ज्यादा है। ऐसा माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे तालिबान का हाथ हो सकता है। दहशतगर्दों ने गनी की चुनावी रैली को इसलिए निशाना बनाया ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग प्रभावित हो सकें। इसकी एक वजह 28 सितंबर को होने वाला चुनाव भी है। दरअसल, तालिबान नहीं चाहता कि देश में चुनाव हो। ऐसे में उसने गनी के रैली को निशाना बनाया है ताकि चुनाव पर पानी फिर जाए। इससे पहले दो बार चुनाव टल चुका है।

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ट्रंप ने वार्ता रद करने का किया था ऐलान

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले हफ्ते तालिबान के साथ चल रही शांति वार्ता को खत्म कर दिया था। इस तरह का निर्णय उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में एक अमेरिकी सैनिक की मौत के बाद लिया था। उन्होंने यह वार्ता ऐसे समय रद कर थी, जब दोनों पक्ष समझौते के आखिरी पायदान पर पहुंच गए थे। अमेरिका और तालिबान के बीच पिछले साल दिसंबर से कतर की राजधानी दोहा में शांति वार्ता चल रही थी। इन आत्मघाती धमाकों का एक कारण ट्रंप के साथ वार्ता रद होना भी माना जा रहा है।

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