लखनऊ (ब्यूरो)। कहते हैं कि अगर इंसान के अंदर कुछ करने का जज्बा हो, तो कामयाबी उसके कदम जरूर चूमती है। यह लाइन सटीक बैठती है महानगर के रहने वाले कुणाल रस्तोगी पर, जिन्होंने अपना और अपने पापा का सपना सच करने के लिए लोक संघ सेवा आयोग (यूपीएससी) की तैयारी यूट्यूब पर शुरू की और फिर उनकी ये मेहनत इतनी रंग लाई कि उन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन-2023 के रिजल्ट में 15वीं रैंक हासिल कर ली। उनकी इस सफलता से परिवार में खुशी का महौल है।

कोचिंग नहीं, ऑनलाइन की पढ़ाई

कुणाल रस्तोगी की नानी मां आशा बताती हैं कि वर्ष 2016 में नाती कुणाल ने सीएमएस गोमतीनगर से 97 परसेंट से 12वीं पास की और फिर बिड़ला प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान से इंजीनियरिंग की। कुणाल के पिता पुनीत रस्तोगी छत्तीसगढ़ में बीएसएफ में बतौर एडीजी तैनात हैं, जबकि मां नीमा हाउस वाइफ हैं। घर में बड़ा होने की वजह से पिता का सपना था कि बेटा उनकी तरह एक बड़ा अफसर बने। फिर कुणाल ने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन पिता के बार-बार ट्रांसफर होने की वजह से वह एक जगह रुक नहीं पाया। इसके बाद उसने यूट्यूब पर ऑनलाइन क्लासेज शुरू कीं और फिर तीसरे अटेंप्ट में उसे कामयाबी मिल गई। उन्होने बताया कि बेटा अभी दिल्ली में है, वह जल्द ही घर आने वाला है।

शिवांश ने दिन-रात पढ़ाई कर पाया मुकाम

शिवांश अस्थाना राजाजीपुरम के रहने वाले हैं। इन्होंने सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन-2023 के रिजल्ट में 260वीं रैंक हासिल की है। शिवांश के पिता निर्मल कुमार अस्थाना रिटायर्ड पर्सन हैं। उनकी मां वंदना हाउस वाइफ हैं। शिवांश बताते हैं कि उन्होंने वर्ष 2018 में राजाजीपुरम सीएमएस से 12वीं की, फिर इंजीनियरिंग की। शुरू से ही आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखा था। वर्ष 2021 से यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। दिन भर में लगातार 12 घंटे पढ़ाई करता था। यह मेरा तीसरा अटेंप्ट था। जब रिजल्ट आया तो यकीन ही नहीं हुआ कि सिलेक्शन हो गया है।

मेहनत से मिली कामयाबी: जान्हवी

जान्हवी दुबे आशियाना की रहने वाली हैं। सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन-2023 के रिजल्ट में उनकी 324वीं रैंक आई है। वर्तमान में वह वाराणसी में असिस्टेंट कमिश्नर जीएसटी के पद पर कार्यरत हैं। उनका यह पांचवा अटेंप्ट था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2013 में उन्होंने कानपुर रोड सीएमएस से 12वीं पास की थी। इसके बाद 2013 में एनआईटी कुरुक्षेत्र में इंजीनियरिंग का दाखिला हो गया था। वर्ष 2018 में प्रिपरेशन किया और 2021 में उनकी जॉइनिंग जीएसटी विभाग में हो गई, लेकिन उनके पापा का सपना था कि बेटी अच्छे रैंक से आईएएस बने और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी की। मंगलवार को जब रिजल्ट आया तो उनको यकीन ही नहीं हुआ कि उनका सिलेक्शन हो गया है। उनको 324वीं रैंक मिली है, लेकिन इस रैंक के लिए भी उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी, दिन रात इसके लिए पढ़ाई किया तब जाकर यह मुकाम हासिल किया।

पिता को देखकर आया मोटिवेशन: मृणाल

सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन-2023 के रिजल्ट में मृणाल कुमार का भी नाम आया है। इनको 197वीं रैंक मिली है। इनके पिता हरीश कुमार एडीजी के पद से रिटायर्ड अधिकारी है। जबकि मां उमा कुमार हाउस वाइफ हैं। मृणाल के पिता हरीश ने बताया कि मेरे एक बेटी और बेटा है। बेटे को हमेशा से ही आईएएस बनाने का सपना था और वह खुद भी अक्सर कहता था कि पापा मुझे आपकी तरह एक बड़ा अधिकारी बनना है। वर्ष 2015 कानपुर रोड सीएमएस से 12वीं करने के बाद वह देहरादून शिफ्ट हो गया। इसके बाद उसने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। बेटा पढ़ाई में इतना तेज था कि उसको हर चीज आसानी से याद हो जाती थी। मंगलवार को रिजल्ट देखा तो उनको यकीन नहीं हुआ कि उनका बेटा आईएएस बन गया है।

23 अप्रैल को मनेंगी घर में खुशियां: आदित्य

ऑल इंडिया टॉपर आदित्य श्रीवास्तव के पिता अजय श्रीवास्तव ने बताया कि उनका बेटा इस वक्त हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग ले रहा है। जब से रिजल्ट आया है तभी से वह घर आने को बेचैन है। बेटा 23 अप्रैल को घर आ जाएगा। ऐसे में अभी से ही रिश्तेदारों का आना जाना शुरू हो गया है। बेटे आदित्य ने मां से अपने पसंदीदा खाना बनाने के लिए भी कहा है। उसके आने की तैयारी में जल्दी दिन भी नहीं बीत रहा है। वहीं, मां आभा ने बताया कि बेटे आदित्य ने हम सभी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

सीएमएस के 8 छात्रों ने फहराया परचम

सिटी मोन्टेसरी स्कूल के इस वर्ष कुल 8 छात्रों ने यूपीएससी परीक्षा में स्कूल का नाम रौशन किया है, जिनमें सम्यक चौधरी, अभ्युदय प्रताप और प्रखर सिंह भी शामिल हैं। सीएमएस संस्थापिका-निदेशिका डॉ। भारती गांधी, सीएमएस प्रबंधक प्रो। गीता गांधी किंगडन ने सभी को बधाई दी। डॉ। भारती गांधी ने कहा कि परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने इन छात्रों ने बता दिया है कि मेहनत और विश्वास से कोई भी कार्य असम्भव नहीं होता है।