हमले के बाद मीडिया में आईएस प्रमुख अबू-बकर अल बग़दादी के मारे जाने या जख्मी होने की अफवाह फैल गई.

इस मुद्दे पर आईएस सूत्रों की चुप्पी इस बात का सबूत हो सकती है कि बग़दादी को कुछ हुआ है.

आईएस की चुप्पी

इस साल के शुरू में एक हवाई हमले में समूह के प्रवक्ता अबू मोहम्मद अल अदनानी के मारे जाने की अफवाह फैली थी. आईएस ने इसकी न तो पुष्टि की थी और न खंडन किया था. यह ख़बर बाद में अफवाह साबित हुई थी.

बग़दादी के बिना आईएस का क्या होगा?

अदनानी का ट्विटर अकाउंट बताने वाले ने दावा ने किया है कि बगदादी के स्वास्थ्य में तेज़ी से सुधार हो रहा है. लेकिन यह अकाउंट निश्चित रूप से नकली है क्योंकि एक जगह यह अकाउंट अदनानी को एक अन्य व्यक्ति के रूप में पेश करता है. अगर ये अकाउंट सही होता तो ट्विटर ने इस अकाउंट को कुछ समय पहले ही हटा दिया होता.

हाल में आई ख़बरों की सत्यता पर संदेह के बावजदू इस बात का आकलन करना ठीक होगा कि बग़दादी की मौत का आईएस के भविष्य पर क्या असर पड़ेगा?

बग़दादी की छवि गढ़ने में आईएस ने काफी निवेश किया है. एक साल पहले ही उन्होंने ख़ुद को खलीफा घोषित किया है. इस साल जून में ख़िलाफ़त यानी इस्लामिक राज्य की घोषणा की थी.

आईएसआई का नया नाम

बग़दादी के बिना आईएस का क्या होगा?

बग़दादी ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक़ (आईएसआई) को अप्रैल 2013 में नया नाम इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक़ एंड लीवैंट (आईएसआईएस) दिया था.

आईएसआईएस का एक तरह से ये कहना था किइराक़ और सीरिया में इस्लामी देश की मौजूदगी एक संयोग की बात थी और भविष्य में तो उसका विस्तार होना ही था.

आईएस की एक देश और ख़िलाफ़त की घोषणा बग़दादी के व्यक्तित्व से बहुत नज़दीक से जुड़ी है, जो पहले ख़ुद को ऑडियो संदेशों के पीछे छिपाए रहते थे.

बग़दादी के बिना आईएस का क्या होगा?

अबू बकर अल बगदादी ख़ुद को पैगंबर मोहम्मद के परिवार से जुड़ा बताते हैं

पैगंबर मोहम्मद के परिवार से जुड़े होने और धर्मशास्त्रों की जानकारी होने के बग़दादी के दावे को उनके समर्थकों की नज़र में वैधता मिली है.

उनकी मौत होने की दशा में उनका उत्तराधिकारी तलाशना भी एक समस्या है. आईएस के किसी और व्यक्ति को ख़लीफ़ा और इस्लामिक क़ानून के जानकार के रूप में जगह लेने के लिए सार्वजनिक रूप से तैयार नहीं किया गया है.

बग़दादी का व्यक्तित्व

बग़दादी के बिना आईएस का क्या होगा?

आईएस के इस उठान को बग़दादी के व्यक्तित्व से जोड़ा जाता है.

ख़िलाफ़त की घोषणा को वैधता देने वाले शूरा काउंसिल के सदस्यों जैसे आईएस के अन्य वरिष्ठ सदस्य आम लोगों के लिए अब भी एक पहेली से ही बने हुए हैं.

आईएस के प्रवक्ता अदनानी और उमर शिशानी और शाकिर अबू वहीब जैसे फ़ील्ड कमांडरों को बग़दादी के संभावित उत्तराधिकारियों के रूप में पेश किया जा रहा है.

बग़दादी की मौत की स्थिति में उनके उत्तराधिकारी के नाम पर आईएस में तुरंत आम राय नहीं बनने की सूरत में बहुत अव्यवस्था फैल सकती है.

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