-लखनऊ के बाद कानपुर की 2280 शिकायतें प्रदेश में सबसे ज्यादा, नगर निगम की कम्प्लेन सबसे अधिक

-480 शिकायतें हो चुकी हैं डिफाल्टर, सीएम ने सही निस्तारण होने का रेशियो 37 से बढ़ाकर 80 परसेंट किया

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KANPUR : 4 जुलाई को पूरे प्रदेश में शुरू हुई सीएम हेल्पलाइन 1076 पर भी समस्याओं की 'बाढ़' आ गई है। टेस्टिंग से लेकर अभी तक 2280 शिकायतें विभिन्न डिपार्टमेंट की आ चुकी हैं। इसमें नगर निगम की समस्याएं सबसे अधिक हैं। प्रदेश में लखनऊ के बाद कानपुर पब्लिक कम्प्लेंट को लेकर दूसरे नंबर पर है। जबकि तीसरा नंबर अलीगढ़ का है।

80 परसेंट निस्तारण हो सही

अधिकारियों का कहना है कि आईजीआरएस से अलग इसमें शिकायतों का निस्तारण तेजी से किया जा रहा है। इसमें आने वाली शिकायतें सीधे संबंधित विभाग के पास जाती हैं। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसमें आने वाली शिकायतों के सही निस्तारण का रेशियो 37 परसेंट से बढ़ाकर 80 परसेंट कर दिया है। इसमें शिकायतकर्ता को संतुष्ट करना अि1नवार्य है।

सजेशन भी दे सकते हैं

सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत के अलावा डेवलपमेंट से जुड़े मुद्दों पर सजेशन भी दिया जा सकता है। इसके साथ ही सरकारी योजनाओं और पात्रता की जानकारी भी ली जा सकती है।

सही कार्रवाई न होने से परेशान

समाधान दिवस, थाना, तहसील और अन्य डिपार्टमेंट में शिकायतों पर ध्यान ने देने से पब्लिक परेशान है। सीनियर अफसरों के आदेश के बावजूद सैकड़ों मामलों में एफआईआर तक नहीं लिखी जाती है। भू-अभिलेख में गड़बड़ी को लेकर भी शिकायतों की भरमार है। वहीं पीडि़तों का यह भी कहना है कि कंप्लेन को क्लोज करने के लिए झूठी रिपोर्ट तक लगा दी जाती है। ऐसे में आम आदमी परेशान घूम रहा है।

रोज 30 हजार से ज्यादा कॉल्स आती

यूपीडेस्को के आंकड़ों के मुताबिक शहरों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों की शिकायतें ज्यादा हैं। पूरे प्रदेश में टेस्टिंग की डेट 1 फरवरी से 1 जून तक 53,827 कंप्लेन सीएम हेल्पलाइन में आ चुकी हैं। रोजाना 30,000 से ज्यादा कॉल्स आती हैं, जिसमें 5,000 तक शिकायतें होती हैं।

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शहर की शिकायतों का हाल

-2280 टोटल कंप्लेन

-233 आंशिक निस्तारित

-1384 निस्तारित

-183 लंबित

-480 डिफाल्टर

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यह समस्याएं ज्यादा

सड़क में गड्ढे, जलभराव, नाला सफाई

कूड़ा व गंदगी, अवैध अतिक्रमण, चट्टे

राशन न मिलना, स्ट्रीट लाइट खराब होना

आवारा जानवर, भू-अभिलेख में गड़बड़ी

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सीएम हेल्पलाइन में आने वाली कंप्लेन सीधे विभागों के पास जाती हैं। शिकायतों का निस्तारण तय समय और क्वालिटी के साथ हो, इसके लिए निर्देश सभी अधिकारियों को दिए जा चुके हैं। फर्जी निस्तारण की पुष्टि होने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

संतोष कुमार शर्मा, नगर आयुक्त