- भोजपुरी समाज की ओर से होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम

- नहाए-खाए के साथ शुरू होगा महापर्व

- गोमती नदी तट पर साफ-सफाई के साथ तैयारी तेज

LUCKNOW: चार दिवसीय सूर्य की उपासना का महापर्व छठ पूजा शुरू होने वाली है। इसी के साथ राजधानी में छठ मैय्या की भक्ति का उफान जोरों पर है। गोमा किनारे बने लक्ष्मण मेला मैदान व झूलेलाल घाट पर छठ की तैयारियों को लेकर साफ सफाई शुरू हो चुकी है। कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भोजपुरी समाज द्वारा किया जा रहा है। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, मंत्री सुरेश खन्ना, ब्रजेश पाठक, दारा सिंह चौहान, चेतन चौहान, आशुतोष टंडन व मेयर संयुक्ता भाटिया सहित अन्य गणमान्य शामिल हो सकते हैं।

साफ-सफाई का काम आखिरी दौर में

अखिल भारतीय भोजपुरी समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रभुनाथ राय ने बताया कि छठ पर्व को लेकर सभी तैयारी अंतिम दौर में है। गोमती तट पर साफ-सफाई के साथ सुसोभिता 'सूर्य मंदिर' बनवाने और उसकी रंगाई पुताई का काम चल रहा है। इसके साथ सुरक्षा के लिए पुलिस ड्यूटी भी लगवाई गई है। घाट पर पानी का लेवल बेहद कम है। उसको बढ़ाने के इंतजाम किये जा रहे हैं। इसके साथ ही जो लोग यहां सूर्य देव की पूजा करने आएंगे उनसे अपील की जाएगी कि नदी में गंदगी और कूड़ा ना बहाएं। पर्व के दौरान जल पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की भी व्यवस्था रहेगी ताकि भीड़ को मैनेज किया जा सके।

नहाए-खाये के साथ होगी शुरूआत

छठ पर्व की शुरुआत गुरुवार 31 अक्टूबर को नहाए-खाए के साथ होगी। इसके बाद 1 नवंबर को खरना यानि छोटी छठ पंचमी मनाई जाएगी। वहीं 2 नवंबर को बड़ी छठी षष्ठी व्रत अस्तचलगामी सूर्य को पहला अ‌र्घ्य देकर शुरू हो जायेगा, जिसके बाद सुहागिनें व्रत रखेंगी और रात में कोसी भरना किया जाएगा। अगले दिन सप्तमी यानि 3 नवंबर को सूर्योदय को अ‌र्घ्य देने के साथ व्रत का पारण किया जाएगा।

150 कलाकार देंगे प्रस्तुति

छठ पर्व के दौरान हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। पूजा के दौरान श्रद्धालु तट पर ही पूरा दिन बिताते हैं। ऐसे में भोजपुरी समाज की ओर से लक्ष्मण मेला पार्क में सांस्कृतिक कार्यक्रमों को भी आयोजन किया जाता है। इसबार करीब 150 कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुति देंगे, जिसमें संजू बघेल, सुरेश शुक्ला, कुसुम पांडे, उमेश कनौजिया, अनीता सहित अन्य कलाकारों की प्रस्तुति शामिल है। इसके साथ झूलेलाल पार्क में भी कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

महिलाएं भरती हैं कोसी

छठ व्रती महिला व पुरुष माटी की कोसी के रूप में षष्ठी देवी की पूजा अर्चना करते हैं। व्रती शाम को पहले अ‌र्घ्य अर्पण के बाद जब घाट से वापस घर को आते हैं तो आंगन में रंगोली बना माटी के हाथीनुमा कोसी की पूजा अर्चना करते हैं, जिसके ऊपर ईख का चनना बनाकर पूजा की जाती हैं, जिसे महिलाएं कोसी भरना भी कहती हैं।

बॉक्स

31 अक्टूबर : नहाए-खाए

1 नवंबर - खरना व सांस्कृतिक कार्यक्रम

2 नवंबर : डाला छठ अस्तचलगामी सूर्य को अ‌र्घ्य

3 नवंबर : उगते सूर्य के साथ अ‌र्घ्य व व्रत पारण