शहर स्थित काजीपुर गांव शहर की विधान सभा दक्षिण सीट के अंतर्गत आता है। मिश्रित आबादी वाला यह गांव यूं तो कई साल पहले ही नगर विकास क्षेत्र में आ चुका है, लेकिन विकास यहां आज भी सबसे बड़ा मुद्दा है। यहां आईनेक्स्ट ने चाय पर चर्चा कराई, तो दिलों की बातें जुबां तक आ गईं। ये दिल कह रहे थे, चाहे सरकार समाजवादी पार्टी की रही हो या फिर भाजपा के सीटिंग एमएलए लेकिन शहर में आने के बाद भी यह क्षेत्र दुश्ववारियों से उबर नहीं पाया है।

Meerut। चुनाव की चर्चाओं को लेकर बैठकों के दौर शुरू हो चुके हैं। यूं तो काजीपुर में सुबह से ही बैठकें शुरू हो जाती है। और यहां देर शाम तक चलती रहती हैं। लेकिन सोमवार को यहां की बैठक का नजारा कुछ दूसरा ही था। खिली धूप, चाय की चुस्की, और गुड़गुड़ाते हुक्के के बीच खूब सियासी बहस चल रही थी। चाय की प्याली हाथ में थामे लोग अपनी-अपनी पार्टी और प्रत्याशियों की शेखी बघारने में जुटे थे। इसी बीच पहुंचे आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने बैठक में एक छोटा सा सवाल पूछा कि इस बार इलाके में किसकी हवा चल रही है। बस इसके बाद तो राजनीतिक बहस गर्म चाय के साथ उफान पर आ गई।

- चाय का कप थामे पास में बैठे पौपीन प्रधान बोल उठे कि प्रदेश का विकास तो बहुजन समाज पार्टी ही करा सकै। बहन जी के राज में तो कानून आर्डर भी चुस्त दुरस्त रहता है।

- पौपीन प्रधान का बोलना ही शुरू हुआ था कि चाय का कप मेज पर रखते हुए अमरीश बीच में बोल पड़े। उन्होंने कहा कि बहन जी का राज भी सबसे अच्छा कहां है पौपीन भाई। इस पर पौपीन और अमरीश में बहस तेज हो गई। पौपीन ने कहा कि यार, किसी से भी पूछ लो कि बीएसपी की सरकार में अधिकारी आम जनता की सुनते थे। लेकिन अब तो अधिकारी नेताओं की भी नहीं सुनते हैं। इस बीच अमरीश ने तुरंत कहा कि इस बार बीजेपी सरकार से ही लोगों को उम्मीदें हैं।

- बीजेपी का नाम सुनते ही काफी देर से दोनों की बातें सुन रहे आशीष ने कहा कि यहां के लोगों को अपने विधायक तक का नाम भी पता नही? वैसे, विधायक के नाम-वाम से हमें कोई लेना-देना नहीं है। मुद्दा तो विकास का ही होना चाहिए चुनाव में।

- आशीष के समर्थन में उतरे देवेन्द्र हूण ने नाराजगी से कहा कि हमें तो अफसोस इसी बात का है कि विधायक चाहे कोई भी बने, सभी क्षेत्र में कोई विकास कार्य नहीं कराते हैं। अब आप मानें या तो ना मानें कि हालत तो यह है कि स्थानीय मुद्दे सदन में उठाए तक नहीं जाते।

- बस फिर क्या था लंबे समय से चुप्पी साधे बैठे पुलकित ने मुस्कराते हुए कहा कि आप तो पार्टी को बदनाम करने पर तुले हैं। आप मोदी सरकार की नीतियों को समझकर तो देखो। रोज अखबारों में आता है कि भारत की विदेश नीति का दुनिया लोहा मान रही है। मोदी सरकार का नाम आते ही अमरीश ने टोकते हुए कहा कि हमें क्षेत्र का विकास चाहिए और आम हमें विदेश नीति समझा रहे हो।

- खिली धूप में बैठे शीशपाल भी चर्चा में शामिल होने आ गए, उन्होंने कहा कि यार एक चीज समझो, अगर जो सरकार विकास कराएगी, वही अच्छी चलेगी। फिर चाहे वो किसी भी पार्टी की क्यों न हो। बीजेपी ही सुशासन ला सकती है।

- अब बात प्रदेश और देश लेवल पर पहुंची तो लव खारी ने कहा कि एक ही पार्टी है, जो हमारे प्रदेश में क्राइम कंट्रोल कर सकती हैं। तो बराबर में बैठे सिर झुकाकर चाय की चुस्की ले रहे आशीष ने अभिषेक का हाथ झटकते हुए कहा कि उस पार्टी ने तो पार्क के अलावा बनवाया ही क्या?

- इस सवाल को सुनकर बैठक में संजय प्रधान भी आ गए। चाय का प्याला हाथ में उठाकर बोले कि यार पार्टियां कोई भी हों, वे जनता को मुद्दों से भटकाती हैं। यार ये तो हमीं को सोचना पड़ेगा कि किन मुद्दों पर वोट दें। ये लोग कहते हैं कि बीजेपी से शिकायत हैं। तुम कह रहे हो कि बीएसपी ने कुछ नहीं किया। सपा के भाई कहते हैं कि अखिलेश ने सूबे की तस्वीर बदल दी है। यार सबसे बड़ी तो यह है कि हमने अपने विधायक से कितने सवाल पूछे हैं।

- इस पर विनोद गुर्जर ने कहा कि तुम भी यार ऐसी बातें कर रहे हो। भला गरीब आदमी विधायक से कहीं विकास को लेकर सवाल पूछेगा। वो बस अपने वोट के माध्यम से ही जवाब देता है। चाय पे गरमागरम चर्चा के दौरान सभी एक बात पर सहमत हुए कि अबकी बार हमें अपने अपने विधायकों से विकास का हिसाब किताब लेना ही पड़ेगा। यही लोकतंत्र का महत्व है।

टी प्वाइंट

सबकी बातों को ध्यान से सुन रहे विनोद गुर्जर अचानक उठे और कहा कि भाइयों हमें सबसे पहले बेदाग छवि वाले प्रत्याशी और विकास पर ध्यान देने वाली पार्टी को देखना चाहिए। विनोद ने कहा कि जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर उठते हुए हमें अब विकास के मुद्दे को तरजीह देनी चाहिए।

विनोद गुर्जर, काजीपुर

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विकास का मुद्दा सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें पार्टी से अधिक प्रत्याशी की छवि को ध्यान में रखकर चलना चाहिए। प्रदेश और देश की सरकारों से पहले तो हमारे बीच में तो इलाके का प्रत्याशी ही रहेगा।

- अमरीश चपराणा

कानून-व्यवस्था एक बड़ा मुद्दा है। वर्तमान में कानून-व्यवस्था काफी बिगड़ चुकी है। सरकार ने इस प्वाइंट पर कोई ध्यान नहीं दिया.इसको लेकर कई बार विरोध भी हुआ कि लेकिन क्राइम कंट्रोल को लेकर कोई सार्थक कदम नहीं उठाए गए।

- लव खारी

सुशासन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाली पार्टी को चुनना चाहिए। इससे अधिक प्रत्याशी की पृष्ठ भूमि और छवि को ध्यान में रख कर वोट करना होगा।

- अभिषेक भाटी

क्षेत्र से जुड़े मुद्दे बहुत हैं। लेकिन विकास का मुद्दा ही वास्तविक मुद्दा है। ऐसे में जो जाति-धर्म की राजनीति से ऊपर उठ जो पार्टी विकास की बात करे उसे वोट करना चाहिए।

- पुलकित चपराणा