आगरा: रविवार को धाकरान पर हुए धमाकों में पुलिस ने कानून की कलाबाजी दिखा दी। मामले में जांच से बचने के लिए मृतकों पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया। ऐसे में पुलिस अपनी हर जांच से साफ बच गई। चूंकि मुकदमे में नामजदों की तो मौत हो चुकी है, अब छानबीन किस बात की? आगे जाकर मुकदमा खुद ही खत्म हो जाएगा और पुलिस मामले में इतिश्री कर देगी।

 

पुलिस ने किया अपना फायदा

थाना नाई की मंडी में तैनात दरोगा संतोष कुमार मुकदमे के वादी बने हैं। मृतक सनी पुत्र स्व। ओमप्रकाश निवासी नई आबादी, किशोरी राम की बगीची, राम नगर, जगदीशपुरा, अजय पुत्र परमानंद निवासी आवास विकास कॉलोनी, सेक्टर-1 बोदला के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम में मुकदमा पंजीकृत किया है। अब इस मामले में कानून के जानकारों की माने तो पुलिस ने अपना पल्ला झाड़ने के लिए मृतकों पर केस किया है। दरअसल, मृतकों पर मुकदमा नहीं हो सकता। यदि पुलिस मुकदमा नहीं करती तो पुलिस को पूरी जांच करनी पड़ती। मामले में अभी तक कई सवाल खड़े हुए हैं। मुकदमा दर्ज करने से हर सवाल खत्म कर दिया।

 

खत्म हो जाएगा केस

जानकारों की माने तो पुलिस मुकदमा दर्ज करने के बाद पूरी तरह से मामले से बच जाएगी। चूंकि दोनों आरोपियों की मौत हो चुकी है। मौत के बाद केस में कोई जान नहीं रहती। मुकदमा दर्ज करने की अपेक्षा पुलिस को पहले मामले की जांच करनी चाहिए थी कि बारुद कहां से आया और कहां पर जा रहा था।

 

इन सवालों के चाहिए जवाब


जानलेवा क्षमता वाला विस्फोटक कहां से लाया गया

दोनों युवक इतना विस्फोटक लेकर कहां जा रहे थे

आखिर कितना विस्फोटक ले जाया जा रहा था

कहीं कोई और मंसूबे के लिए तो नहीं लाया गया था