6 हफ्ते के अंदर

हाली में विवादों में आई नेस्ले इंडिया की मैगी को बॉम्बे हाईकोर्टने को काफी राहत दी है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान नेस्ले कंपनी को एक गोल्डेन चांस दिया है। जिसमें कोर्ट का कहना है कि 6 हफ्ते के अंदर देश के बड़े लैब में इसकी जांच कराई जाए। ऐसे में अगर कंपनी का प्रोडक्ट लैब में तय मानको पर खरा उतरता है तो इसे बाजार में आने की अनुमति मिल सकती है। अगर लापरवाही मिली तो इस पर बैन ही रहेगा। ऐसे में अब साफ है कि कंपनी बाजार में वापस आने के लिए कोई हीलाहवाली नहीं करेगी। जिससे एक बार फिर दो मिनट में तैयार होने वाली मैगी के वापस लौटने के आसार दिखने लगे हैं। वहीं मैगी को में लापरवाही को लेकर सरकार की ओर से नेस्ले पर ठोके गए 640 करोड़ रुपये के दावे पर कल शुक्रवार को सुनवाई होगी।केंद्र सरकार का कहना है नेस्ले कंपनी ने बिजनेस में गलत तौर-तरीके अपनाए है।

भरपाई करनी होगी

इतना ही नहीं उसने कंज्यूमर्स को खराब सामान बेचा और बगैर मंजूरी के मैगी ओट्स नूडल बेचे। जिससे उसे उसकी भरपाई करनी होगी। वहीं इस मामले में सबसे खास बात तो है हाल ही में भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) की प्रयोगशाला में मैगी मानको पर खरी उतरी है। बताते चलें कि नेस्ले इंडिया की मैगी में लैड की मात्रा अधिक पाए जाने से यह विवादों में घिर गई थी। यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पाई गई थी। जिसमें सबसे पहले मई के महीनें में यूपी में मैगी के सैंपल में तय मात्रा से अधिक लैड पाए जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद यूपी में बैन के बाद कई राज्यों में इस पर बैन लग गया। इसके बाद एफएसएसएआई ने बीती 5 जून को एफडीए की शुरुआती रिपोर्ट को देखते हुए देशभर में इसके बनाने और बेचने पर तो पाबंदी लगा ही थी। इसके साथ ही इसके आयात-निर्यात तक पर पूरी तरह से बैन लगा दिया था।

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