टेलीविज़न पर राष्ट्र के नाम संदेश में उन्होंने कहा कि 'निराशावादी' ब्राज़ीली लोगों के दृढ़निश्चय से पराजित हो गए हैं.

उन्होंने आयोजन के ख़र्चे को लेकर हो रही आलोचनाओं को ख़ारिज करते हुए कहा कि इससे देश में आधारभूत संरचना का विकास होगा.

ब्राज़ील में एक साल से ख़राब प्रशासन और फ़ुटबॉल विश्वकप आयोजन पर होने वाले भारी ख़र्चे के ख़िलाफ़ लोगों ने प्रदर्शन किया है.

'हड़ताल का ख़तरा'

मेट्रो कर्मियों की हड़ताल के कारण साओ पाओलो में होने वाले शुभारंभ और रियो डी जेनेरियो में होने वाले फ़ाइनल  मुक़ाबले में बाधा पहुंचने का भी ख़तरा है.

फ़ुटबॉल विश्वकप की स्थानीय आयोजन समिति के प्रमुख रिकॉर्डो ट्रेडे ने बीबीसी को बताया कि हड़ताल वाली स्थिति एक दुःस्वपन होगी.

खेलों की शुरुआत से क़रीब 48 घंटे पहले बोलते हुए राष्ट्रपति रुसेफ़ ने कहा कि दर्शक अपने साथ आधारभूत संरचना की परियोजनाएं 'अपने सूटकेस' में लेकर नहीं जाएंगे, वह देश में ही रहेगा और इसका लाभ हर किसी को मिलेगा.

उन्होंने टूर्नामेंट पर होने वाले 11 अरब डॉलर के ख़र्चे का बचाव किया, उन्होंने कहा कि यह एक 'झूठी चिंता' है कि विश्वकप आयोजन पर होने वाले ख़र्चों के कारण शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निवेश कम हुआ है.

उन्होंने आगे कहा कि इन क्षेत्रों के लिए 2010 और 2013 का बजट स्टेडियम में होने वाले निवेश से कई गुना ज़्यादा था.

उन्होंने कहा, "हमें इस बात का भरोसा करना चाहिए कि विश्वकप के खातों पर देश की ऑडिटिंग संस्थाएं सतर्कता से साथ नज़र रख रही हैं."

ब्राज़ील और क्रोएशिया की टक्कर

फुटबॉल विश्वकप के लिए 'तैयार' ब्राज़ील

वहां के स्थानीय निवासी इसकी आलोचना करते हुए कहते हैं कि विकास की जिन तमाम परियोजनाओं का वादा किया गया था, उनमें या तो देरी हुई है या वो पूरी ही नहीं हुईं.

फ़ुटबॉल विश्वकप का उद्घाटन मैच गुरुवार को मेज़बान ब्राज़ील और क्रोएशिया के बीच इटाक़ेरांग स्टेडियम या एरेना कोरिथियंस स्टेडियम में होगा जो साओ पाओलो के बाहरी छोर पर स्थित है.

हालांकि उद्घाटन मैच से पहले स्टेडियम को तैयार करने का काम अभी भी जारी है.

इसी बीच यूनियन के नेताओं ने माँग पूरी न होने की स्थिति में साओ पाओलो में टूर्नामेंट के दौरान मेट्रो हड़ताल करने की धमकी दी है.

हालांकि राष्ट्रपति डिल्मा रुसेफ़ ने कहा है कि वह  प्रदर्शनकारियों को टूर्नामेंट में बाधा पहुंचाने की इजाज़त नहीं देंगी.

फ़ुटबॉल विश्वकप के आयोजन में हज़ारों की संख्या में अतिरिक्त पुलिस बल और सैनिकों की तैनाती की जाएगी ताकि खेलों का बाधा रहित संचालन सुनिश्चित किया जा सके.

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